खेत से कोठी तक… विदेशी फंडिंग से बनाई प्रॉपर्टी; खुलने लगा छांगुर बाबा का काला चिट्ठा

अवैध धर्म परिवर्तन माफिया छांगुर बाबा के खिलाफ छापेमारी में करोड़ों की बेनामी संपत्ति का खुलासा हुआ है. जिसमें कृषि भूमि, मकान, और कमर्शियल प्रॉपर्टी तक शामिल है. यह संपत्ति 2020-21 में अर्जित की गई. इस संपत्ति के पीछे विदेशी फंडिंग का अहम रोल माना जा रहा है.

छांगुर बाबा (फाइल फोटो)

उत्तर प्रदेश में अवैध धर्म परिवर्तन माफिया छांगुर बाबा को लेकर रोज नए-नए खुलासे हो रहे हैं. प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गुरुवार को छांगुर बाबा के खिलाफ ताबड़तोड़ छापेमारी की है. इस दौरान छांगुर बाबा और उनके परिवार की बेनामी अकूत संपत्ति का खुलासा हुआ है. बाबा के चमत्कारों के चर्चे तो पहले से थे, लेकिन अब उनकी करोड़ों की संपत्ति देखकर अफसरों के भी होश उड़ गए हैं.

ईडी ने धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जिले में 12 और मुंबई में दो ठिकानों पर रेड की है. खेत, मकान, दुकान और प्लॉट, हर तरह की संपत्ति उनके और उनके नजदीकी लोगों के नाम पर है. जांच के दस्तावेज़ों के मुताबिक, इन संपत्तियों की कीमत करीब 10.11 करोड़ रुपए आंकी गई है. इस संपत्ति के पीछे विदेशी फंडिंग का बड़ा रोल माना जा रहा है.

छांगुर बाबा की बेमानी संपत्ति का काला चिट्ठा

ई़डी की जांच में छांगुर बाबा की करोड़ों की संपत्ति का पर्दाफाश हुआ है. इसमें बलरामपुर जिले में स्थित चांद औलिया, मधुपुर में 3 बीघा कृषि भूमि हैं. जो उसके साथियों नवीन रोहरा उर्फ जमालुद्दीन के नाम पर है. इसे साल 2021 में खरीदी गई थी जिसकी कुल कीमत 65 लाख रुपए हैं. मौजा सुभाष नगर, उतरौला में 9000 स्क्वायर फीट में मकान, यह नीतू रोहरा ने 64 लाख में उसी साल लिया था.

इसके अलावा, मधुपुर, उतरौला में 5 बीघा कृषि भूमि नीतू रोहरा ने 1.25 करोड़ रुपए में साल 2020 में लिया. लालगंज में 1250 स्क्वायर फीट प्लॉट भी उसके नाम पर है, इसकी कीमत 1.15 करोड़ करोड़ है, जिसे 2021 में लिया गया. मधुपुर में 3 बीघा कृषि भूमि नवीन रोहरा ने फिर से42 लाख में 2021 में लिया. इसके साथ ही एक बड़ा मकान है जो लगभग 1.4 करोड़ का होगा.

छांगुर गिरोह ने विदेशी फंडिंग को जमीन के अलावा कमर्शियल प्रॉपर्टी में भी इन्वेस्ट किया है. जांच में पता चला कि उतरौला के मोहल्ला सुभाष नगर में बाबा ताजुद्दीन आसवी बुटीक नाम से एक कमर्शियल दुकान है. जिसकी कीमत 1 करोड़ रुपए से ज्यादा है. ललगंज रोड पर धुसवा टैक्सी स्टैंड के पास दुकान जिसकी कीमत 1.2 करोड़, मधुपुर में नवीन रोहरा का मकान, 2 करोड़ का छांगुर बाबा का मकान रेहा माफी 40 लाख का है.

ज़्यादातर संपत्तियां 2020 और 2021 में खरीदी गई

इन तमाम संपत्तियों को मिलाकर बाबा के पास करीब 10.11 करोड़ रुपये की संपत्ति मौजूद है. दिलचस्प बात ये है कि ये ज़्यादातर संपत्तियां 2020 और 2021 में खरीदी गई हैं, यानी उस वक्त जब बाबा का प्रभाव और नेटवर्क तेज़ी से बढ़ रहा था. जांच एजेंसियों को शक है कि इस संपत्ति के पीछे विदेशी फंडिंग और फर्जीवाड़े की कहानी छिपी है.

छांगुर बाबा उर्फ जलालुद्दीन बलरामपुर जिले का रहने वाला है, उसका असली नाम करीमुल्ला शाह है. उसका बेटा महबूब और उसके साथियों नवीन रोहरा उर्फ जमालुद्दीन, नीतू उर्फ नसरीन को हाल में एटीएस ने गिरफ्तार किया था और फिलहाल ये सभी जेल में बंद हैं. बाबा का नेटवर्क बलरामपुर स्थित चांद औलिया दरगाह के परिसर से संचालित होता था.