ऐसी नदी जहां नहाने से खत्म हो जाते हैं सारे पुण्य… क्या है इसकी कहानी?

कर्मनाशा नदी, बिहार से निकलकर उत्तर प्रदेश से होकर गुजरती हुई गंगा में मिल जाती है. यह नदी लोक कथाओं से जुड़ी है, जहां मान्यता है कि स्नान करने से पुण्य नष्ट होते हैं. इसकी उत्पत्ति राजा त्रिकुश से जुड़ी एक कथा से भी संबंधित है. यह नदी 192 किलोमीटर लंबी है और सिंचाई के काम में भी आती है. इस पर दो बांध भी बने हुए हैं.

ऐसी नदी जहां नहाने से खत्म हो जाते हैं सारे पुण्य… क्या है इसकी कहानी?
यूं तो किसी नदी में स्नान और पूजा-पाठ करना सकारात्मक माना जाता है, और हिंदू धर्म में इसकी अलग-अलग मान्यताएं भी हैं. लेकिन, क्या आपको पता है यहां एक ऐसी नदी है, जिसमें लोग स्नान नहीं करते हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि इसे शापित नदी कहा जाता है. ऐसी मान्यता है कि यहां लोग स्न्नान करते हैं उनके अपने पुण्य कर्म खत्म हो जाते हैं.
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ऐसी नदी जहां नहाने से खत्म हो जाते हैं सारे पुण्य… क्या है इसकी कहानी?
कर्मनाशा नदी का इतिहासकारों का मानना है कि कर्मनाशा नदी के बारे में जो भी चीजें जानी जाती हैं ये लोक-कथाओं से जुड़ी हुई हैं. कर्मनाशा का मतलब कर्म का नाश करने वाली माना जाता है. इसके पानी को छूने या पीने से लोग परहेज करते हैं क्योंकि ऐसा माना जाता है कि ऐसा करने से अच्छा कर्म नाश हो जाता है. कुछ विद्वानों के मुताबिक, राजा त्रिकुश जो शरीर सहित स्वर्ग जाना चाहते थे, उन्हें ऋषि विश्वामित्र ने स्वर्ग भेजा था.
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देवताओं ने स्वर्ग मे प्रवेश नहीं होने दिया और आकाश में लटके रहे. विश्वामित्र अपने तपोबल से भेजा था लेकिन, बीच में लटके रहे उनके शरीर से लार, थूक जो गिरा उसी से कर्म नाशा नदी निकली. इससे लोगों का मानना है कि इसका जल अशुद्ध हो गया है.
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कर्मनाशा नदी बिहार के कैमूर जिले से निकलती है और उत्तर प्रदेश में बहती है. यह नदी उत्तर प्रदेश के सोनभद्र, वाराणसी, गाजीपुर, चन्दौली जिलों से होकर बहती है. यह नदी यूपी, बिहार को भी जोड़ती है और इन प्रदेशों के सीमा को भी निर्धारित करती है.
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ऐसी नदी जहां नहाने से खत्म हो जाते हैं सारे पुण्य… क्या है इसकी कहानी?
इस नदी की लम्बाई 192 किलोमीटर है. यह नदी बिहार के बक्सर जिले के चौसा गांव के पास गंगा नदी में मिल जाती है और उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले के बड़ा गांव के पास गंगा जी में मिल जाती है. कर्मनाशा नदी पर दो बांध हैं लतीफ शाह, नुआगढ़ बांध लोग इससे सिंचाई करते हैं. कर्म नाशा नदी पर पहला पुल किसने बनवाया कोई प्रमाण नहीं है.

रिपोर्ट विवेक कुमार पाण्डेय
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