अल्जीरिया के ब्लास्ट में गई थी बेटे की गई थी जान, 12 दिन तक शव का इंतजार करता रहा… सदमे में हुई पिता की मौत
उत्तर प्रदेश के कानपुर में एक पिता की अपने बेटे की मौत की सदमें में मौत हो गई. वो 12 दिन से अपने मृतक बेटे के शव का इंतजार कर रहे थे. उनके 45 साल के बेटे अनादि मिश्रा की अल्जीरिया में मौत हो गई. उनकी मौत कारखाने में हुए विस्फोट की वजह से हुई. 12 दिनों तक शव न आने पर पिता राजेंद्र मिश्रा का धैर्य टूट गया और वो आखिरी बार भी अपने बेटे को नहीं देख पाए.

उत्तर प्रदेश के भीतर गांव ब्लॉक के बारी में एक परिवार पर दुखों का पहाड़ तब टूट पड़ा जब गांव के अनादि मिश्रा की अल्जीरिया में मौत हो गई. अनादि मिश्रा की उम्र 45 साल थी. उनकी अन्नाबा शहर में एक स्पंज आयरन कंपनी में ब्लास्ट होने की वजह से 18 जुलाई को मौत हो गई थी. अल्जीरिया में वो ऑपरेटर के पद पर काम कर रहे थे.
12 दिन बीत जाने के बाद भी उनका शव गांव नहीं पहुंच सका. बेटे के पार्थिव शरीर का इंतजार कर रहे बुजुर्ग पिता राजेंद्र मिश्रा (68) की भी सदमे में जाने की वजह से बुधवार को मौत हो गई. अब एक ही घर में दो लोगों की मौत होने की वजह से सभी का रो-रोकर बुरा हाल है.
18 जून को अल्जीरिया में शुरू किया था काम
अनादि मिश्रा ने 18 जून को अल्जीरिया की स्पंज आयरन कंपनी में ऑपरेटर के रूप में काम शुरू किया था. मात्र एक महीने बाद ही 17 जुलाई को कारखाने में हुए भीषण ब्लास्ट में वह गंभीर रूप से घायल हो गए. अस्पताल में इलाज के दौरान अगले दिन 18 जुलाई को उन्होंने दम तोड़ दिया.
परिवार को जैसे ही यह खबर मिली, हर कोई सदमे में डूब गया. अनादि के छोटे भाई अर्पित मिश्रा ने बताया कि उनके पिता राजेंद्र मिश्रा पहले से ही कैंसर से जूझ रहे थे. बेटे की मौत की खबर ने उन्हें पूरी तरह तोड़ दिया. उन्होंने खाना-पीना छोड़ दिया और हर पल बेटे के शव के आने का इंतजार करते रहे.
12 दिन बाद भी नहीं लाया जा सका शव
12 दिन बीत जाने के बावजूद अनादि का शव भारत नहीं लाया जा सका. इस इंतजार ने परिवार की उम्मीदों को धीरे-धीरे तोड़ दिया. बुधवार को राजेंद्र मिश्रा की भी मौत हो गई. परिवार के लिए यह दोहरा दुख और असहनीय हो गया. घर में अब अनादि की मां कांती मिश्रा, भाभी सुनीता, बहनें पूनम, प्रीती, स्वाती और भतीजे विभू व रिभू हैं. पूरा परिवार गम में डूबा हुआ है. गांव में भी इस घटना से शोक की लहर है.
अर्पित ने बताया कि प्रशासन और कंपनी से शव लाने के लिए बार-बार संपर्क किया जा रहा है, लेकिन अब तक कोई ठोस जवाब नहीं मिला. परिवार अब बस यही चाहता है कि अनादि का शव जल्द से जल्द गांव पहुंचे, ताकि उनकी अंतिम विदाई सम्मान के साथ हो सके. इस दुखद घटना ने पूरे गांव को झकझोर कर रख दिया है.



