आजमगढ़ में सपा का नया किला: अखिलेश यादव का 72 बिस्वा का आशियाना, 2027 के लिए पूर्वांचल पर निशाना
उत्तर प्रदेश विधानसभा 2027 के चुनाव को जीतने के लिए समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव किसी भी तरह की चूक नहीं करने के लिए बिल्कुल तैयार हैं. ऐसे में पूर्वांचल फतह में होने वाली दिक्कतों को दूर करने के लिए उन्होंने 72 बिस्वा में नए भवन का निर्माण किया है. जिसे नेताओं से मीटिंग और कई तरह की आधुनिक जरूरतों के हिसाब से तैयार किया गया है.

समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने 2027 के विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए पूर्वांचल में अपनी सियासी जमीन को और मजबूत करने का बिगुल बजा दिया है. आजमगढ़ के अनवरगंज में 72 बिस्वा जमीन पर बना उनका नया कैंप आवास न केवल उनका निजी ठिकाना है, बल्कि पूर्वांचल की 117 विधानसभा सीटों पर सपा की पकड़ को अजेय बनाने की रणनीति का केंद्र बिंदु भी है. 3 जुलाई, 2025 को इसका उद्घाटन हवन-पूजन के साथ होगा. इसके बाद पार्टी प्रमुख यहां पर एक जनसभा को भी संबोधित करेंगे. यह कदम सपा के ‘करो या मरो’ के संकल्प को भी दिखाता है. इसकी के तहत वो पार्टी 2027 में उत्तर प्रदेश की सत्ता पर कब्जा करने की तैयारी में जुटी हुई है.
आजमगढ़ लंबे समय से समाजवादी पार्टी का गढ़ रहा है. 2014 में सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव ने यहां से लोकसभा चुनाव जीता था. 2019 में अखिलेश यादव ने जीत हासिल की और 2024 में उनके चचेरे भाई धर्मेंद्र यादव ने इस सीट पर सपा का परचम लहराया. आजमगढ़ को सपा अपनी परंपरागत सीट मानती है और अब अखिलेश का यहां पर स्थायी ठिकाना बनाना इस क्षेत्र में पार्टी की जड़ों को और गहरा करने की रणनीति का हिस्सा है. 2024 के लोकसभा चुनाव में सपा ने पूर्वांचल में शानदार प्रदर्शन करते हुए सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को कई सीटों पर करारी शिकस्त दी.
कहां पर है बीजेपी कमजोर?
आजमगढ़, मऊ, गाजीपुर, संतकबीरनगर, बस्ती, बलिया और अंबेडकरनगर जैसे जिलों में सपा का दबदबा पहले से ही कायम है. दूसरी ओर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का गढ़ गोरखपुर भले ही बीजेपी का केंद्र रहा हो, लेकिन पूर्वांचल के दूसरे जिलों में उनकी पैठ उतनी मजबूत नहीं रही. 2024 के लोकसभा चुनावों में यह साफ हो गया कि बीजेपी की यहां पर पकड़ कमजोर हुई है. ऐसे में अखिलेश का आजमगढ़ को सियासी केंद्र बनाना सपा के लिए गेम-चेंजर साबित हो सकता है.
72 बिस्वा का आधुनिक आशियाना आजमगढ़ के अनवरगंज में बना अखिलेश यादव का नया कैंप आवास 4,374 वर्ग मीटर (72 बिस्वा) जमीन पर फैला है. इसे बनाने की प्रक्रिया 2021 में शुरू हुई थी और अब यह पूरी तरह तैयार हो चुका है. इसकी सबसे खास बात इसकी रणनीतिक स्थिति है. यह आवास जिला मुख्यालय और मंदुरी हवाई अड्डे से महज 7 किलोमीटर की दूरी पर है. जिससे अखिलेश शहर और हवाई अड्डे तक तुरंत पहुंच सकेंगे. यह भवन आधुनिक सुविधाओं के हिसाब से बनाया गया है. ग्राउंड फ्लोर पर ऑफिस और मीटिंग हॉल बनाए गए हैं, जो सपा कार्यकर्ताओं और नेताओं के साथ रणनीतिक बैठकों के लिए उपयुक्त हैं. वहीं पहली मंजिल पर रेजिडेंशियल एरिया है, जो अखिलेश के निजी उपयोग के लिए तैयार किया गया है. भवन परिसर में पर्याप्त खुला स्थान भी है, जहां छोटी-मोटी सभाओं को संबोधित किया जा सकता है. इसकी मॉनिटरिंग सपा सांसद धर्मेंद्र यादव और अन्य पार्टी पदाधिकारियों ने की है.
पूर्वांचल में कार्यालय न होने की वजह से थी दिक्कतें
2027 के विधानसभा चुनावों में सपा का लक्ष्य उत्तर प्रदेश की सत्ता पर वापसी करना है. अखिलेश यादव पहले से ही लखनऊ से मध्यांचल और सैफई से पश्चिमी उत्तर प्रदेश की सीटों की मॉनिटरिंग कर रहे हैं. लेकिन पूर्वांचल, जो 117 विधानसभा सीटों के साथ राज्य की सियासत में निर्णायक भूमिका निभाता है. यहां बढ़िया कार्यालय न होने की वजह से दिक्क़त होती है. आजमगढ़ में नया आवास बनाकर अखिलेश ने इस कमी को पूरा करने का फैसला किया है. राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह कदम सपा के लिए पूर्वांचल में नई ऊर्जा का संचार करेगा. आजमगढ़ को सियासी मुख्यालय बनाने से न केवल सपा कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ेगा, बल्कि यह क्षेत्र के मतदाताओं के साथ सीधा संवाद स्थापित करने में भी मददगार होगा.
उद्घाटन समारोह और जनसभा 3 जुलाई, 2025 को अखिलेश यादव इस नए आवास का उद्घाटन हवन-पूजन के साथ करेंगे. इसके बाद एक बड़ी जनसभा को संबोधित करने का कार्यक्रम है, जिसमें हजारों सपा कार्यकर्ता और समर्थक शामिल होंगे. यह आयोजन सपा के लिए एक बड़ा शक्ति प्रदर्शन होगा और पूर्वांचल में पार्टी की स्थिति को और मजबूत करेगा.
पूर्वांचल में सपा कार्यकर्ताओं और नेताओं में अखिलेश के इस नए ठिकाने को लेकर उत्साह है. इससे क्षेत्र में सपा की सक्रियता और बढ़ेगी. अखिलेश यादव का आजमगढ़ में नया कैंप आवास सपा की 2027 की रणनीति का एक अहम हिस्सा है. यह न केवल उनकी निजी उपस्थिति को पूर्वांचल में मजबूत करेगा, बल्कि सपा को क्षेत्र की 117 विधानसभा सीटों पर अपनी पकड़ को और सशक्त करने का मौका भी देगा. आजमगढ़ को सियासी मुख्यालय बनाकर अखिलेश ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गढ़ में सेंध लगाने की तैयारी कर ली है.



