कासगंज SDM पर अभद्रता का आरोप, पति के साथ धरने पर बैठीं नगर पालिका अध्यक्ष

कासगंज एसडीएम संजीव कुमार पर नगर पालिका चेयरमैन के पति पर अभद्र भाषा का प्रयोग करने का आरोप लगा है. इसी से खिलाफ चेयरमैन मीना माहेश्वरी ने एसडीएम के खिलाफ मौर्चा खोल दिया है. चेयरमैन अपने पति और कर्मचारियों के साथ एसडीएम के खिलाफ धरने पर बैठ गई हैं.

SDM के खिलाफ नगर पालिका अध्यक्ष का प्रदर्शन

कासगंज की सदर तहसील परिसर में शुक्रवार को बीजेपी की नगर चैयरमेन मीना माहेश्वरी एसडीएम के खिलाफ धरने पर बैठ गई हैं. वह अपने पति समेत भाजपा कार्यकर्ता और नगर पालिका के कर्मियों के साथ प्रदर्शन कर रही हैं. उनका आरोप है कि एसडीएम सदर संजीव कुमार ने उनके पति पूर्व चेयरमैन राजेन्द्र बोहरे से अभद्रता की है.

चैयरमेन मीना माहेश्वरी ने एसडीएम पर अभद्र भाषा का प्रयोग करके उन्हें पुलिस से गिरफ्तार करने की धमकी देने का आरोप लगाया है. इसी से नाराज होकर वह तहसील परिसर में धरने पर बैठ गई हैं. इस दौरान एसडीएम के विरुद्ध जमकर नारेबाजी भी हुई. यह विवाद डोर-टू-डोर कूड़ा उठाने वाली योजना के वाहनों को लेकर उपजा है.

चेयरमैन पति ने एसडीएम पर लगाया ये आरोप

प्रदर्शन कर रहे चेयरमैन पति राजेन्द्र बोहरे ने बताया की नगर पालिका में डोर टू डोर योजना के तहत कूड़े उठाने का एक कंपनी को ठेका दिया गया है. कंपनी को नगर पालिका ने अपने वाहन उपलब्ध कराएं है. 4 वाहनों को पालिका ने अपने लिए रखा है, जिससे की शहर में अगर सफाई की जरूरत पड़े तो पालिका इन वाहनों का प्रयोग कर सके.

उन्होंने बताया कि इसी बात को लेकर वह एसडीएम सदर संजीव कुमार के कार्यालय गये थे. जहां उनके साथ बदसलूकी की गई. राजेन्द्र बोहरे का आरोप है की SDM संजीव कुमार ने उनके साथ अभद्रता की और पुलिस बुलाकर उन्हें पकड़वाने की धमकी दी. इसकी खबर चैयरमैन मीना माहेश्वरी को मिली तो वह तहसील में धरने पर बैठ गईं.

SDM संजीव कुमार ने मामले पर क्या कुछ कहा?

SDM संजीव कुमार ने बताया की राजेन्द्र बोहरे चैयरमैन नहीं और ना उनके प्रतिनिधि है. पालिका में डोर टू डोर कूड़ा उठया जा रहा है. उसका ठेकेदार कुंदन से इनका कोई विवाद हुआ था, जिसके चलते दोनों लोग मेरे कार्यालय आये. जहां दोनों की समस्या सुनी जा रही थी. तभी राजेन्द्र बोहरे के द्वारा ठेकेदार कुंदन को गाली देने लगे.

उन्होंने कहा कि राजेन्द्र बोहरे और ठेकेदार कुंदन में विवाद बढ़ने के बाद इसकी सूचना पुलिस को दी गई. जिसके बाद दोनों लोगों को कार्यालय से बाहर निकाल दिया गया था. उन्होंने अभद्र भाषा का प्रयोग के आरोप से इनकार किया है. वहीं, धरना जारी है, अब देखना है की यह धरना कब तक चलता है और मामले में क्या नया मोड़ आता है.