नौंवे दीपोत्सव पर अयोध्या की दीपों में झलकेगा ‘विकास’, राम की पैड़ी होगी मुख्य आकर्षण
अयोध्या में नौवें भव्य दीपोत्सव की तैयारियां जोरों पर हैं. इस बार के दीपोस्ताव में अयोध्या की दीपों के जरिए योगी सरकार के विकास का दृष्टिकोण झलकेगा. राम की पैड़ी का भव्य सौंदर्यीकरण, सरयू घाटों का पुनरुद्धार और आधुनिक पर्यटन सुविधाएं मुख्य आकर्षण होंगे. इसके अलावा करीब 20,000 लोगों की क्षमता वाली दर्शक दीर्घा, सेल्फी पॉइंट, एम्फीथिएटर और पत्थर की छतरियां भी पर्यटकों को खूब आकर्षित करेंगी. यह सब अयोध्या की प्राचीनता को बरकरार रखते हुए आध्यात्मिक पर्यटन को बढ़ावा देगा.

राम नगरी अयोध्या में नौंवे भव्य और दिव्य दीपोत्सव की तैयारियां तेज हो गई हैं. इस बार के दीपोत्सव के लिए योगी सरकार ने विशेष तैयारी की है. कोशिश है कि अयोध्या की दीपों में योगी सरकार की विकास दृष्टि भी झलके. इसके लिए खासतौर पर राम की पैड़ी का भव्य सौंदर्यीकरण, सरयू घाटों का पुनरुद्धार और पर्यटन सुविधाओं का विस्तार आदि कराया गया है. इन सभी विकासकार्यों के बावजूद योगी सरकार ने अयोध्या की प्राचीनता को जीवंत रखने की कोशिश की है. वहीं श्रद्धालुओं को आधुनिक सुविधाओं से जोड़कर उन्हें आकर्षित करने की कोशिश की है.
दीपोत्सव को ध्यान में रखते हुए अब राम की पैड़ी को काफी आरामदायक और आकर्षक बनाया गया है. यहां पर बैठना पहले से कहीं अधिक बेहतर फील कराएगा. योगी सरकार ने वित्तीय वर्ष 2023-24 में 2324.55 लाख रुपये की लागत से यहां लगभग 350 मीटर लंबी सीढ़ियों और दर्शक दीर्घा का निर्माण कराया था. जिसमें 18,000 से 20,000 लोग एक साथ बैठ सकते हैं. इसके अलावा यहां बने सेल्फी पॉइंट में भगवान श्रीराम, माता सीता और लक्ष्मण की भव्य मूर्तियां हैं. यहां आधुनिक प्रकाश व्यवस्था, बाउंड्री वॉल और अन्य पर्यटन सुविधाओं ने भी इसे विश्वस्तरीय रूप प्रदान किया है.
आठ एम्फीथिएटर भी होंगे आकर्षण
वित्तीय वर्ष 2024-25 में स्वीकृत 2367.61 लाख रुपये की लागत से राम की पैड़ी और भी भव्य स्वरूप दिया जा रहा है. यहां आठ छोटे एम्फीथिएटर बनाए जा रहे हैं, जो दर्शकों को बैठने की सुविधा देंगे. इसके अलावा छह पत्थर की छतरियां, आठ भव्य दीपक और सात मीटर ऊंचे पत्थर के स्तंभ इस घाट की शोभा बढ़ाएंगे. इसी प्रकार अयोध्या की जीवनरेखा कही जाने वाली सरयू नदी के तट को भी नया रूप दिया जा रहा है. लगभग 2.5 किलोमीटर लंबाई में फैले घाटों के जीर्णोद्धार और सौंदर्यीकरण पर 2346.11 लाख रुपये खर्च किए जा रहे हैं.
मनमोहक होगी सरयू आरती
इसमें परियोजना में 32 पत्थर की छतरियां लग रही हैं. इसके अलावा 11 विशाल स्तंभ, चार पूजा स्थल, दो गौ-पूजा स्थल, 15 दिशा सूचक, 60 इंटरप्रिटेशन वॉल और एक वीआईपी पवेलियन बनाए जा रहे हैं. आधुनिक रोशनी और स्वच्छ घाट व्यवस्था के साथ यह क्षेत्र अब उत्तर प्रदेश का सबसे भव्य आध्यात्मिक पर्यटन का नया गंतव्य बनेगा. वहीं सरयू महारानी की आरती का दृश्य अब और भी ज्यादा मनमोहक और भव्य होगा.