कानपुर: इस मंदिर में कैसे आया शिवलिंग? रहस्य जानकर हो जाएंगे हैरान, Photos
कानपुर के कैलाश मंदिर में स्थित एक विशाल, 5 फीट ऊंचा और 7 फीट चौड़ा संगमरमर का शिवलिंग है. इस शिवलिंग को लेकर एक दिलचस्प कहानी है. आखिर 4 फीट के दरवाले से 5 फीट ऊंचे शिवलिंग को भीतर कैसे ले जाया गया, इसके बारे में जानते हैं.
कानपुर में एक रहस्यमई शिवलिंग है. ये शिवालय कैलाश मंदिर में स्थापित है. ऐसी मान्यता है कि इस मंदिर में अपनी मन्नत मांगकर जो कोई लगातार शिवलिंग के दर्शन कर लेता हो तो उसकी मनोकामना जरुर पूर्ण होती है.
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यह मंदिर कानपुर के बड़ा चौराहा के पास स्थित है. कानपुर में कैलाश मंदिर, शिवाला में स्थित है. इस मंदिर की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यहां पर 5 फीट ऊंचा 7 फुट चौड़ा संगमरमर से बना शिवलिंग है.
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ये शिवलिंग 4 फुट के दरवाजे के अंदर कैसे गया यह हर कोई जानना चाहता है. ये उत्तर भारत का सबसे विशाल शिवलिंग माना जाता है. मंदिर का निर्माण 1860 के आसपास स्वर्गीय गुरु प्रसाद शुक्ल ने करवाया गया था.
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कहा जाता है कि इस शिवलिंग को बनवाने के बाद जब यह कानपुर लाया जा रहा था तभी गंगा जी में बाढ़ आ गई और यह शिवलिंग करीब 1 साल बाद कानपुर पहुंच सका तब तक मंदिर का निर्माण हो चुका था.
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जब शिवलिंग कानपुर मंदिर पर पहुंचा तो उसके अंदर जाने को लेकर तरह-तरह के सवाल उठने लगे मंदिर के स्थापना करने वाले गुरु प्रसाद शुक्ला बेहद निराश हुए क्योंकि दरवाजे छोटे थे और शिवलिंग काफी बड़ा था लेकिन भगवान भोलेनाथ पर उन्हें पूरी आस्था थी उन्होंने अपनी जिद करके अन्न जल 1 महीने के लिए त्याग दिया.
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इसी दौरान कानपुर में शंकराचार्य का आना हुआ शंकराचार्य से गुरु प्रसाद ने अपनी यह समस्या बताई तो उन्होंने मंदिर परिसर में हवन पूजन शुरू कर इसके बाद गुरु प्रसाद को सपना आया.
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उन्होंने सपने में देखा कि शिवलिंग स्थापित हो गया है और जब सुबह मंदिर के पट उन्होंने खोले तो देखा शिवलिंग जिस जगह उनका स्थापित करने का मन था वहां पर पहुंच चुका है.