सीतापुर में शिक्षक ने BSA को क्यों पीटा? ये है पूरी इनसाइड स्टोरी
यूपी के सीतापुर में BSA अखिलेश प्रताप सिंह की बेल्ट से पिटाई से का मामला सामने आने के बाद अब चर्चा ये है कि आखिर एक एक प्राइमरी स्कूल के प्रिंसिपल ने BSA की इतनी बुरी तरीके से पिटाई क्यों कर दी. आखिरकार प्रिंसिपल की ऐसी कौन सी मजबूरी थी कि उसने ऐसे कदम उठाया, आपको बताते हैं.

यूपी के सीतापुर जिले में एक BSA की एक शिक्षक के द्वारा पिटाई के बाद इस घटना की चारों तरफ चर्चा हो रही है. इससे जुड़ा एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल है, जिसमें साफतौर से देखा जा सकता है कि जब बेसिक शिक्षा अधिकारी (BSA) अखिलेश प्रताप सिंह अपने ऑफिस में बैठे थे, तभी प्राइमरी स्कूल के एक प्रधानाध्यापक ने उनकी बेल्ट से पिटाई कर दी.
आरोपी शिक्षक ने BSA को बुरी तरह से पीट दिया, यह घटना कार्यालय में लगे सीसीटीवी कैमरे में भी कैद हो गई. जब ये मामला तूल पकड़ने लगा तो पुलिस ने आरोपी शिक्षक को अरेस्ट कर लि लिया और मुकदमा दर्ज करते हुए जेल भेज दिया.
सहायक अध्यापिका से विवाद से जुड़ा मामला
जानकारी के मुताबिक, आरोपी शिक्षक ब्रजेंद्र कुमार वर्मा प्राथमिक विद्यालय नदवा में प्रधानाध्यापक के पद पर कार्यरत हैं. कहा जा रहा है कि इसी स्कूल में लंबे समय से सहायक अध्यापिका अवंतिका गुप्ता और प्रधानाध्यापक के बीच विवाद चल रहा था. गांववालों और बच्चों के पैरेन्ट्स की मानें तो शिक्षिका अवंतिका गुप्ता विद्यालय में नियमित रूप से उपस्थित नहीं रहती हैं. इसे लेकर प्रधानाध्यापक ने कई बार आपत्ति जताई और कार्रवाई के तहत उनका वेतन रोक दिया.
वेतन रोकने का विवाद बढ़ा तो शिक्षिका को बीएसए ने अटैच कर दिया. हालांकि, शिक्षिका वहां भी नियमित उपस्थिति का प्रमाणपत्र नहीं दिखा सकीं. इस पर प्रधानाध्यापक ने उनके वेतन रिलीज करने से इनकार कर दिया. इतना ही नहीं, शिक्षिका ने RTI के जरिए भी प्रधानाध्यापक पर दबाव बनाने की कोशिश की, लेकिन कोई ठोस आधार सामने नहीं आ सका.
BSA प्रिंसिपल की बिगड़ी बात
मामला लगातार बढ़ता चला गया. मंगलवार शाम को बीएसए अखिलेश प्रताप सिंह ने प्रधानाध्यापक ब्रजेंद्र वर्मा को स्पष्टीकरण के लिए कार्यालय बुलाया था. बताया जाता है कि दोनों के बीच बातचीत के दौरान विवाद इतना बढ़ा कि गुस्से में प्रधानाध्यापक ने अचानक बेल्ट निकालकर बीएसए पर हमला कर दिया. इससे वहां अफरा-तफरी मच गई.
घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और आरोपी प्रधानाध्यापक को गिरफ्तार कर लिया. इसके बाद आरोपी प्रिंसिपल के खिलाफ मुकदमा दर्ज करके उसे जेल भेज दिया गया. वहीं इस पूरे मामले का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है., जिससे शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली पर भी कई गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं.
गांववालों ने ये बताया
घटना के बाद गुरुवार को प्राथमिक विद्यालय नदवा में कोई शिक्षक पढ़ाने नहीं पहुंचा और स्कूल में ताला लटकता नजर आया. जिसके चलते बच्चों की पढ़ाई भी बाधित हुई. नाराज अभिभावक विद्यालय के बाहर इकट्ठा होकर नारेबाजी करते नजर आए. गांववालों ने शिक्षिका अवंतिका गुप्ता पर लापरवाही के आरोप लगाए हैं. उनका कहना है कि वो पढ़ाने के लिए स्कूल नहीं आती हैं. जिला प्रशासन और शिक्षा विभाग द्वारा इस मामले का संज्ञान लेते हुए जांच की जा रहाी है. अधिकारियों का कहना है कि दोषी पर सख्त कार्रवाई की जाएगी और बच्चों की पढ़ाई प्रभावित न हो, इसके लिए व्यवस्था की जाएगी.