आज होगी जॉइनिंग, तुरंत चालू होगा सैलरी का मीटर; कब-कहां और कैसे होगी 60 हजार कांस्टेबल की ट्रेनिंग?
उत्तर प्रदेश पुलिस में 60,000 से ज़्यादा नव-नियुक्त सिपाहियों की आज से जॉइनिंग शुरू हो गई है. उन्हें सभी जिलों में नियुक्ति पत्र वितरित किए जा रहे हैं, जिसके साथ ही उनका वेतन भी मिलना शुरू हो जाएगा. प्रशिक्षण भी आज से ही शुरू होगा, जिसमें महिला सिपाहियों का प्रशिक्षण मेरठ और उन्नाव में होगा, जबकि पुरुष सिपाहियों को विभिन्न जिलों में प्रशिक्षित किया जाएगा. प्रशिक्षण दो चरणों में होगा: प्रारंभिक (एक महीना) और मुख्य (नौ महीने).

उत्तर प्रदेश पुलिस में भर्ती हुए सभी 60 हजार 244 सिपाहियों का आज से सैलरी का मीटर चालू हो जाएगा. यह सैलरी आज उन्हें अपने जिले में मिलने वाले वास्तविक नियुक्ति पत्र के साथ ही शुरू हो जाएगी. इसके लिए सभी 75 जिलों की पुलिस लाइन में नियुक्ति पत्र वितरण कार्यक्रम आयोजित किया गया है. अभी तीन दिन पहले इन सभी सिपाहियों को राजधानी लखनऊ में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा सांकेतिक नियुक्ति पत्र दिया गया था. अब इन सभी को जिलों के कप्तान वास्तविक नियुक्ति पत्र सौंपेंगे.
यह नियुक्ति पत्र मिलने के साथ ही इन सिपाहियों की विधिवत ट्रेनिंग भी शुरू हो जाएगी. पुलिस मुख्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक उत्तर प्रदेश मेंपहली बार प्रदेश के सभी जिलों में पुलिस कर्मियों की ट्रेनिंग होने जा रही है. इनमें भी सभी महिला पुलिस कर्मियों की ट्रेनिंग मेरठ और उन्नाव में होगी. वहीं पुरूष कांसटेबल की ट्रेनिंग के लिए टोलियां बनाकर उनके ट्रेनिंग के अलग अलग जिले आवंटित किए गए हैं. पूर्व आईपीएस आरके चतुर्वेदी ने टीवी 9 से बातचीत में बताया कि नए कांस्टेबल को ट्रेनिंग दो तरह से दी जाती है. पहली जेटीसी ट्रेनिंग और दूसरी आरटीसी ट्रेनिंग.
उन्होंने बताया कि जेटीसी ट्रेनिंग नियुक्ति पत्र मिलने वाले जिले में होती है. करीब एक महीने चलने वाली ट्रेनिंग को प्राइमरी ट्रेनिंग कहा जा सकता है. इसमें जॉइनिंग ट्रेनिंग कोर्स के तहत रीक्रूट को फॉर्मलाइजेशन यानी कि पुलिस सर्विस में कपड़े पहनने से लेकर चाल-ढाल और बात-व्यवहार के बारे में ट्रेंड किया जाता है. यह एक तरह से आरटीसी ट्रेनिंग के लिए ग्राउंड तैयार करने जैसा होता है. इसमें कांस्टेबल की बेसिक ड्यूटी के बारे में जानकारी दी जाती है. इसके बाद शुरू होती है नौ महीने की मुख्य ट्रेनिंग, जिसे आरटीसी ट्रेनिंग कहते हैं.इस ट्रेनिंग के बाद तीन महीने का प्रैक्टिकल होता है.
