‘घबराने की जरूरत नहीं…’, जब ऑर्मी डॉक्टर ने झांसी रेलवे स्टेशन पर करवाई महिला की डिलीवरी

भारतीय सेना के मेजर डॉक्टर रोहित ने मानवता और सेवाभाव की एक बड़ी मिशाल पेश की है. उन्होंने झांसी स्टेशन के फुटओवर ब्रिज पर एक महिला का सुरक्षित प्रसव कराया. उनकी त्वरित सोच और कुशलता से मां और बच्चे दोनों स्वस्थ हैं. यह घटना सेना की समर्पित सेवा को दर्शाती है.

आर्मी डॉक्टर ने झांसी स्टेशन पर महिला की सफल डिलीवरी कराई

हमने भारतीय सेना को सीमा पर बहादुरी से देश की सेवा करते देखा है. लेकिन झांसी स्टेशन पर सेना के एक डॉक्टर ने सेवा, समर्पण और मानवता की एक बेहतरीन मिसाल पेश की है. उन्होंने रेलवे स्टेशन पर ही दर्द से कराह रही एक गर्भवती महिला का प्रसव कराकर ‘देवदूत’ की तरह काम किया. अपर्याप्त चिकित्सा उपकरणों के बावजूद, प्रसव सफल रहा और बच्चा और मां दोनों स्वस्थ हैं.

दरअसल, पनवेल से गोरखपुर जा रही गर्भवती महिला लिली कुशवाहा को ट्रेन में अचानक प्रसव पीड़ा हुई. उन्होंने रेल मदद ऐप के ज़रिए सहायता मांगी. जैसे ही ट्रेन झांसी स्टेशन पहुंची. उन्हें रेलवे कर्मचारी अस्पताल ले जा रहे थे. महिला की तबीयत बिगड़ने लगी थी. ऐसे में एक आर्मी डॉक्टर मेजर रोहित बचवाला वहां से गुजर रहे थे और उनकी नजर महिला पर पड़ी. जिसके बाद फुटओवर ब्रिज पर ही महिला की सुरक्षित डिलीवरी करवाई गई.

घबराने की जरूरत नहीं हैं, मैं आपके साथ हूं

भारतीय सेना के मेजर डॉक्टर रोहित ने कहा कि जब वह झांसी स्टेशन पहुंचे तो वह फुटब्रिज से दुसरे नंबर प्लेटफार्म पर जा रहे थे. इस दौरान एक महिला लिफ्ट से चिखते हुए बाहर आई और व्हीलचेयर से गिर पड़ी. उन्होंने बिना सोचे समझे पहले तो महिला के पास पहुंचे और उससे पुछा कि ये दर्द क्यों हो रही है. फिर पता चला कि वो एक्टिव लेबर में थी. उन्होंने महिला को कहा कि घबराने की जरूरत नहीं हैं. मैं आपके साथ हूं.

मेजर रोहित ने इसके बाद आसपास से मदद ली और कुछ सामान इकट्ठा किया जिसमें पॉकेट नाइफ, क्लिप और सूती कपड़े थे. उन्होंने कहा कि वो महिला को दूसरे किसी स्थान पर नहीं ले जा सकते थे. क्योंकि, महिला पहले से एक्टिव लेबर में थीं. इसलिए फैसला किया यहीं उनका डिलीवरी करूंगा. प्रयाप्त समान के बावजूद उनका डिलीवरी सफल हुआ लेकिन बच्चा रिस्पॉन्स नहीं कर रहा था.

सेना प्रमुख ने की मेजर रोहित की सराहना

मेजर रोहित ने कहा कि इसके बाद वो अपनी क्लीनिकल ट्रिक्स का उपयोग किया और थोड़े देर में बच्चा रोने लगा. इससे खासतौर पर उन्हें काफी खुशी हुई. इसके बाद भी बच्चे की मां दर्द में थी जिसके बाद उनको एब्डोमिनल मसाज दिया. डिलीवरी के बाद बच्चे की मां काफी खुश थी. मेजर रोहित ने बताया कि इस डिलीवरी में रेलवे कर्मचारियों ने भी काफी मदद की. डिलीवरी के बाद मां-बच्चे को अस्पताल भेजा गया.

इस अद्वितीय सेवा और कर्तव्य से परे समर्पण के लिए सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने मेजर रोहित की प्रशंसनीय कार्यकुशलता और साहसिक मानवता की सराहना की. मेजर रोहित ने रेलवे स्टाफ का भी धन्यवाद दिया जिन्होंने उनकी मदद की और महिला की गरिमा और निजता बनाए रखी. मेजर रोहित का ये कदम समाज को प्रेरणा भी देता है.