पहले टोकन मनी, फिर जमा कराई पूरी रकम… 11 साल बाद भी अंसल ने नहीं दिया फ्लैट; अब FIR
अंसल प्रॉपर्टीज के खिलाफ लखनऊ में धोखाधड़ी के तीन नए मामले दर्ज हुए हैं. इनमें एक मुकदमा दिनेश यादव ने दर्ज कराया है. उन्होंने 11 साल पहले बिल्डर को पैसे दिए थे, लेकिन आज तक उन्हें ना तो घर मिला और ना ही पैसे वापस हुए. कंपनी के दिवालिया होने के बाद से ही वह अपने पैसों की वापसी के लिए चक्कर काट रहे हैं.

बिल्डर एवं कोलोनाइजर अंसल के खिलाफ धोखाधड़ी के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं. उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में पुलिस के पास ऐसे ही तीन मामले आए हैं, जिनमें अंसल ने घर खरीदारों से पैसे तो पूरे जमा कर लिए, लेकिन 11 साल बाद भी उन्हें ना तो फ्लैट दिया और ना ही पैसा वापस किया. अपने जीवन भर की गाढ़ी कमाई लगाने के बाद लोग इस बिल्डर के दफ्तरों के चक्कर काटकर थक चुके हैं.
वहीं अब कंपनी के दिवालिया होने के बाद लोग पुलिस के चक्कर काट रहे हैं. इनमें से एक है डिगरिया लखनऊ के रहने वाले दिनश यादव. उनकी शिकायत पर पुलिस ने अंसल के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है. डिगरिया में अल्लूनगर के रहने वाले दिनेश कुमार यादव ने पुलिस को दिए शिकायत में बताया कि उन्होंने 29 अप्रैल 2014 में अंसल प्रॉपर्टीज एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड के दफ्तर में जाकर फ्लैट बुक कराया था.
चेक से जमा कराई थी रकम
इसके लिए उन्होंने 10 हजार रुपये टोकन मनी दी थी. इसके बाद उन्होंने एक लाख 75 हजार रुपये और चेक के जरिए कंपनी को दिए थे. उन्होंने बताया कि इस रकम को जमा करने के बाद बिल्डर ने उन्हें फ्लैट भी आवंटित कर दिया. लेकिन आज तक उन्हें ना तो फ्लैट पर कब्जा मिला है और ना ही उन्हें उनका पैसा ही वापस किया गया है. यहां तक कि जिस स्थान पर बिल्डर ने फ्लैट दिया है, वह जमीन भी खाली पड़ी है.
लखनऊ पुलिस ने दर्ज किया FIR
पीड़ित दिनेश के मुताबिक उन्होंने इस संबंध में बिल्डर के दफ्तर में पूछताछ करने की कोशिश की थी, लेकिन वहां तैनात बाउंसर एवं अन्य कर्मचारियों ने उनके साथ बदसलूकी की और डराते धमकाते हुए भगा दिया. आखिर में परेशान होकर उन्होंने पुलिस में शिकायत दी. अब पुलिस ने पीड़ित की तहरीर के अधार पर अंसल बिल्डर के खिलाफ केस दर्ज किया है. पुलिस के मुताबिक मामले की जांच कराई जा रही है.
Latest Stories

UP में पुलिस भर्ती पर पूर्व CM मायावती ने उठाए सवाल, पूछा- इसमें नया क्या है?

आज होगी जॉइनिंग, तुरंत चालू होगा सैलरी का मीटर; कब-कहां और कैसे होगी 60 हजार कांस्टेबल की ट्रेनिंग?

एंबुलेंस, कैम्पर और क्रेन… गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे पर सुरक्षा के होंगे मुकम्मल इंतजाम
