कृष्ण की नगरी मथुरा में भोलेनाथ हैं कोतवाल, भूतेश्वर महादेव के नाम से प्रसिद्ध है ये मंदिर
वैसे तो मथुरा भगवान कृष्ण की जन्मस्थली के तौर पे जानी जाती है. लेकिन यहां एक ऐसा भी मंदिर है, जिसे लेकर ये मान्यता है कि भगवान शिव यहां के कोतवाल हैं. ये मंदिर भूतेश्वर महादेव के नाम से प्रसिद्ध है. आखिर कृष्ण की नगरी में भोलेनाथ क्यों हैं इतना खास और इसे लेकर क्या है मान्यता. आपको विस्तार से बताते हैं.
सावन का महीना शुरू हो गया है और इस महीने में भोलेनाथ की पूजा खासतौर पे की जाती है. हांलाकि जब बात मथुरा की हो तो ये नगरी श्री कृष्ण के रंग में रंगी दिखाई देती है. मथुरा में हर जगह भगवान कृष्ण के जयकारे सुनाई पड़ते हैं.
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लेकिन यहां भी एक ऐसा मंदिर है, जहां भगवान कृष्ण की नहीं बल्कि भगवान शिव की खासतौर पे पूजा होती है. इस मंदिर में भगवान भोलेनाथ मथुरा के कोतवाल के रूप में विराजमान हैं.
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भूतेश्वर महादेव के नाम से जाना जाने वाला ये मंदिर काफी प्राचीन है. इसे लेकर इस कहा जाता है कि इस मंदिर के नीचे पाताल देवी भी विराजमान है, जहां कंस ने उनकी पूजा की थी.
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ऐसा कहा जाता है कि राक्षसों से बृजवासियों की रक्षा करने के लिए भगवान शिव यहां के कोतवाल बने थे और नगरवासियों को संकट से बचाया था. मान्यता है कि ये भूतेश्वर महादेव का मंदिर करीब 2000 साल पुराना है. एक किंवदंती के अनुसार, तारकासुर नामक राक्षस ने भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए इसी स्थान पर तपस्या की थी.
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मान्यता है कि काशी विश्वनाथ यहां पर भूतेश्वर महादेव के रूप में विराजमान हैं और भगवान कृष्ण ने उन्हें ब्रज का कोतवाल बनाया था.
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सावन के महीने में भगवान भूतेश्वर महादेव की विशेष पूजा अर्चना की जाती है. यहां श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखने को मिलती है. यहां नंदी जी भी विराजमान हैं, भक्त अपनी मनोंकामनाओं को विशेष तौर से उनके सामने प्रकट करते नजर आते हैं.
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फिलहाल इस मंदिर से जुड़ी अनेक मान्यताएं हैं. भक्तों का मानना है कि सावन में इस मंदिर में दर्शन करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है. भूतेश्वर महादेव मंदिर से जुड़ी एक मान्यता ये भी है कि भगवान शिव कोतवाल के रूप में आज भी मथुरा वासियों की संकटों से रक्षा करते हैं.