प्रयागराज में एक नहीं कई हैं पूजा पाल , किसको मिला इंसाफ, किसकी टूटी आस और अब किसे है इंतजार

उत्तर प्रदेश की सियासत में इन दिनों पूजा पाल के सपा से बाहर निकाले जाने पर बयानबाजी का दौर जारी है. इसके हाल ही में पूजा पाल ने विधानसभा में कहा था कि उन्हें सीएम योगी ने न्याय दिलाया है और उनके पति के हत्यारों को सजा मिली है. प्रयागराज में कुछ महिलाएं आज भी इंसाफ का इंतजार कर रही हैं, तो कुछ लेडी डॉन की राह पर आगे निकल चुकी हैं. जानते हैं ऐसी ही कई महिलाओं के बारे में.

पूर्व सपा विधायक पूजा पाल (फाइल फोटो)

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज को शिक्षा और संस्कृति का केंद्र माना जाता है.यहां पर लंबे समय से राजनीति और अपराध के गठजोड़ की स्याह हकीकत भी लिख रहा है. यहां की गलियों और सत्ता की सीढ़ियों से कई ऐसी महिलाओं की दास्तां दर्ज है, जिन्होंने पति की हत्या के बाद सियासी जमीन में कदम रखा या रखने की कोशिश की. इसमें किसी को इंसाफ मिला तो किसी को आज भी इंसाफ का इंतजार है. वहीं कुछ ऐसी भी हैं तो किसी के नाम के आगे जुड़ गया नया नाम लेडी डॉन.

पूजा पाल का दावा, उन्हें मिला इंसाफ

25 जनवरी 2005 में बसपा विधायक राजू पाल की हत्या प्रयागराज की सबसे बड़ी राजनीतिक हत्याओं में गिनी जाती है. शादी के 9 वें दिन ही पूजा पाल के पति राजू पाल की हत्या कर दी गई. फूलपुर के बाहुबली सपा सांसद अतीक अहमद और उसके भाई खालिद अजीम उर्फ अशरफ सहित 9 लोगों को इस मामले में आरोपी बनाया गया.

अपनी ऊंची रसूख और सपा सरकार की नजदीकियों की वजह से सपा सरकार के समय तक पूजा पाल को कोई इंसाफ नहीं मिला. 2023 में पुलिस कस्टडी में अतीक और अशरफ की शूटर्स के द्वारा की गई हत्या के बाद 2025 अगस्त में पूजा पाल ने सदन में बयान दिया कि योगी सरकार ने उसे इंसाफ दिलाया.इस तरह प्रयागराज में किसी जनप्रतिनिधि की हत्या के बाद इंसाफ पाने वाली ‘पहली विधवा महिला’ पूजा पाल को कहा जा सकता है.

दूसरी पूजा पाल को इंसाफ की आस

इस कड़ी में दूसरी पूजा पाल ने भी इंसाफ की आस जुटाई है. ये विजमा यादव हैं. प्रयागराज की विजमा यादव के पति का नाम जवाहर यादव उर्फ पंडित के नाम से जाना जाता है. वो कभी समाजवादी पार्टी के विधायक थे. 16 अगस्त 1996 को सिविल लाइन्स में दिन दहाड़े उनकी हत्या कर दी गई. इस हत्याकांड का आरोप श्याम नारायण उर्फ मौला महाराज, कपिलमुनि करवरिया, उदयभान करवरिया, सूरजभान करवरिया और रामचंद्र त्रिपाठी के अलावा 5 अज्ञात लोगों पर लगा.

मौला महाराज की उसी साल मौत हो गई. 4 नवंबर 2019 को अदालत ने चारों आरोपियों को दोषी मानते हुए IPC की धारा 302, 307, 147, 148, 149 और क्रिमिनल लॉ अमेंमेंट ऐक्ट की धारा 7 के तहत आजीवन कैद की सजा सुनाई. कोर्ट ने तीनों करवरिया बंधुओं को आजीवन कारावास की सजा सुनाई लेकिन, 8 साल सजा काटने के बाद पूर्व बीजेपी विधायक उदय भान करवरिया को अच्छे आचरण के आधार पर रिहा कर दिया गया. इसी पर विजमा यादव को ऐतराज है. विजमा का कहना है कि जो सरकार सपा विधायक पूजा के सिंदूर का इंसाफ करने का दावा करती है वह उसके सिंदूर का हिसाब कब करेगी. उसका इंसाफ अधूरा है.

तीसरा नाम है लेडी डॉन शाइस्ता परवीन का

यहां के डॉन और पूर्व सांसद अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता परवीन ने भी राजनीति में उतरने की महत्वाकांक्षा दिखाई थी।लेकिन पति और परिवार पर दर्ज अपराधों की लम्बी फेहरिस्त, गैंगस्टर की छवि और खुद उनके खिलाफ केसों ने राजनीतिक करियर को शुरू होने से पहले ही रोक दिया. 15 अप्रैल 2023 को अतीक अहमद और उसके भाई खालिद अजीम उर्फ अशरफ की पुलिस कस्टडी में शूटरों ने हत्या कर दी और शाइस्ता परवीन विधवा हो गई. आज वो फरार है और उस पर 50 हजार का इनाम घोषित है.शाइस्ता का इंतजार अलग तरह का है. उसे इंसाफ नहीं, बल्कि राजनीति में फिर से वैध पहचान पाने का इंतजार है.

पूर्व विधायक अशरफ की पत्नी जैनब फ़ात्मा

पूर्व विधायक खालिद अज़ीम उर्फ़ अशरफ की पत्नी जैनब फ़ात्मा की कहानी भी इसी कड़ी का हिस्सा है. 15 अप्रैल 2023 में अशरफ की पुलिस सुरक्षा में हुई हत्या के बाद उसकी पत्नी जैनब भी इसी कतार में खड़ी मानी जा सकती है. जैनब के ऊपर पुलिस ने एक मामले में केस भी दर्ज किया और जब उसने पुलिस के सामने सरेंडर नहीं किया तो उसके खिलाफ पहले गैर जमानती वारंट जारी हुआ. अब तो उसे लेकर ईनाम भी घोषित किया गया है.