परिस्थितियां बदली हैं, मकसद नहीं… धर्मांतरण पर CM योगी की खरी-खरी; कह दी ये बड़ी बात
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बलरामपुर में धर्मांतरण रैकेट की घटना पर गंभीर चिंता व्यक्त की है. इसके साथ ही लोगों को इससे सतर्क रहने की चेतावनी दी है. उन्होंने कहा कि हम सरकार के स्तर पर कार्रवाई कर रहे हैं लेकिन आप भी इस मामले में सजग रहिए.

उत्तर प्रदेश के बलरामपुर में एक बड़े धर्मांतरण रैकेट का पर्दाफाश होने से हड़कंप मच गया है. रैकेट का मास्टरमाइंड जलालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा अब तक 4000 हजार लड़कियों को फंसाकर धर्म परिवर्तन करा चुका है. इसके तार पूरे देश के साथ विदेश तक फैला था. पुलिस ने छांगुर बाबा और कंपनी को गिरफ्तार किया है. इस बीच सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने इस मुद्दे पर लोगों के चेताया है.
सीएम योगी ने शनिवार को गुरु तेज बहादुर जी महाराज की 350वें शहीदी वर्ष के मौके पर आयोजित संदेश यात्रा का अभिनंदन किया. उन्होंने इस दौरान प्रदेश में धर्मांतरण रैकेट को लेकर बड़ा बयान दिया. सीएम ने कहा,’मैंने पिछली बार भी एक कार्यक्रम में इस बात का जिक्र किया था कि पीलीभीत और अन्य स्थान पर धर्मांतरण की बातें सामने आई हैं. हम सरकार के स्तर पर कार्रवाई कर रहे हैं लेकिन आप भी इस मामले में सजग रहिए.’
देश का स्वरूप बिगड़ने का कर रहे काम- CM
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि धर्मांतरण को लेकर किस प्रकार की साजिश से हो रही है यह सभी जानते हैं. अभी बलरामपुर में एक बड़ी कार्रवाई हुई है. उसने रेट तय किए थे. यानी कि कैसे धर्मांतरण के कार्यक्रम को आगे बढ़ाना है. हिंदू में ब्राह्मण में क्षत्रिय में सिखों में अन्य ओबीसी जातियों में अनुसूचित जाति और जनजाति के लोगों को किस प्रकार से कन्वर्ट करना है, सबके रेट उसने तय किए थे.
उन्होंने कहा कि इस काम के लिए विदेशों से धनराशि आ रही थी. 100 करोड़ रुपए से अधिक का ट्रांजैक्शन उसके 40 खातों में थे. लगातार इस अभियान को आगे बढ़ने का कार्यक्रम चल रहा था. लोग इस रूप में देश का स्वरूप बिगड़ने का काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘परिस्थितियां बदल गई हैं उद्देश्य इनका वही है जो उस समय था. हां काम का तरीका जरूर बदल गया है.’
नई पीढ़ी को सिख गुरुओं से प्रेरणा लेना चाहिए
सीएम योगी ने कहा कि श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी संपूर्ण मानवता के लिए एक प्रेरणापुंज हैं. यह आयोजन हम सबको इस बात के लिए प्रेरणा दे रहा है कि जिस देश से सिख गुरुओं ने अपना त्याग और बलिदान दिया था. सिख वीरों ने अपना बलिदान दिया था अपनी शहादत दी थी. आज वर्तमान पीढ़ी को उस शहादत की परंपरा को फिर से जीवंत बनाए रखने के लिए एक नई रणनीति के तहत काम करने की आवश्यकता है.



