हनुमान गढ़ी का फरमान, प्रसाद के डिब्बे पर विक्रेता लिखें अपना नाम; सावन मेले से पहले अयोध्या में क्यों हुआ फैसला?

हनुमानगढ़ी से अयोध्या में लगने वाले सावन मेले से ठीक पहले एक बड़ा फरमान जारी हुआ है. इस फरमान के तहत सभी प्रसाद विक्रेताओं को अपने डिब्बों पर नाम और प्रसाद की गुणवत्ता का विवरण लिखना होगा. यह फैसला पंचों और विक्रेताओं की बैठक में लिया गया. फिलहाल यह आदेश भक्ति पथ और दर्शन पथ पर लागू होगा. बाद में अन्य क्षेत्रों में भी लागू किया जाएगा.

अयोध्या में प्रसाद की दुकानें

उत्तर प्रदेश में रामनगरी अयोध्या के सबसे बड़े सिद्ध पीठ हनुमान गढ़ी से बड़ा फरमान जारी किया गया है. इस फरमान के मुताबिक यहां के सभी मिठाई-प्रसाद विक्रेताओं को अपनी पहचान बतानी होगी. इसके लिए प्रसाद के डिब्बों पर मिठाई की गुणवत्ता, विक्रेता का नाम आदि अंकित करना होगा. यह फैसला पंचों और प्रसाद विक्रेताओं की बैठक में सर्व सम्मति से लिया गया. हालांकि यह फरमान फिलहाल भक्ति पथ और दर्शन पथ के दुकानदारों पर लागू होगा.

भविष्य में इसे अन्य दुकानदारों के लिए भी बाध्यकारी बनाया जाएगा. जारी फरमान के मुताबिक, सभी दुकानदारों को इसे आज से ही लागू करना होगा. इस संबंध में सिद्धपीठ हनुमानगढ़ी से आदेश जारी कर दिया गया है. बता दें कि 10 जुलाई से रामनगरी अयोध्या में सावन मेला शुरू हो रहा है. इस मेले में देश एवं दुनिया भर से रामभक्तों के अयोध्या पहुंचने की उम्मीद है. ऐसे में पंचों ने सावन मेले के दौरान प्रसाद की शुद्धता बनाए रखने के लिए सोमवार को हनुमान गढ़ी में बैठक की.

सर्वसम्मति से हुआ फैसला

इस बैठक में दर्शन पथ और भक्ति पथ पर प्रसाद बेचने वाले दुकानदारों को भी आमंत्रित किया गया था. बैठक में पंचों ने प्रस्ताव रखा कि मिठाई के डिब्बों पर दुकानदार का नाम और उसमें रखे प्रसाद की गुणवत्ता का ब्यौरा होना चाहिए. इस प्रस्ताव पर पहले चर्चा हुई और फिर सभी ने एक राय होकर ध्वनिमत से प्रस्ताव पारित कर दिया. तय किया गया कि इस फैसले को तत्काल प्रभाव से लागू किया जाए. इसी के साथ इस फैसले का संदेश समूचे देश को भी देने की कोशिश की.

दुकानदारों ने किया स्वागत

उधर, राज्य सरकार भी सावन मेला और कांवड़ मेले को लेकर अभी से तैयारियों में जुटी है. कांवड़ मार्गों पर दुकान लगाने वाले सभी दुकानदारों को पहले ही सरकार की ओर से नाम का बोर्ड लगाने का आदेश दिया जा चुका है. सरकार के इस आदेश का अनुपालन कराने के लिए संबंधित अधिकारियों की ड्यूटी भी लगाई गई है. इस बीच अयोध्या के सबसे प्राचीन सिद्ध पीठ हनुमान गढ़ी से आए इस आदेश के बाद नई चर्चा शुरू हो गई है. हालांकि अयोध्या के दुकानदारों ने हनुमान गढ़ी के इस फरमान का स्वागत किया है.