गुंबद, 5 मीनारें और पारंपरिक शैली… अयोध्या मस्जिद की बनी नई डिजाइन, नक्शा खारिज होने पर क्या बोले मुख्य ट्रस्टी?

अयोध्या में धन्नीपुर मस्जिद का नया पारंपरिक डिज़ाइन तैयार हो गया है. इसे जल्द ही प्राधिकरण में मंजूरी के लिए पेश किया जाएगा. पुरानी डिज़ाइन खारिज होने पर मुख्य ट्रस्टी जुफर फारूकी ने कहा कि अच्छा ही हुआ. उन्होंने बताया कि नई डिज़ाइन पारंपरिक तरीके से बनेगी और इसमें पांच मीनारें और एक पारंपरिक गुंबद होगा.

धन्नीपुर मस्जिद की नई डिजाइन

अयोध्या में भगवान राम की जन्मभूमि छोड़ने के एवज में मुस्लिम पक्ष को धन्नीपुर गांव में मिली जमीन पर अब पारंपरिक डिजाइन में मस्जिद बनेगी. इस मस्जिद का प्रारूप फिर से तैयार कर दिया गया है. जल्द ही इस डिजाइन के मुताबिक नक्शा पास करने के लिए अयोध्या विकास प्राधिकरण में आवेदन दाखिल कर दिया जाएगा. यह जानकारी मस्जिद निर्माण के लिए गठित के मुख्य ट्रस्टी और सुन्नी वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष जुफर फारूकी ने दी. उन्होंने कहा कि मस्जिद का नक्शा रिजेक्ट होने पर भी प्रतिक्रिया दी. कहा कि इसका कोई मलाल नहीं, बल्कि यह अच्छा ही हुआ है.

उन्होंने कहा कि मस्जिद की जो डिजाइन अब तक बनाई गई थी, वह विदेशी शैली में थी. उस शैली को ज्यादातर लोग पसंद नहीं कर रहे थे. अब प्राधिकरण में नक्शा खारिज होने के बाद मस्जिद की जो नई डिजाइन बनाई गई है, वह पारंपरिक शैली में है. इस प्रस्तावित डिजाइन में पांच मीनारें हैं और एक पारंपरिक गुंबद भी है. उन्होंने कहा कि जल्द से जल्द कमेटी नई डिजाइन के मुताबिक नक्शा तैयार कर संबंधित विभागों से एनओसी हासिल कर लेगी. इसके बाद अयोध्या विकास प्राधिकरण में नक्शा पास कराने के लिए आवेदन दाखिल कर दिया जाएगा.

पहले ऐसी बननी थी मस्जिद

नई डिजाइन में क्या है खास?

मुख्य ट्रस्टी जुफर फारूकी के मुताबिक मस्जिद के लिए पुरानी डिजाइन अत्याधुनिक शैली में था. ऐसे में पारंपरिक लोगों को यह डिजाइन पसंद नहीं आ रही थी. इसलिए नई डिजाइन को बिल्कुल पारंपरिक रखा गया है. इसमें कांच का कम से कम इस्तेमाल किया जाएगा. मस्जिद की मीनारें और गुंबद लोगों को दूर से ही आकर्षित करेंगी. इस मस्जिद में नमाजियों की सुविधाओं के पूरे प्रबंध किए जाएंगे.

25 किमी दूर है प्रस्तावित जमीन

उन्होंने बताया कि मस्जिद की नई डिजाइन काफी चर्चा और विचार विमर्श के बाद तैयार की गई है. अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि से करीब 25 किमी दूरी पर मस्जिद के लिए जमीन आवंटित की गई है. यह जमीन साल 2019 में आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने आवंटित किया था. उसके बाद मस्जिद निर्माण के लिए गठित ट्रस्ट ने साल 2022 में मस्जिद का डिजाइन तैयार कराया और साल 2023 में नक्शा पास कराने के लिए अयोध्या विकास प्राधिकरण में दाखिल किया था.

खारिज हो गया था पुराना नक्शा

हालांकि इस आवेदन में अग्निशमन समेत कई अन्य विभागों की एनओसी नहीं लगाने की वजह से पिछले दिनों प्राधिकरण ने नक्शे का आवेदन खारिज कर दिया था.जबकि मस्जिद ट्रस्ट ने नक्शा पास करनेके लिए शुल्क के रूप में 4.02 लाख रुपये प्राधिकरण में जमा भी कर दिए थे. यह डिजाइन जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के आर्किटेक्टक्चर विभाग के प्रो. एमएस अख्तर ने बनाया था.