पकड़ा गया ऐसा गैंग, जो मिनरल वाटर बताकर मंगाते थे ऑक्सीटोसिन, फल-सब्ज़ियां रातों-रात हो जाती थी बड़ी
उत्तर प्रदेश STF ने लखनऊ में एक बड़े ऑक्सीटोसिन तस्करी गिरोह के तीन लोगों को गिरफ्तार किया है. इनके पास से लगभग 1.2 करोड़ रुपये का ऑक्सीटोसिन जब्त भी किया गया है. यह गिरोह बिहार से ऑक्सीटोसिन मंगाकर लखनऊ और आसपास के जिलों में सप्लाई करता था. तस्करी करने वाले इसे मिनरल वाटर बताकर मंगाते थे और फिर इसकी मदद से फल और सब्जियों को बड़ा करते थे.

उत्तर प्रदेश में एसटीएफ टीम को बड़ी सफलता मिली है. यहां एसटीएफ ने अन्तर्राज्यीय स्तर पर अवैध रूप में ऑक्सीटोसिन इन्जेक्शन की तस्करी करने वाले 3 गिरोह के सदस्यों को गिरफ्तार किया है. इन्हें मोहन रोड के पास बुद्धेश्वर चौराहे से गिरफ्तार किया गया है. यहां एसटीएफ टीम की ओर से पकड़े गए लोगों में अनमोल, अवधेश शामिल हैं. यो लखनऊ के रहने वाले हैं. वहीं एक और शख्स जिसे एसटीएफ टीम ने पकड़ा है उसका नाम खगेश्वर है. ये सीतापुर का रहने वाला है.
एसटीएफ टीम ने इनके कब्जे से लगभग 5,87,880 एम०एल० ऑक्सीटोसिन बरामद किया है. इस ऑक्सीटोसिन की कीमत लगभग 1.20 करोड़ हो सकती है. एसटीएफ के अधिकारियों ने बताया कि पूछताछ में सामने आया है कि इन सभी का एक गिरोह है, जो लखनऊ एवं आस-पास के जिले में अवैध रूप से आक्सीटोसीन इन्जेक्शन की सप्लाई करता है.
बिहार से मंगाते थे ऑक्सीटोसिन का इंजेक्शन
यह लोग बिहार राज्य से हाई डेंसिटी के आक्सीटोसीन इंजेक्शन पार्सल के जरिए मिनरल वाटर बताकर मंगाते है, जिसे जरूरत के हिसाब से अलग-अलग साइज के एम्पुल में पैक करके सप्लाई की जाती है. इसकी सप्लाई लखनऊ और यहां के आस-पास के जिलों में होती है. इस इन्जेक्शन का इस्तेमाल खास तौर पर पशुओं पर किया जाता है. इसके इस्तेमाल से पशुओं से दूध निकाला जाता है. साथ ही इसका इस्तेमाल सब्जियों और फलों को कम समय में ही बड़ा करने के लिए भी किया जाता है. इस अवैध आक्सीटोसीन इन्जेक्शन की बिहार राज्य से सप्लाई करने वाले के बारे में एसटीएफ की टीम जांच कर रही है.
एसटीएफ के एडिशनल एसपी ने क्या कहा?
एसटीएफ के एडिशनल एसपी अमित नागर ने बताया कि गिरोह ऑक्सीटोसिन को छोटे-छोटे शीशियों में पैक करके लखनऊ और आसपास के जिलों में सप्लाई करता था. शेड्यूल एच हार्मोन वाली इस दवा का इस्तेमाल अवैध रूप से मवेशियों में दूध उत्पादन को बढ़ाने और फलों और सब्जियों में कृत्रिम रूप से बढ़ाने के लिए किया जाता है. इससे लोगों के स्वास्थ्य को गंभीर खतरा है. भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 318(4), 280, 276 और 112 के तहत काकोरी थाने में एफआईआर दर्ज की गई है.



