ऊपर की जेब में मोबाइल रखकर ऑफिस आने पर लगा बैन, BSA का अनोखा फरमान
सोनभद्र में जिला बेसिक शिक्षा कार्यालय में मोबाइल फोन पर रोक लगा दिया गया है. बेसिक शिक्षा अधिकारी के इस फरमान पर सवाल उठने लगे हैं. शिक्षक और कर्मचारी इस आदेश से नाराज हैं. इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के खिलाफ बता रहे हैं. उनका कहना है-आखिर अधिकारी किस बात से डर रहे हैं?

उत्तर प्रदेश में अधिकारियों के अजीबो-गरीब आदेश अक्सर सुर्खियों में रहते हैं. अब सोनभद्र जिले से ऐसा ही एक मामला सामने आया है. जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी (BSA) ने कार्यालय में मोबाइल फोन लाने पर प्रतिबंध लगा दिया है. इसका उद्देश्य अनुशासन बनाए रखना बताया जा रहा है, जबकि कुछ इसे हाल के विवाद से जोड़ रहे हैं.
जारी आदेश में शिक्षकों, कर्मचारियों और आगंतुकों पर मोबाइल हाथ में या ऊपर की जेब में रखकर आने पर प्रतिबंध लगा है. यानी कोई व्यक्ति कार्यालय में आता है तो उसके पास मोबाइल जेब में ऊपर दिखाई नहीं देना चाहिए और न ही हाथ में होना चाहिए. वहीं, स्थानीय शिक्षकों और कर्मचारियों में इस आदेश को लेकर नाराजगी देखी जा रही है.
आखिर अधिकारी किस बात से डर रहे हैं?
अधिकारी का कहना है कि यह कदम ‘अनुशासन बनाए रखने’ के लिए उठाया गया है. हालांकि इसे हाल ही में हुए विवाद से जोड़ा जा रहा है. जब महिला शिक्षकों के हंगामा का वीडियो वायरल हुआ था. इस पर शिक्षा विभाग की कार्यशैली पर सवाल खड़े होने लगे थे. माना जा रहा है कि उसी से बचाव के लिए यह अनोखा आदेश जारी कर दिया गया.
शिक्षकों और कर्मचारियों का कहना है कि यह फरमान किसी भी प्रकार की रिकॉर्डिंग से बचने का उपाय है. यह फैसला पारदर्शिता और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के खिलाफ है. आज के डिजिटल युग में मोबाइल पर रोक लगाना न केवल अव्यावहारिक है, बल्कि यह सवाल भी खड़ा करता है कि आखिर अधिकारी किस बात से डर रहे हैं.
केवल अविश्वास पैदा करना वाला फरमान
बीएसएस के फरमान को लेकर विभाग की कार्यशैली पर सवाल उठ रहे हैं. वहीं, आम लोगों का भी कहना है कि जब अधिकारी अपने काम में ईमानदार और पारदर्शी हों, तो किसी वीडियो या रिकॉर्डिंग से डरने की जरूरत ही नहीं होनी चाहिए. उनका यह भी कहना है कि इस तरह का फरमान केवल अविश्वास पैदा करता है.