यूपी पंचायत चुनाव 2026 में बसपा की जोरदार वापसी की तैयारी, गांव-गांव में जनाधार मजबूत करने का प्लान

पार्टी की सियासी स्थिति लगातार गिरता हुआ देख उत्तर प्रदेश में बहुजन समाजवादी पार्टी इसे सुधारने का प्लान बना रही है. आने वाले पंचायत चुनाव के मद्देनजर बीएसपी गांव-गांव में जनाधार को मजबूत करने के लिए कैडर कैंप पर फोकस कर रही है.

बसपा प्रमुख मायावती (फाइल फोटो) Image Credit:

उत्तर प्रदेश के लखनऊ में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) एक बार फिर उत्तर प्रदेश की सियासी जमीन पर अपनी खोई हुई ताकत को वापस पाने के लिए तैयार है. अगले साल होने वाले पंचायत चुनाव में पार्टी पूरे दम-खम के साथ उतरने की रणनीति बना रही है. लंबे समय बाद बसपा गांव-गांव में अपने जनाधार को मजबूत करने के लिए सक्रिय हो रही है, जिसका लक्ष्य न केवल पंचायत चुनाव में जीत हासिल करना है, बल्कि 2027 के विधानसभा चुनाव के लिए मजबूत जमीन तैयार करना भी है.

कैडर कैंप से शुरू हुई जोरदार शुरुआत

लोकसभा चुनाव के बाद बसपा ने संगठन को मजबूत करने के लिए कैडर कैंपों पर फोकस किया है. इन कैंपों के जरिए पार्टी गांव-गांव में अपनी पहुंच बढ़ा रही है. सैकड़ों की संख्या में लोग इन कैंपों में बसपा की सदस्यता ग्रहण कर रहे हैं. पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारी न केवल नए लोगों को जोड़ रहे हैं, बल्कि अन्य दलों के असंतुष्ट नेताओं को भी बसपा के साथ लाने में जुटे हैं. एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने बताया कि बिहार विधानसभा चुनाव के बाद पंचायत चुनाव की तैयारियां और तेज की जाएंगी.

दलित वोट बैंक पर बसपा की नजर

बसपा सुप्रीमो मायावती ने दलित समुदाय के साथ होने वाली घटनाओं पर गंभीर रुख अपनाया है. उन्होंने प्रदेश अध्यक्ष विश्वनाथ पाल को पीड़ित परिवारों से मिलकर सांत्वना देने और आर्थिक मदद करने के निर्देश दिए हैं. यह कदम दलित वोट बैंक को एकजुट करने की दिशा में अहम साबित हो सकता है. राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि बसपा का यह कदम ग्रामीण क्षेत्रों में पार्टी की पैठ को फिर से मजबूत करने में कारगर हो सकता है.

7 सितंबर को रणनीति पर मंथन

आगामी 7 सितंबर को लखनऊ में बसपा सुप्रीमो मायावती ने सभी प्रदेश पदाधिकारियों और जिलाध्यक्षों की एक महत्वपूर्ण बैठक बुलाई है. इस बैठक में पार्टी संस्थापक कांशीराम के 9 अक्टूबर को होने वाले परिनिर्वाण दिवस की तैयारियों पर चर्चा होगी. साथ ही, पंचायत चुनाव की रणनीति और प्रत्याशियों के चयन को लेकर भी दिशा-निर्देश जारी किए जाएंगे. मायावती इस दौरान संगठन को और चुस्त-दुरुस्त करने के लिए पदाधिकारियों को टास्क सौंप सकती हैं.

2027 के लिए जमीन तैयार करने की रणनीति

पंचायत चुनाव बसपा के लिए केवल स्थानीय स्तर पर जीत का मसला नहीं है, बल्कि यह 2027 के विधानसभा चुनाव के लिए एक मजबूत आधार तैयार करने का मौका है. पार्टी नेतृत्व का मानना है कि ग्रामीण क्षेत्रों में मजबूत पकड़ बनाकर बसपा न केवल अपनी सियासी ताकत को पुनर्जनन दे सकती है, बल्कि दलित और पिछड़े वर्गों के बीच अपनी विश्वसनीयता को भी फिर से स्थापित कर सकती है.

लंबे समय बाद बसपा उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक बार फिर सक्रिय और आक्रामक रुख के साथ मैदान में उतर रही है. पंचायत चुनाव में पार्टी की रणनीति और मेहनत न केवल ग्रामीण क्षेत्रों में उसकी साख को बहाल कर सकती है, बल्कि आने वाले विधानसभा चुनाव में भी बसपा को एक मजबूत खिलाड़ी के रूप में पेश कर सकती है. 7 सितंबर की बैठक में तय होने वाली रणनीति इस दिशा में एक बड़ा कदम साबित होगी.