कोर्ट में पेश हुआ ‘करोड़पति कानूनगो’ का कच्चा चिट्ठा, चार्जशीट में महिला लेखपाल और बिल्डर के भी नाम
कानपुर पुलिस ने 'करोड़पति कानूनगो' आलोक दुबे समेत 7 आरोपियों के खिलाफ भूमि धोखाधड़ी मामले में चार्जशीट दायर कर दी है. इसमें एक महिला लेखपाल और बिल्डर भी शामिल हैं. आरोप है कि फर्जी रजिस्ट्री और दानपत्र से करोड़ों की जमीन हड़पी गई. पुलिस ने राजस्व कर्मियों व बिल्डर की सांठगांठ उजागर की है, जबकि आलोक दुबे की संपत्ति की विजिलेंस जांच जारी है.

उत्तर प्रदेश के कानपुर में बहुचर्चित करोड़पति कानूनगो केस में पुलिस ने कोर्ट में चार्जशीट पेश कर दी है. इस चार्जशीट में पुलिस ने डिमोट होकर लेखपाल बने ‘करोड़पति कानूनगो’ आलोक दुबे के अलावा एक महिला लेखपाल और बिल्डर समेत 7 आरोपियों को नामजद किया है. इसी के साथ इन सभी आरोपियों पर गिरफ्तारी की तलवार लटक गई है. आलोक दुबे को पहले ही डिमोट किया जा चुका है, वहीं अब चार्जशीट पेश हो गई.
इसके अलावा उसके पास मिले करोड़ों की संपत्ति की जांच विजिलेंस टीम अलग से कर रही है. इस एक्शन के बाद राजस्व विभाग के अन्य कर्मचारियों में भी हड़कंप मच गया है. बता दें कि इसी साल मार्च महीने में कानपुर में जमीन संबंधी भ्रष्टाचार का बड़ा मामला उजागर हुआ था. इस मामले में डीएम कानपुर के निर्देश पर पुलिस में आरोपी कानूनगो-लेखपाल समेत अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया.
पुलिस ने दाखिल किया चार्जशीट
वहीं एडीएम फाइनेंस की रिपोर्ट पर डीएम ने तत्कालीन कानूनगो आलोक दुबे को डिमोट करते हुए वापस लेखपाल बना दिया था. इस मामले की जांच करते हुए पुलिस ने पाया कि यह मामला करोड़ों रुपये की भूमि की फर्जी रजिस्ट्री और दानपत्र से जुड़े षड्यंत्र का है. पुलिस ने इस गोरखधंधे में बिल्डर और राजस्व कर्मियों की सांठगांठ को अंडरलाइन किया और अब जांच पूरी करते हुए चार्जशीट कोर्ट में दाखिल कर दिया है.
ये है नामजद आरोपी
चार्जशीट में पुलिस ने इस मामले में 7 आरोपियों को नामजद किया है. इनमें राजपति देवी उनकी बेटी राजकुमारी देवी, रघुबीर सिंह, अरुण सेंगर उर्फ अमन सेंगर, RNG इंफ्रा के भागीदार अमित गर्ग, तत्कालीन लेखपाल अरुणा द्विवेदी और तत्कालीन कानूनगो आलोक दुबे का नाम शामिल हैं. पुलिस ने अपनी चार्जशीट में बताया है कि यह धांधली कानपुर के सचेण्डी थाना क्षेत्र में कला का पुरवा गांव की है. यहां रहने वाले संदीप सिंह ने आरोप लगाया था कि स्व. गंगा सिंह के हिस्से की भूमि पर फर्जी रजिस्ट्री कराई गई.
सामने आई धांधली की कहानी
चार्जशीट के मुताबिक वादी की मां मोहनलाल उर्फ लाल साहिबा ने पहले ही अपने पति के हिस्से की जमीन का कुछ भाग वसीयत और कुछ भाग दानपत्र के माध्यम से हस्तांतरित कर दिया था. बावजूद इसके राजपति देवी और राजकुमारी देवी ने संपूर्ण भूमि पर दावा करते हुए रजिस्ट्री करा ली. शेष भूमि RNG इंफ्रा के भागीदार अमित गर्ग के नाम रजिस्ट्री कर दी गई. यही नहीं, इस रजिस्ट्री में जिन चेक नंबरों का उल्लेख है, उन्हें कभी कैश कराया ही नहीं गया.
जांच में पाया गया कि यह धांधली तत्कालीन कानूनगो आलोक दुबे और तत्कालीन लेखपाल अरुणा द्विवेदी ने कराया. उन्हें पता था कि विवादित भूमि खतौनी में राजपति और राजकुमारी के नाम दर्ज नहीं है, फिर भी फर्जी दस्तावेज तैयार करा दिए. यही नहीं, न्यायालय को भी धोखे में रखकर नाम चढ़ाने का आदेश कराया और उसी दिन रजिस्ट्री भी कराई.