गजब! फ्री राशन का फायदा लेने के लिए 71 हजार सुहागन बन गईं विधवा

उत्तर प्रदेश में फ्री राशन का फायदा लेने के लिए 71 हजार महिलाएं सुहागन बन गईं. इस फर्जीवाड़े के तहत गरीब वर्गों के राशन दूसरे लोगों के बीच जा रहे थे. सत्यापन के दौरान इस तरह के अपात्र राशन कार्ड को निरस्त कर दिया गया है. कुल 10.71 लाख फर्जी राशन कार्ड के सहारे फ्री स्कीम का फायदा लिया जा रहा था.

फ्री राशन स्कैम (फाइल फोटो)

सरकार योजनाएं बनाती है ताकि, गरीब और वंचित तपके के लोगों को इसका फायदा हो सके. लेकिन, जब फर्जीवाड़े का दायरा व्यापक हो जाएगा तो जाहिर तौर पर योजनाएं वास्तव में इसके जरूरतमंद लोगों तक नहीं पहुंच सकेगी.
ऐसा ही एक फर्जीवाड़ा राज्य की फ्री राशन योजना में सामने आया है. जब इस योजना के लिए सत्यापन किया गया तो आंकड़े परेशान करने वाले सामने आए. तकरीबन 10.71 लाख लोगों का राशन कार्ड इस योजना के लिए अपात्र था, यानी वो इस योजना का लाभ लेने के लिए पात्र नहीं थे फिर भी इस योजना का लाभ ले रहे थे.

इस आंकड़े में 71 हजार महिलाएं ऐसी थीं, जिन्होंने फ्री राशन स्कीम का लाभ उठाने के लिए सुहागन से विधवा होने की पहचान बना ली और इस योजना का फायदा ले रही थीं. अब ये आंकड़े हैरान जरूर कर सकते हैं, लेकिन ऐसा हो रहा था, जिन्हें सत्यापन में निरस्त किया गया है. अब वंचित लोगों की जो गुहार सुनने को मिलती है कि उन्हें सरकारी योजनाओं का फायदा नहीं मिलता है, उसको सही करते हुए कुछ और आंकड़े सामने आए हैं.

ढाई लाख टैक्ट देने वाले भी ले रहे थे फ्री राशन

फ्री राशन उन गरीब तपके के लोगों के लिए जिन्हें दो जून की रोटी इकट्ठा करने में मुश्किल होती है. परिवार बड़ा है और उनकी इनकम भी इतनी नहीं है कि वो भेट भर खाना भी खा सकें. सत्यापन में पाया गया 7.50 लाख किसान ऐसे हैं, जिनके पास 5 एकड़ से ज्यादा की जमीन है मगर वो भी सरकार की इस फ्री स्कीम का हिस्सा थे.

इतना ही नहीं फ्री राशन लेने में वो लोग भी शामिल थे, जो हर महीने ढाई लाख रुपये का टैक्स सरकार को देते हैं. खाद्य और रसद विभाग की तरफ से इन सभी फर्जी राशन कार्ड को निरस्त किया गया है. खाद्य और रसद विभाग के आयुक्त भूपेंद्र एस चौधरी ने कहा कि सत्यापन की प्रक्रिया में पाए गए सभी फर्जी राशन कार्ड को निरस्त कर दिया गया है.