‘मेरी बेटी, मेरी कुलदीपक’, बागपत DM की ऐतिहासिक पहल, बोले- बेटियां हमारे लिए वरदान
बागपत में जिलाधिकारी अस्मिता लाल ने 'मेरी बेटी, मेरी कुलदीपक' अभियान शुरू किया है. यह पहल बेटियों को सम्मान देने और समाज में पुरानी सोच बदलने पर केंद्रित है. अभियान का लक्ष्य बेटियों को बोझ न मानकर उन्हें शिक्षा और अवसर देकर राष्ट्र का गौरव बनाना है.

उत्तर प्रदेश के बागपत में बेटियों को सम्मान देने की दिशा में एक अनोखी पहल की शुरुआत हुई है. मिशन शक्ति-5 के तहत कलेक्ट्रेट सभागार में शुक्रवार को जिलाधिकारी अस्मिता लाल ने अभियान का शुभारंभ किया. इस मौके पर 35 ऐसे परिवारों को सम्मानित किया गया जिनकी बेटियां ही एकमात्र संतान हैं.
कार्यक्रम में इन परिवारों को कुलदीपक प्रतीक, पौधा और बालिकाओं को चॉकलेट भेंट की गई. इस दौरान सभागार प्रेरणा और उत्साह से भरा रहा. जिलाधिकारी ने कहा कि बेटियां केवल परिवार की जिम्मेदारी नहीं, बल्कि वह रोशनी हैं जो पूरे समाज और राष्ट्र को आलोकित करती हैं. उन्होंने स्पष्ट किया कि अब यह धारणा बदलनी होगी कि केवल बेटा ही कुलदीपक होता है.
बेटियों को कभी बोझ न समझें- DM का आह्वान
डीएम अस्मिता लाल ने कहा कि बेटियां भी जीवन में सम्मान, अनुशासन और समृद्धि लेकर आती हैं. यही सोच बदलने के लिए यह अभियान शुरू किया गया है. जिस प्रकार पौधे को देखभाल और पोषण मिलने पर वह विशाल वृक्ष बनता है, उसी तरह बेटियों को अवसर और सम्मान मिलने पर वे हर क्षेत्र में परिवार और देश का गौरव बढ़ाती हैं.

जिलाधिकारी ने परिवारों से आह्वान किया कि वे बेटियों को कभी बोझ न समझें. उन्होंने कहा, ‘आज बेटियां विज्ञान, प्रशासन, खेल, कला और उद्योग तक में ऊंचाइयां छू रही हैं. कई बार वे बेटों से आगे निकल जाती हैं. उन्होंने यह भी कहा कि प्रशासनिक योजनाओं की सफलता तभी संभव है जब समाज स्वयं इसमें भागीदार बने.
हमारी बेटी हमारे घर की असली कुलदीपक
इस अवसर पर सम्मानित परिवारों ने भी अपनी प्रेरक कहानियां साझा कीं. कुछ परिवारों ने बताया कि किस तहत उन्होंने समाज से ताने सुनने के बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी, सब कुछ सहते हुए बेटियों को बेहतर शिक्षा दिलाई. एक परिवार ने गर्व से कहा, ‘हमारी बेटी हमारे घर की असली कुलदीपक है. वह हमारे लिए वरदान है.’

इस अभियान का उद्देश्य केवल कार्यक्रम आयोजित करना नहीं बल्कि यह संदेश प्रत्येक घर तक पहुंचाना है कि बेटी ही परिवार की असली शक्ति है. प्रशासन ने बताया कि आगे इस अभियान के अंतर्गत जागरूकता कार्यक्रम, प्रतियोगिताएं और गतिविधियां आयोजित की जाएंगी. ताकि बेटियों के लिए सुरक्षित और प्रोत्साहनकारी माहौल तैयार हो सके.
सम्मान देना समाज की सबसे बड़ी जिम्मेदारी-DM
जिलाधिकारी अस्मिता लाल ने अपने संबोधन में कहा कि वह लगातार जिले में महिला सशक्तिकरण और बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए नवाचारों की पहल करती रही हैं. उन्होंने कहा, ‘बेटियां केवल परिवार की पहचान नहीं बल्कि राष्ट्र की प्रगति की असली धुरी हैं. उन्हें अवसर और सम्मान देना समाज की सबसे बड़ी जिम्मेदारी है. ‘
इस अवसर पर अपर जिलाधिकारी वित्त/राजस्व पंकज वर्मा, एसडीएम भावना सिंह, डिप्टी कलेक्टर मनीष यादव, ज्योति शर्मा, उप मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. यशवीर सिंह और अधिशासी अधिकारी रटौल वीरज त्रिपाठी सहित कई अधिकारी मौजूद रहे. यह पहल बागपत से शुरू होकर पूरे प्रदेश और देश के लिए प्रेरणा बन सकती है.