मुआवजे पर तकरार… एक्सप्रेसवे के लिए किसानों के सामने रौंद दी गई लहलहाती धान की फसल
यूपी के चंदैली से कुछ ऐसी तस्वीरें सामने आई हैं, जहां किसानों की खड़ी फसल को प्रशासन ने रौंद दिया. हांलाकि किसानों ने अपनी लहलहाती धान की फसल को बचाने के लिए जमकर बवाल काटा लेकिन वे उसे बचा नहीं पाए. आखिरकार प्रशासन ने ऐसा क्यों किया. आपको बताते हैं.

यूपी के चंदौली में चल रहे भारतमाला परियोजना के तहत वाराणसी रांची कोलकाता एक्सप्रेसवे के निर्माण को लेकर कई किसानों की खड़ी फसल को रौंद दिया गया. इस दौरान किसानों ने भी अपना विरोध जताया लेकिन वे अपनी फसल को बचा नहीं पाए. किसानों का कहना है कि उन्हें उनकी जमीनों का पूरा मुआवजा नहीं मिला है. इसीलिए वे अपनी जमीनों पर खेती कर रहे हैं. लेकिन प्रशासन के एक्शन के बाद उनकी पूरी फसल बर्बाद होती दिखाई दे रही है.
किसानों ने ये कहा
इस पूरी कार्रवाई के दौरान मौके पर 2 थानों की फोर्स और पीएसी की एक प्लाटून भी मौजूद रही. किसानों का कहना है कि वैसे तो सरकार किसानो की आय दोगुनी करने की बात करती है. वहीं दूसरी तरफ उनकी जमीनों का जबरदस्ती अधिग्रहण किया जा रहा है. जिसके लिए उन्हें उचित मुआवजा भी नहीं दिया जा रहा. उनका कहना है कि प्रशासन द्वारा उनकी फसल को रौंद दिया गया है, जिसके चलते उनके सामने संकट की स्थिति पैदा हो गई है.
कैसे चुकाएंगे कर्ज
किसानों का कहना है कि उनकी जमीन ही उनकी रोजी- रोटी का जरिया है. उन्होंने किसी तरह से कर्ज लेकर अपने खेतों में धान की रोपाई की थी. 2 महीनों में फसल तैयार होने वाली थी. लेकिन इसके पहले प्रशासन के एक्शन से अब उनके लिए मुश्किलें बढ़ गई हैं. किसानों को चिंता ये भी है कि फसल बर्बाद होने के बाद अब वे कर्ज कैसे चुकाएंगे.
ये है मांग
किसानों ने प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. वहीं जेसीबी को भी रोकने का प्रयास किया गया. किसानों की मांग है कि सरकार उनकी फसल के नुकसान के मुआवजा के साथ- साथ जमीन का भी उचित मुआवजा दे. उन्होंने कहा अगर ऐसा नहीं होगा तो वो प्रशासन के खिलाफ धरना- प्रदर्शन करेंगे. फिलहाल अब देखना ये होगा कि क्या इन मांगों को गंभीरता से लिया जाएगा या फिर उनकी मांगे भी इसी तरह से दबा दी जाएंगी.
रिपोर्ट- विवेक कुमार पाण्डेय