चार जगह पर होती है मुख्य ट्रेनिंग
पूर्व आईपीएस आरके चतुर्वेदी के मुताबिक मेन ट्रेनिंग मुख्य रूप से चार जगह पर होती है. इसमें पहला है पीटीसी यानी कि पुलिस ट्रेनिंग सेंटर, फिर आरटीसी यानी कि रिक्रूटमेंट ट्रेनिंग सेंटर, जिलों में पुलिस लाइन और पीएसी बटालियन. महिला कांस्टेबलों की ट्रेनिंग प्रॉपर पुलिस ट्रेनिंग सेंटर्स में होती है. जहां सभी प्रकार की सुविधाएं मौजूद हो. यानी कि एस्टेब्लिश ट्रेनिंग सेंटर्स में ही महिला कांस्टेबलों को ट्रेनिंग दी जाएगी.इसलिए महिला कांस्टेबलों के लिए मेरठ और उन्नाव जैसे एस्टेब्लिश ट्रेनिंग सेंटर्स में ट्रेनिंग होगी. वहीं संख्या ज़्यादा होने पर पुरुष कांस्टेबलों को पीटीसी और आरटीसी के अलावे पुलिस लाइन और पीएसी बटालियन में भी ट्रेनिंग दी जाती है.
13 महीने की ट्रेनिंग के बाद होगी पोस्टिंग
चुनार, उन्नाव, मेरठ, मुरादाबाद जैसे सेंटर्स पुलिस ट्रेनिंग सेंटर्स के लिए जाने जाते हैं. लेकिन इस बार चुंकि संख्या ज़्यादा है इसलिए पुलिस लाइन और पीएसी बटालियन में भी ट्रेनिंग के लिए ये कांस्टेबल भेजे जाएंगे. 13 महीने के ट्रेनिंग के बाद इनको पोस्टिंग मिल जाएगी. सैलरी डेट ऑफ़ जॉइनिंग से ही शुरू हो जाती है. यानी जिस दिन कोई कांस्टेबल अपने जिले में जॉइन करता है उस दिन से उसकी सैलरी शुरू हो जाती है. कांस्टेबल का नियुक्ति अधिकारी जिले का पुलिस कप्तान होता है और पुलिस कप्तान आज से नियुक्ति पत्र देना शुरू कर दिया है. जो जिस दिन जॉइन करेगा, उसी दिन से उसका वेतन शुरू हो जाएगा.
ये मिलेगा पे स्केल
पुलिस मुख्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक आज जॉइनिंग के साथ ही सभी नवनियुक्त कांस्टेबल को रेगुलर वेतन मिलना शुरू हो जाएगा. ट्रेनिंग के दौरान एक कांस्टेबल को 21700/- वेतन मिलेगा. इसके अलावा वेतन का 55% डीए करीब 11000 हज़ार रुपये अलग से मिलेंगे. वहीं वर्दी के लिए 200 रुपये हर महीने मिलेंगे. फिर साल में 3000 इसी मद में अतिरिक्त मिलेंगे. उन्हें भोजन भत्ता 1400 रूपये प्रति माह मिलेंगे. इस प्रकार ट्रेनिंग के दौरान हरेक कांस्टेबल को कुल 40,000 रूपये हर महीने मिलेंगे.फिर ट्रेनिंग पूरी करने के बाद उन्हें मोटर साईकिल भत्ता 200 रुपये प्रतिदिन, मकान भत्ता ट्रेनिंग के बाद शहरी क्षेत्र में 1200 और ग्रामीण भत्ता 800 रुपया मिलेंगें.
5 दिन गैरहाजिर हुए तो होंगे बाहर
उत्तर प्रदेश पुलिस की ट्रेनिंग के लिए गाइडलाइन तय कर दी गई है. यदि कोई नवनियुक्त कांस्टेबल लगातार पांच दिन गैर हाजिर होता है तो उसे ट्रेनिंग से बाहर कर दिया जाएगा. बल्कि उसे अपनी ट्रेनिंग पूरी करने के लिए अगले सत्र का इंतजार करना होगा. जेटीसी में सभी कांस्टेबल को तीन नए कानूनों के अनुसार ट्रेनिंग होगी. इसके लिए उनका पाठ्यक्रम हाल ही में अपडेट किया गया है. व्यवस्था के मुताबिक सभी प्रशिक्षु कांस्टेबल को ट्रेनिंग के दौरान अपने पास रजिस्टर रखना होगा. इसमें उन्हें प्रतिदिन के कार्यों का विवरण दर्ज करना होगा. पुलिस मुख्यालय की ओर से ही वर्दी और किट कार्ड उपलब्ध कराया जाएगा. इसी दौरान उन्हें चरित्र पंजिका, जेटीसी प्रगति पत्र और परिचय पत्र भी मिलेगा.
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