कावड़ियों के लिए योगी सरकार की सौगात, मुजफ्फरनगर से गाजियाबाद तक बनाएगी कांवड़ पथ
सावन महीने में भक्तों की सहूलियत को देखते हुए योगी सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. इस फैसले के तहत कांवड़ पथ तैयार किया जाएगा.

भगवान शिव के पवित्र महीने सावन की शुरुआत 11 जुलाई से हो रही है. ऐसे में कावड़ियों के लिए योगी सरकार कांवड़ पथ बनाएगी. ये कावड़ पथ दिल्ली बॉर्डर से लेकर हरिद्वार तक बनाया जाएगा.सरकार ने करीब 700 करोड़ की लागत से कांवड़ पथ को बनाने का फैसला किया है. यह फैसला आज मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में लिया गया.
गाजियाबाद मेरठ और मुजफ्फरनगर चौधरी चरण सिंह कावड़ मार्ग, गंगा नहर के दाएं पटरी पर, चैनेज 91.910 से 161 तक, कुल 111. 490 किलोमीटर लंबाई का नए कावंड पथ का निर्माण कराया जायेगा.
दुकानदारों के पास लाइसेंस जरूरी
इसके पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कांवड़ यात्रा के दौरान व्यवस्था को सुचारू रूप से बनाए रखने के लिए कड़े निर्देश जारी किए हैं. इसके तहत कांवड़ मार्ग पर मौजूद सभी ढाबों और रेस्तरां को अपने साइनबोर्ड पर मालिक का नाम और पहचान साफतौर पर लिखना होगा. दुकानदारों के पास लाइसेंस और पहचान पत्र होना जरूरी है. उन्हें अपनी दुकानों पर लाइसेंस की फोटो लगानी होगी. इसके साथ जिस रास्ते से कांवड़िया जाएंगे वहां पर मांस की बिक्री पर भी रोक लगाया गया है. इन रास्तों पर किसी भी तरह के नॉनवेज को नहीं बेचा जाएगा.
मेडिकल कैंप की रहेगी सुविधा
कांवड़ यात्रा पर जाने वाले लोग लंबी दूरी तक पैदल चलकर जाते हैं. ऐसे में उनकी स्वास्थ्य सुरक्षा को देखते हुए रास्तों पर मेडिकल कंप की सुविधा दी जाएगी ताकि, किसी भी आपात स्थिति में उनका इलाज कराया जा सके. इन मेडिकल कैंप्स की सुविधा स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी की जाएगी.
कांवड़ यात्रा को लेकर ये यूपी सरकार की ओर से पहले भी सख्ती दिखाई जा चुकी है. 2022 में भी सावन के समय कांवड़ मार्गों पर शराब और मांस बेचने पर रोक लगाई गई थी. इसके बाद 2023 में दुकानों पर खुले तौर पर मांस बेचने पर प्रतिबंध लगाया गया था. बाद में 2024 में नेम प्लेट का विवाद सामने आया और दुकानों पर नेम प्लेट लगाने की बात का आदेश दिया गया.



