यूपी के आउटसोर्स कर्मचारियों को योगी सरकार का तोहफा, बनेगा UPCOS निगम

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के कल्याण के लिए उत्तर प्रदेश आउटसोर्स सेवा निगम (UPCOS) के गठन को मंजूरी दी है. यह निगम समय पर सैलरी, सामाजिक सुरक्षा और बेहतर कार्यस्थल सुनिश्चित करेगा. UPCOS आउटसोर्सिंग एजेंसियों की मनमानी पर रोक लगाएगा और पारदर्शिता लाएगा. SC, ST, OBC, महिलाओं, दिव्यांगों को प्राथमिकता दी जाएगी. नियमित पदों के लिए आउटसोर्सिंग नहीं होगी.

सीएम योगी

उत्तर प्रदेश के लाखों आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के लिए सूबे के मुखिया की तरफ से एक बड़ा फैसला लिया गया है. इस फैसले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश आउटसोर्स सेवा निगम (UPCOS) के गठन को मंजूरी दे दी है. यह निगम कर्मचारियों को समय पर सैलरी, सामाजिक सुरक्षा और सम्मान की देखरेख करेगा. साथ ही आउटसोर्सिंग एजेंसियों की मनमानी पर भी रोक लगाएगा.

पारदर्शिता बनाए रखने की नई पहल

लखनऊ में आयोजित उच्चस्तरीय बैठक में मुख्यमंत्री ने UPCOS की कार्यप्रणाली और संरचना पर विस्तार से चर्चा की. उन्होंने कहा कि यह निगम प्रशासनिक व्यवस्था में पारदर्शिता लाएगा और कर्मचारियों के आर्थिक व सामाजिक हितों की रक्षा का ध्यान रखेगा. मौजूदा व्यवस्था में आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को समय पर सैलरी न मिलने, सैलरी में कटौती, EAPF या ESI लाभों का फायदा समय पर न मिलने की वजह से कर्मचारियों के साथ उत्पीड़न किया जाता है.

UPCOS इन सभी मुद्दों पर प्रभावी तौर पर लगाम लगाएगा. इसकी सबसे अहम विशेषताएं और निर्देश समय पर सैलरी और फायदे को तय करना है. हर महीने की 5 तारीख तक कर्मचारियों के बैंक खातों में सैलरी और समय पर EAPF या ESI जमा करना जरूरी होगा.

एजेंसियों का चयन जेम पोर्टल के जरिए कम से कम 3 सालों के लिए होगा. मौजूदा कर्मचारियों को अनुभव के आधार पर उन्हें वेटेज दिया जाएगा. UPCOS एक रेगुलेटरी बॉडी के रूप में काम करेगा, जो एजेंसियों की सख्त निगरानी करेगा. नियम को तोड़ने पर ब्लैकलिस्टिंग, डिबारमेंट और उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

किन्हें दी जाएगी प्राथमिकता?

यहां नियुक्तियों में एससी, एसटी, ओबीसी, ईडब्ल्यूएस, महिलाओं, दिव्यांगजनों, पूर्व सैनिकों, और ऐसी महिलाएं, जो किसी पर आश्रित नहीं हैं या फिर विधवा या तलाकशुदा हैं ऐसी महिलाओं को आरक्षण और प्राथमिकता दी जाएगी. नियमित पदों के लिए आउटसोर्सिंग सेवाएं नहीं ली जाएंगी. कर्मचारियों को बिना सक्षम अधिकारी की संस्तुति के जॉब से नहीं निकाला जाएगा.

UPCOS का गठन कंपनी एक्ट के तहत होगा, जिसमें मुख्य सचिव की अध्यक्षता में बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स और एक महानिदेशक की नियुक्ति होगी. मंडल और जिला स्तर पर समितियां गठित की जाएंगी. यह ढांचा निगम की कार्यक्षमता को और मजबूत करेगा. सीएम ने बैठक में कहा कि राज्य सरकार प्रत्येक कर्मचारी की गरिमा, सुरक्षा और सामाजिक न्याय के लिए प्रतिबद्ध है. UPCOS के गठन से न केवल लाखों आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के जीवन में स्थायित्व और भरोसा आएगा.