बाराबंकी में डॉक्टर का ऐसा कांड, मरीज की पेट में ही छोड़ दिया पट्टी का गोला, 5 महीने बाद ऐसे चला पता
बाराबंकी के अमनियापुर गांव निवासी दिलीप वर्मा की पत्नी प्रीति वर्मा का 18 जून 2025 को जिला अस्पताल में बच्चेदानी का ऑपरेशन किया गया था. अचानक से 5 महीने बाद उनके पेट में तेज दर्द होने लगा. फिर जांच कराने पता चला कि जिला अस्पताल के डॉक्टरों ने उनके पेट में पट्टी का गोला छोड़ दिया.
बाराबंकी जिला अस्पताल में ऑपरेशन के दौरान कथित चिकित्सकीय लापरवाही के चलते एक महिला के पेट में पांच महीने तक पट्टी का गोला रह जाने का मामला सामने आया है. हाल ही में महिला की तबीयत बहुत ज्यादा बहुत खराब हो गई. परिजन महिला को जब एक निजी अस्पताल में ले गए को जांच में जो खुलासा हुआ वह सबको हैरान कर गया.
बदोसराय कोतवाली क्षेत्र के अमनियापुर गांव निवासी दिलीप वर्मा ने बताया कि उनकी पत्नी प्रीति वर्मा का 18 जून 2025 को जिला अस्पताल में बच्चेदानी का ऑपरेशन किया गया था. शुरू में सब कुछ सामान्य था लेकिन लगभग पांच महीने बाद प्रीति के पेट में लगातार दर्द शुरू हुआ.
अल्ट्रासाउंड में हुआ खुलासा
उन्होंने बताया कि जब उन्हें निजी अस्पताल में दिखाया गया तो अल्ट्रासाउंड में पता चला कि महिला के पेट में ऑपरेशन के दौरान छूटी हुई पट्टी मौजूद है. इसके बाद विशेषज्ञ चिकित्सकों ने दूरबीन विधि से ऑपरेशन कर पेट से यह पट्टी निकाल ली.
लापरवाही स्वीकारने की बजाय डॉक्टर ने धमकाया
दिलीप वर्मा ने आरोप लगाया कि जब उन्होंने ऑपरेशन करने वाले डॉक्टर से संपर्क किया तो डॉक्टर ने अपनी लापरवाही स्वीकार करने की बजाय धमकाने का प्रयास किया. उन्होंने चेतावनी दी कि इस मामले की शिकायत वे सीएमओ और सीएमएस से मिलकर करेंगे और जिम्मेदार चिकित्सक के खिलाफ कार्रवाई सुनिश्चित करेंगे.
सीएमओ ने क्या कहा?
जिला अस्पताल के सीएमएस डॉ. जेपी मौर्य ने कहा कि फिलहाल उन्हें इस मामले की कोई आधिकारिक शिकायत नहीं मिली है. शिकायत प्राप्त होने पर मामले की पूरी तरह जांच कराई जाएगी. बता दें कि यह घटना अस्पताल की सुरक्षा और मरीजों के लिए होने वाले जोखिम पर गंभीर सवाल खड़ा करती है. मरीज और परिजन अब न्याय और जवाबदेही की उम्मीद कर रहे हैं.
