मुजफ्फरनगर: सोरम में डेढ़ दशक बाद सर्वखाप महापंचायत, तीन दिनों तक चलेगा मंथन

मुजफ्फरनगर के ऐतिहासिक सोरम गांव में तीन दिवसीय सर्वजातीय सर्वखाप महासम्मेलन शुरू हुआ. इसमें राजस्थान, हरियाणा, पंजाब सहित कई राज्यों से खाप चौधरी और सदस्य शामिल हो रहे हैं. किसान नेता राकेश टिकैत ने सामाजिक सुधार के मुद्दे बताए हैं.

सोरम में सर्वखाप महापंचायत की शुरुआत

किसानों की और खापों की राजधानी कहे जाने वाले पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में स्थित ऐतिहासिक सोरम गांव में रविवार को तीन दिवसीय सर्वजातीय सर्वखाप महासम्मेलन की शुरुआत की गई. यह महासम्मेलन 16, 17 और 18 नवंबर तक चलेगी. इस दौरान सामाजिक सुधार के मुद्दों पर विचार विमर्श किया जाएगा.

बताया जा रहा है कि आजादी के बाद से यह सातवां महा सम्मेलन होने जा रहा है, जिसमें सर्वजातीय सर्वाखाप के लोग बड़ी संख्या में हिस्सा लेंगे. सभी लोगों के ठहरने और खाने के लिए भी गांव में जगह-जगह बंदोबस्त किए गए हैं. सामाजिक मुद्दों पर चर्चा के बाद सर्वखाप चौधरी अपना फ़ैसला सुनाएंगे.

समाज में फैली कुरीतियों पर होगा विचार-विमर्श

सर्वखाप महासम्मेलन में राजस्थान, हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश सहित अन्य कई राज्यों से खाप चौधरी और खाप से जुड़े लोग हिस्सा लेंगे. महापंचायत का मुख्य उद्देश्य समाज में फैली कुरीतियों जैसे नशाखोरी और दहेज प्रथा को दूर करने और आने वाली पीढ़ियों के मार्गदर्शन के लिए सामाजिक सुधार के विभिन्न पहलुओं पर विचार-विमर्श करना है.

कुरीतियां फैल जाती हैं तो कंट्रोल करना पड़ता है

भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने महासम्मेलन को लेकर अधिक जानकारी दी है. उन्होंने बताया कि मुद्दे तो खाप चौधरी ही रखेंगे. समाज में कुरीतियां फैल जाती हैं तो समय-समय उन पर कंट्रोल करना पड़ता है. जब कोई सामूहिक निर्णय होता है तो उसका निर्णय ठीक रहता है.

पंचायत में आखिरी दिन प्रस्ताव पारित किए जाएंगे

टिकैत ने कहा कि इसमें बच्चों की पढ़ाई पर ज्यादा ध्यान देना, नशे पत्ते से दूर रहना, दहेज लेना बंद करो जैसे मुद्दे पर बात होगी. उन्होंने कहा कि पूरे गांव में रुकने की व्यवस्था है. जो सम्मानित लोग हैं वह यहां पर आएंगे और बोलेंगे और अपनी बात कहेंगे. वहीं, सर्वखाप पंचायत में तीन दिन तक आने वाले मुद्दों के बाद प्रस्ताव पारित किए जाएंगे.