कुत्तों के साथ क्रूरता, जबरन बोरी में भरकर लेकर जाने के लेते थे 500 से 2000 रुपये, केस दर्ज
कानपुर के जाजमऊ क्षेत्र में एमरॉल्ड गुलिस्तान से तीन वीडियो वायरल हुआ है. कुत्तों पर की गई क्रूरता का ये वीडियो देखकर हर एक पशु प्रेमी के भीतर गुस्सा देखा जा सकता है. इन वीडियो में कुत्तों के साथ दिल दहला देने वाली क्रूरता की जार रही है. उन्हें बेरहमी से उठाकर बाइक पर ले जाया जा रहा है. कुत्तों के मुंह और पैरों को रस्सी से बांधकर उन्हें बोरे में जबरन भरकर ले जाते हुए देखा जा रहा है.

उत्तर प्रदेश के कानपुर के थाना जाजमऊ क्षेत्र स्थित एमरॉल्ड गुलिस्तान से तीन वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहे हैं.इन वीडियो में देखा जा सकता है कि कुत्तों के साथ बेहद क्रूरता की जा रही है. कुत्ते का मुंह और चारों पैर रस्सी से बांधकर बेरहमी से बोरे में भरा जा रहा है. वीडियो में शामिल युवकों के चेहरे भी साफ दिखाई दे रहे हैं.
जानकारी के अनुसार, क्षेत्रीय लोगों ने नाम न बताने की शर्त पर बताया कि एक टेनरी संचालक पिछले कुछ दिनों से बाहरी युवकों को बुलाकर कुत्तों को पकड़वाता है.बताया गया कि कुत्तों को गंगा किनारे और जंगलों में ले जाकर छोड़ा जाता है. इसके बदले उन युवकों को प्रति कुत्ता 500 से 2000 रुपये तक इनाम दिया जाता है.क्षेत्रीय लोगों का आरोप है कि टेनरी संचालक दबंग किस्म का है, जिसके कारण कोई उसका विरोध करने की हिम्मत नहीं करता.
दर्ज किया गया मुकदमा
जानकारी के अनुसार, इस मामले पर अब खुफिया इकाई (एलआईयू) भी सक्रिय हो गई है और घटनाक्रम की जांच की जा रही है. इस मामले की जानकारी थाना जाजमऊ पुलिस को भी मिली है.पुलिस के अनुसार एक पशु प्रेमी ने कुत्तों के साथ हो रही इस क्रूरता की शिकायत दर्ज कराई है. इसके बाद पूरे मामले में मुकदमा भी दर्ज करा दिया गया है.
वायरल वीडियो में दिखाई दे रहा है कि जिन कुत्तों को बोरे में भरकर ले जाया जा रहा है, उन्हें एक दोपहिया वाहन से ढोया गया. जब उस वाहन के नंबर की जांच की गई तो वह थाना चकेरी क्षेत्र का पाया गया। पुलिस द्वारा जब उस नंबर पर संपर्क साधने की कोशिश की गई तो फोन स्विच ऑफ मिला.
वीडियो सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर इस अमानवीय कृत्य को लेकर भारी आक्रोश देखने को मिल रहा है.
फिलहाल, पुलिस और एलआईयू की जांच जारी है.स्थानीय लोगों का कहना है कि यदि इस मामले में सख्त कार्रवाई नहीं हुई तो आगे विरोध तेज किया जाएगा.यह मामला न केवल पशु अधिकारों से जुड़ा है, बल्कि मानवता पर भी सवाल खड़ा करता है.