वृंदावन: धीरेंद्र शास्त्री की पदयात्रा संपन्न, रामभद्राचार्य ने दिल्ली से कश्मीर तक हिंदू एकता यात्रा का किया ऐलान

वृंदावन में धीरेंद्र शास्त्री की यात्रा के समापन पर, जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने 'ओम क्रांति' का आह्वान करते हुए दिल्ली से कश्मीर तक हिंदू एकता यात्रा की घोषणा की. धीरेंद्र शास्त्री ने भी सनातन एकता और सामाजिक समरसता का संदेश दिया. साथ ही इस यात्रा को जन-आंदोलन बताया.

पदयात्रा से निकले बड़े संदेश

बागेश्वर धाम के पीठाधीश पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की सनातन हिंदू एकता पदयात्रा रविवार को वृंदावन में संपन्न हुई. इस 10 दिवसीय पदयात्रा के दौरान लोगों में जबरदस्त उत्साह देखने को मिला. वृंदावन के चार धाम में यात्रा के समापन कार्यक्रम में जगद्गुरु रामभद्राचार्य भी शामिल हुए. जहां उन्होंने ‘ओम क्रांति’ का आह्वान किया.

जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने मंच से कहा बहुत जल्दी हम दिल्ली से कश्मीर तक की हिंदू एकता पदयात्रा निकालेंगे. हिंदू जाग गया है ‘बहुत हो गया ओम शांति शांति की नारा अब बोलो ओम क्रांति क्रांति क्रांति’. उन्होंने दिल्ली ब्लास्ट मामले पर कहा, ‘जो लाल क़िला पर हुआ उसका उचित प्रसाद जल्दी ही आतंकवादियों को मिलेगा.’

‘हमारे शब्दकोष से अब माफी का शब्द खत्म’

रामभद्राचार्य ने कहा कि जब तक भारत में हिंदुओं की संख्या अस्सी परसेंट नहीं हो जाती, यहां से आतंकवाद नहीं मिट पाएगा. हमें जनसंख्या में वृद्धि करनी पड़ेगी, हिंदुओं को तीन बालक करने पड़ेंगे. सरकार पर हमें दबाव डालना पड़ेगा कि वो जल्दी ही सामान नागरिक संहिता लागू करें.

उन्होंने भरे मंच से कहा कि भारत में जो भी हिंदू बनना चाहेगा हम उसको हम हिंदू बनायेंगे. सभी संतों को भी एक होना पड़ेगा और हिंदुओं को जागरूक होना पड़ेगा. हमारे शब्दकोष से अब माफ़ी का शब्द ख़त्म हो गया है अब अधर्मियों को दंड देना का समय है. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की सनातन हिंदू एकता पदयात्रा 7 से 16 नवंबर तक चली.

दुनिया ने देखा सनातन समाज एकजुट हुआ

धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि 10 दिनों में करोड़ों मनुष्यों ने एक स्वर में सनातन धर्म के लिए खड़े होने का संदेश दिया. अमीर, गरीब, साधु, आम जन… सभी वर्गों के लोग इस यात्रा में शामिल हुए. यही सनातन की सबसे बड़ी ताकत है. उन्होंने बताया कि यात्रा किसी एक वर्ग की नहीं थी, बल्कि समाज के हर हिस्से की भागीदारी का जीवंत उदाहरण थी.

उन्होंने कहा कि यात्रा ने वह कर दिखाया, जो कई आंदोलन भी नहीं कर सकें. समाजों को एक धागे में पिरोना. सामाजिक समरसता का संदेश पूरे विश्व में गया. दुनिया ने देखा कि सनातन समाज एकजुट हुआ है. साथ ही बताया ‘इस यात्रा में हमने सनातन हिंदू एकता का प्रण लिया है.’ यह 10 दिवसीय यात्रा दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश से होकर गुज़री.

ब्रज में मांस-मदिरा पर रोक की चर्चा तेज

शास्त्री ने ब्रज की पवित्रता की बात उठाते हुए कहा, ‘ब्रज में मांस–मदिरा के बंद होने पर चर्चा जोर-शोर से प्रारंभ हुई है. ब्रज की धरती भक्ति की भूमि है, यहां यह चर्चा होना ही अपने आप में शुभ संकेत है.’ साथ ही उन्होंने तीखे शब्दों में कहा, ‘भगवान की कृपा हुई है. अब यात्राओं पर पत्थर नहीं, फूल बरसेंगे.’

हिंदू सनातनी दंगे के नहीं, गंगा के पक्षधर

समाज को अनुशासन का संदेश देते हुए शास्त्री ने कहा कि ‘हिंदू सनातनी दंगे के पक्षधर नहीं, गंगा के पक्षधर हैं. हमारा मार्ग शांति, सेवा और प्रेम का है. उन्होंने कहा कि यह रैली नहीं है. लोग यहां त्याग और समर्पण के भाव से आए हैं. यह सनातन के प्रति उनकी भक्ति और समर्पण का प्रमाण है.