क्या मिट जाएगा सहारा शहर का अस्तित्व? सीलिंग करने जा रहा लखनऊ नगर निगम, ये है वजह

लखनऊ के गोमती नगर स्थित सहारा समूह के 'सहारा शहर' पर नगर निगम की कार्रवाई की तलवार लटक गई है. 130 एकड़ में फैले इस आलीशान परिसर को नगर निगम सील करने जा रहा है, क्योंकि सहारा समूह ने लीज की शर्तों का उल्लंघन किया है. कभी अमिताभ बच्चन जैसी हस्तियों का जमावड़ा रहने वाले इस परिसर के गेट जल्द ही सील होंगे और पूरी जमीन खाली कराई जाएगी.

सहारा शहर, लखनऊ

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में गोमती नगर स्थित विपुल खंड के सहारा समूह का भव्य ‘सहारा शहर’ अब नगर निगम के निशाने पर है. 130 एकड़ में फैले इस परिसर पर नगर निगम सीलिंग करने वाला है. इस परिसर में सहारा श्री सुब्रत रॉय का सफेद संगमरमर से बना महलनुमा बंगला, ऑफिस, स्टेडियम, ऑडिटोरियम, गेस्ट हाउस, पेट्रोल पंप, फायर स्टेशन, स्विमिंग पूल, हेलीपैड, मॉडर्न थिएटर, अस्पताल, कृत्रिम झील, क्लब और अन्य लग्जरी संस्थान हैं. कभी इस परिसर में अमिताभ बच्चन, मुलायम सिंह यादव ऐश्वर्या राय अमर सिंह जैसी दिग्गज हस्तियां मेहमान बनकर आया करती थी.

कभी यहां महफिलें सजती थी, लेकिन अब पूरे परिसर के सीलबंदी की स्थिति आ गई है. नगर निगम ने इस जमीन को खाली करने के लिए पहले ही सहारा समूह को नोटिस जारी किया था, सहारा ने अपना जबाव भी दिया था, लेकिन नगर निगम ने इसे खारिज कर दिया है. इसी के साथ नोटिस की समयावधि पूरी होने के बाद नगर निगम अब एक्शन मोड में है. निगम के संपत्ति विभाग के मुताबिक जल्द ही सहारा शहर के सभी गेट सील कर दिए जाएंगे. केवल एक गेट आवाजाही के लिए खुला रहेगा. इ

अंतिम अल्टीमेटम के बाद बंद होंगे गेट

इसके बाद अंतिम अल्टीमेटम के बाद इस गेट को भी सीलकर पूरे परिसर को कब्जे में ले लिया जाएगा. इस संबंध में नगर निगम ने परिसर में रह रहे कर्मचारियों, केयरटेकर और सुरक्षा कर्मियों को यह जगह खाली करने के निर्देश दिए हैं. इस कार्रवाई में नगर निगम कोई जोखिम लेने के मूड में नहीं है. आशंका है कि इस कार्रवाई के विरोध में सहारा समूह सुप्रीम कोर्ट जा सकता है. ऐसे में नगर निगम पहले ही सुप्रीम कोर्ट में कैबिएट दाखिल करने की तैयारी कर रहा है. नगर आयुक्त गौरव कुमार के मुताबिक यह पूरी कार्रवाई नियमों और शर्तों का उल्लंघन की वजह से की जा रही है.

1994 में दी गई थी जमीन

1994-95 में मुलायम सिंह यादव की सरकार के दौरान सहारा समूह को लखनऊ नगर निगम ने 170 एकड़ और लखनऊ विकास प्राधिकरण (LDA) ने 100 एकड़ जमीन लीज पर दिया था. नगर निगम की 130 एकड़ जमीन आवासीय और व्यावसायिक परियोजनाओं के लिए दी गई थी. वहीं 40 एकड़ पर ग्रीन बेल्ट विकसित करना था. बावजूद इसके, सहारा समूह ने शर्तों का उल्लंघन करते हुए इस जमीन पर आलीशान बंगला, 5,000 लोगों की क्षमता वाला सभागार बनाया.

2012 में सेबी ने कुर्क किया था जमीन

यही नहीं, गोल्ड क्लास रिक्लाइनिंग सीटों वाला मॉडर्न थिएटर, कृत्रिम तालाब और हवाई अड्डे के स्कैनर जैसी सुविधाएं बनाईं. ग्रीन बेल्ट का विकास नहीं हुआ, जिसके चलते 1997 में नगर निगम ने लीज रद्द करने का नोटिस जारी किया था. 2012 में सेबी और सुब्रत रॉय के बीच विवाद में सहारा शहर की जमीन को सेबी ने कुर्क किया था. फिर 2017 में सेबी की सहमति के बाद जमीन को लीज पर आवंटियों को देने की बात हुई, लेकिन यह प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी.