5 महीने पहले छोड़ गई थी पत्नी, करवाचौथ पर चांद नहीं पुलिस के सामने खोला व्रत; खुश हो गया पति
यूपी के कानपुर में झगड़े के बाद 5 महीने से अलग रह रहे एक पति- पत्नी के लिए करवाचौथ का त्योहार उनके मिलन का जरिया बन गया. रूठे पति को मनाने के लिए पत्नी ने करवाचौथ का व्रत रखा और चौकी पहुंचकर पुलिस से समझौते की गुहार लगाई. इसके बाद पुलिस ने जो किया, वो चर्चा का विषय बना हुआ है.

यूपी के कानपुर से करवाचौथ के दिन एक भावुक कर देने वाली घटना सामने आई. यहां घरेलू विवाद के चलते पिछले पांच महीने से अलग रह रहे पति-पत्नी एक बार फिर साथ आ गए और ये संभव हो पाया पुलिस की कोशिश के चलते. करवाचौथ के दिन पत्नी व्रत के बाद थाने पहुंच गई और नाराज पति से समझौता कराने के लिए पुलिस से गुहार लगाई. पुलिस ने मामले में संवेदनशीलता दिखाते हुए दोनों पक्षों को थाने बुला लिया.
5 महीने से अलग रह रहे थे पति- पत्नी
ये मामला कानपुर के नानकारी इलाके का है, यहीं के रहने वाले अजय की शादी मंधना विद्यापुरम की रहने वाली राखी से 8 साल पहले हुई थी. दोनों का एक 7 साल का बेटा भी है. लेकिन घरेलू झगड़े के चलते करीब पांच महीने पहले दोनों अलग- अलग रहने लगे थे. उनका बेटा अजय के साथ ही रह रहा था.
पुलिस ने की पहल
करवाचौथ का दिन पत्नी राखी के लिए भावनात्मक रूप से बेहद अहम था इसीलिए पति की नाराज़गी के बावजूद उसने उसकी लंबी उम्र के लिए करवाचौथ का व्रत रखा और पति से वापस आने के लिए कहा. लेकिन जब अजय ने घर वापस आने से मना कर दिया, तो राखी मंधना पुलिस चौकी पहुंच गई और पूरी बात चौकी इंचार्ज सौरभ प्रताप सिंह को बताई. चौकी इंचार्ज ने मामले में संवेदनशीलता दिखाते हुए पति को वहां बुलाया और नाराजगी खत्म करने को लेकर बात की.
पुलिस ने राखी के ससुराल वालों के साथ- साथ मायके पक्ष को भी बुलाया. चौकी इंचार्ज सौरभ प्रताप सिंह ने दोनों से बात की, उन्हें समझाया और रिश्तों की अहमियत बताई.
फिर मिल गए पति- पत्नी
लगभग घंटे भर की बातचीत और समझाने के बाद आखिरकार अजय और राखी दोनों एक-दूसरे के साथ दोबारा रहने के लिए राजी हो गए. उन्होंने पुलिस के सामने वादा किया कि अब वो आपसी कभी आपस में झगड़े नहीं करेंगे और दोनों साथ में प्यार से रहेंगे. पुलिस की इस पहल और संवेदनशीलता के चलते पति- पत्नी फिर से एक हो गए. इसके बाद अजय ने मंधना बाजार जाकर करवाचौथ की पूजा का सामान और मिठाई खरीदकर अपनी पत्नी को दिया और दोनों खुशी- खुशी घर लौट गए.