पालतू कुत्तों का लाइसेंस न लेने वालों पर सख्ती, नगर निगम ठोंक रहा है 5000 का जुर्माना

लखनऊ नगर निगम ने कुत्ता पालने वालों के लिए लाइसेंस बनवाने का नियम बनाया है. यहां बिना लाइसेंस वाले कुत्तों के मालिकों पर 5 हजार रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा. इसको लेकर अप्रैल से जून महीने में केवल 1450 लाइसेंस जारी किए गए हैं जबकि इन पालतू कुत्तों की संख्या 10 हजार से ज्यादा हो सकती है. ऐसे में नगर निगम घर-घर जाकर इसकी जांच करेगा.

पालतू कुत्ता

लोग घरों में कुत्ता पालते हैं और उसकी देखरेख भी करते हैं. लेकिन, राजधानी लखनऊ में कुत्तों को पालने के लिए लाइसेंस लेना पड़ेगा. बिना लाइसेंस के जो भी कुत्ता पालेगा उसकी खैर नहीं होगी. यहां पर इसको लेकर बहुत सी शिकायतें मिली. ऐसे में लखनऊ नगर निगम ने सख्त कदम उठाते हुए ये फैसला लिया. इसी महीने से नगर निगम की से इसको लेकर विशेष अभियान भी शुरू किया जाएगा.

इसके तहत लोगों के घर-घर जाकर ये लाइसेंस चेक किया जाएगा. देखा जाएगा कि उनके पास जो भी पालतू कुत्ते हैं उनका लाइसेंस है या फिर नहीं. इसके साथ ही बिना लाइसेंस के कुत्ता पालने वालों पर जुर्माना भी लगाया जाएगा. जुर्माने की राशि 5 हजार रुपये तय की गई है. इसके साथ ही जिन लोगों ने लाइसेंस बनवाया लेकिन उसका नवीनीकरण नहीं कराया, उन्हें भी इसे नया कराना होगा. इसके लिए उनसे हर दिन के हिसाब से 50 रुपये का देरी का शुल्क लिया जाएगा.

नगर निगम के पशु कल्याण अधिकारी डॉ. अभिनव वर्मा ने बताया कि अप्रैल से जून 2025 तक शहर में केवल 1,450 डॉग लाइसेंस ही जारी किए गए हैं, जबकि अनुमान के मुताबिक 10,000 से ज्यादा लोग अपने घरों में कुत्तों को रखते हैं. इस अंतर को देखते हुए नगर निगम ने बिना लाइसेंस कुत्तों की पहचान और नियमों को तोड़नेकरने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने का फैसला लिया है. उन्होंने कहा कि बिना लाइसेंस कुत्ता पालना नियमों का उल्लंघन करना है. हमारी टीमें घर-घर जाकर जांच करेंगी ऐसा करने वाले लोगों की पहचान करेंगी.

अगर जुर्माना नहीं दिया तो क्या होगा?

अभियान के तहत बिना लाइसेंस कुत्ता पालने वालों पर 5 हजार रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा. अगर लोग जुर्माने की राशि नहीं देते हैं तो नगर निगम उनके पालतू कुत्ते को जब्त कल लेगा. यह कदम पालतू जानवरों के नियमन और शहर में पशु कल्याण के नियमों को लागू करने के लिए उठाया जा रहा है.

पालतू कुत्तों के लिए लाइसेंस अनिवार्य करने का उद्देश्य शहर में पशुओं के प्रति जिम्मेदारी को बढ़ावा देना और आवारा कुत्तों की समस्या पर नियंत्रण पाना है. लाइसेंस के जरिए नगर निगम यह सुनिश्चित करता है कि पालतू कुत्तों का टीकाकरण और देखभाल नियमित रूप से हो रही है. आंकड़ों के जरिए सार्वजनिक सुरक्षा और लोगों की जरूरतों का भी ख्याल रखा जाएगा.