280 साल पुराने दुर्गा मंदिर में थी भक्तों की भीड़, तभी शिखर पर कड़की बिजली; फिर जो हुआ…
कन्नौज के 280 साल पुराने दुर्गा मंदिर में नवरात्रि पर आकाशीय बिजली गिरने से भक्तों में हड़कंप मच गया. तेज गर्जना के साथ बिजली मंदिर के शिखर पर गिरी, हालांकि इससे मंदिर को मामूली नुकसान हुआ है. घटना के वक्त मंदिर में मौजूद सैकड़ों भक्त सुरक्षित रहे. इस घटना को देवी का चमत्कार मानते हुए, लोगों की आस्था और गहरी हो गई है.

उत्तर प्रदेश के कन्नौज में इस नवरात्रि एक हैरान करने वाली घटना हुई है. यहां 280 साल पुराने दुर्गा मंदिर में अष्टमी के मौके पर भक्तों की भारी भीड़ जमा थी. इसी दौरान आंधी-पानी का मौसम बना और अचानक से तेज गर्जना के साथ मंदिर के शिखर पर बिजली गिरी. इस हादसे से मंदिर में मौजूद सैकड़ों भक्तों में दहशत फैल गई. घटना के बाद आसपास के लोग भी दौड़ कर आ गए. देखा तो पता चला कि इतनी तेज बिजली गिरने के बाद भी केवल मंदिर शिखर को थोड़ा सा नुकसान पहुंचा है. जबकि मंदिर में मौजूद सभी लोग सुरक्षित थे.
इस घटना को लेकर देवी का चमत्कार बता रहे हैं. कन्नौज के ठठिया क्षेत्र स्थित प्राचीन दुर्गा मंदिर का है. स्थानीय लोगों के मुताबिक यह मंदिर करीब तीन शदी से बदस्तूर खड़ा है. इस मंदिर पर आज आफत तो आई थी, लेकिन ऐसे टल गई, मानों कुछ हुआ ही ना हो. नवरात्रि की दुर्गा अष्टमी पर हुई इस घटना ने भक्तों की आस्था को और गहरा कर दिया है. घटना के बाद से ही क्षेत्र में हड़कंप मचा हुआ है. लोग इस घटना को लेकर तरह तरह की चर्चा करने लगे हैं.
तीन शताब्दी पुराना है मंदिर
सोशल मीडिया में भी इस घटना को लेकर तरह तरह की बातें कही जा रही है. स्थानीय लोगों का कहना है कि यदि यही घटना किसी घर या भीड़भाड़ वाले स्थान पर होती तो बड़ा हादसा हो सकता था. इतनी बड़ी घटना के बावजूद मां भगवती ने ना केवल अपने मंदिर की सुरक्षा की, बल्कि यहां मौजूद भक्तों का भी बाल बांका नहीं होने दिया. मंदिर के पुजारी ने बताया कि यह मंदिर लगभग तीन शताब्दी पुराना है. इस मंदिर की धार्मिक मान्यता दूर-दूर तक फैली है.
प्रशासनिक टीम भी पहुंची
घटना की जानकारी मिलने पर प्रशासन और आपदा प्रबंधन की टीम भी मौके पर पहुंची. इस टीम ने मौका मुआयना करने के बाद मामूली क्षति होने पर हैरानी जताई. ग्रामीणों का कहना है कि मंदिर पर बिजली गिरना किसी दैवी आपदा से कम नहीं था, लेकिन माता की शक्ति और करुणा के आगे यह आपदा टल गई. इस घटना के बाद दूर-दराज से लोग इस मंदिर को देखने और यहां माता रानी के दर्शन के लिए पहुंचने लगे हैं.