कौन है ‘चंबल का शेर’ मंगली केवट? जो 20 साल बाद हुआ जेल से रिहा

दस्यु सरगना मंगली केवट एक समय चंबल में दहशत का पर्याय थे. वह करीब 20 साल बाद कानपुर देहात की जेल से रिहा हो गए हैं. बाहर आकर उन्होंने शांतिपूर्ण और सम्मानजनक जीवन जीने की इच्छा जताई. साथ ही अपने बागी बनने का कारण भी बताया.

जेल से रिहा होने के बाद दस्यु सरगना मंगली केवट

चंबल के कुख्यात दस्यु सरगना मंगली केवट को गुरुवार को कानपुर देहात जेल से रिहा कर दिया गया. उन्होंने लगभग 19 साल 7 महीने की सजा काटी. मंगली केवट को 90 के दशक में ‘चंबल का शेर’ कहा जाता था. रिहाई के दौरान बड़ी संख्या में उनके परिजन और समर्थक जेल के बाहर मौजूद रहे, जिन्होंने फूल-मालाओं से उनका स्वागत किया.

एक समय बीहड़ों में दहशत का पर्याय रहे मंगली के शांत चेहरे को देखकर भीड़ में मौजूद लोग उत्सुक दिखाई दिए. जेल से बाहर आते ही मंगली केवट ने कहा कि अब वह शांतिपूर्ण और सम्मानजनक जीवन जीना चाहते हैं और समाज से जुड़कर आगे बढ़ने की इच्छा रखते हैं. इतना ही नहीं, उन्होंने राजनीति में कदम रखने की इच्छा भी जाहिर की.

अपनी पत्नी के साथ मिलकर जमाया था खौफ

कानपुर देहात की माती जिला कारागार से रिहा होने के बाद मंगली ने बागी बनने का कारण भी बताया. उन्होंने कहा कि पुलिस की कथित प्रताड़ना और गलत कार्यशैली ने उन्हें बागी बनने पर मजबूर किया था. साथ ही मंगली केवट ने कहा कि उनका अब एकमात्र लक्ष्य अपने परिवार और समाज के बीच सम्मानजनक जीवन जीना है.

मंगली ने अपनी पत्नी, कुख्यात दस्यु सुंदरी मालती के साथ मिलकर 90 के दशक में खौफ जमाया था. साल 2006 में मंगली और मालती दोनों ने आत्मसमर्पण कर दिया था. मंगली पर 3 आजीवन कारावास और 10-10 साल की तीन सजाएं थी. जेल में उनके अच्छे आचरण के कारण रिहाई मिली है. जबकि पत्नी इसी साल सितंबर में जेल से छूटी थी.

मंगली उस समय अपने पास रखता था एके-47

मंगली और मालती ने 90 के दशक में एक बड़ा गिरोह खड़ा किया. इस गैंग में अधिकतर वही लोग शामिल होते थे, जो पुलिस के अत्याचार से परेशान थे. मंगली केवट के गिरोह को कुख्यात निर्भय गुर्जर गैंग का भी सहयोग हासिल था. अपहरण, फिरौती, मुखबरी और पुलिस को चुनौती देना उनके गैंग की मुख्य रणनीतियों में शामिल था.

मंगली को खौफ का दूसरा नाम और ‘चंबल का शेर’ कहा जाता था. वह जालौन में कठौंद थाना के विजवाहा गांव का रहने वाला है. मंगली को 2006 में बाबूपुरवा पुलिस ने गिरफ्तार किया था. उस समय पुलिस ने इस पर 50 हजार का इनाम रखा था. मंगली केवट उस समय अपने पास घातक एके-47 भी रखता था, जिसे पुलिस ने महेशपुर जंगल से बरामद किया था.