दहशत का दूसरा नाम था शंकर कन्नौजिया, कांख में दबाकर काटता था गला; 14 साल से तलाश रही थी 3 जिलों की पुलिस

उत्तर प्रदेश के आजमगढ़, मऊ और गोरखपुर में दहशत का पर्याय रहे बदमाश शंकर कन्नौजिया को यूपी एसटीएफ ने मुठभेड़ में मार गिराया है. 14 साल से फरार चल रहा यह बदमाश लूट, हत्या और अपहरण जैसे कई संगीन अपराधों में शामिल था. पुलिस ने इसके खिलाफ पहले 50,000 और फिर 1 लाख रुपये का इनाम घोषित किया था.

शंकर कन्नौजिया की प्रोफाइल

उत्तर प्रदेश के आजमगढ़, मऊ और गोरखपुर जिले में दहशत का पर्याय रहे खूंखार बदमाश शंकर कन्नौजिया आखिरकार पुलिस की गोली से मारा गया. पुलिस के सामने ही वारदातों को अंजाम देकर पलक झपकते फरार हो जाने वाले इस बदमाश की तलाश तीनों जिलों की पुलिस 14 साल से कर रही थी, लेकिन पुलिस को इसका कहीं सुराग तक नहीं मिल रहा था. इस बीच इसकी आपराधिक हिस्ट्री लगातार लंबी होती जा रही थी.

ऐसे में पुलिस ने पहले इस बदमाश के खिलाफ 50 हजार और फिर एक लाख रुपये का इनाम घोषित किया गया. अब इस बदमाश यूपी एसटीएफ की वाराणसी यूनिट की टीम ने मार गिराया है. मूल रूप से आजमगढ़ में ही हाजीपुर थाना क्षेत्र के रौनापार का रहने वाला शंकर कन्नौजिया बचपन से ही आपराधिक प्रवृति का था. इसके पिता लालचंद्र कन्नौजिया लोगों के कपड़े धुलते और प्रेस करके परिवार का पालन पोषण करते थे.

साल 2005 से अपराध में था शंकर

आपराधिक प्रवृति का होने की वजह से शंकर को ना तो अपना पुश्तैनी काम पसंद आया और ना ही इसने रोजी रोजगार करने की सोची. पुलिस सूत्रों के मुताबिक बचपन से मनबढ़ किस्म के शंकर का पहला झगड़ा साल 2004.05 में गांव में ही हुआ था. उसके बाद इसने उसी साल गांव में ही ताबड़तोड़ कई वारदातों को अंजाम दिया. साल 2006 के बाद इसने लूटपाट शुरू किया, लेकिन इसके खिलाफ पुलिस में लूटपाट का पहला मुकदमा 16 साल की उम्र में साल 2009 में दर्ज हुआ था.

2011 में किया पहला मर्डर

पुलिस सूत्रों के मुताबिक शंकर कनौजिया मूल रूप से लूटेरा था. साल 2009 से ही इसने गिरोह बनाया और फिर संगठित तरीके से वारदातों को अंजाम देने लगा. हालांकि साल 2011 में इसने जब दोहरीघाट क्षेत्र में लूट को अंजाम दे रहा था, इसी दौरान विंध्याचल पांडेय नामक व्यक्ति ने विरोध कर दिया. उस समय इस बदमाश ने विंध्याचल पांडेय का गला काट दिया था. इसके बाद भी इसने कई अन्य लूट की वारदातों के दौरान लोगों की गला काटकर हत्या की. गला काटकर हत्या की आखिरी वारदातइसने महाराजगंज जिले में साल 2024 में अंजाम दिया था. इसमें इसने महाराजगंज के रहने वाले शैलेंद्र सिंह को अगवा कर उनकी लोडर गाड़ी लूट ली थी और उनका सिर धड़ से अलग कर दिया था.

2024 में डबल हुआ इनाम

पुलिस के मुताबिक शंकर कन्नौजिया द्वारा लगातार अंजाम दिए जा रहे वारदातों को देखते हुए आजमगढ़ पुलिस ने इस बदमाश के खिलाफ 50 हजार का इनाम घोषित किया था. हालांकि शैलेंद्र सिंह हत्याकांड के बाद एडीजी वाराणसी पीयूष मोर्डिया ने साल 2024 में इस बदमाश के खिलाफ इनाम की राशि डबल करते हुए एक लाख कर दिया. इसी वारदात के बाद इस बदमाश की तलाश में यूपी एसटीएफ भी जुट गई थी.

पलक झपकते हो जाता था लापता

पुलिस सूत्रों के मुताबिक इस बदमाश के बारे में पुलिस को कई बार इनपुट मिला. हर इनपुट पर पुलिस ने इस पकड़ने के लिए विधिवत घेराबंदी भी की, लेकिन हर बार यह बदमाश पुलिस की नजरों के सामने ही वारदातों को अंजाम देकर लापता हो जाता था. कई बार यह बदमाश अपने साथियों को भेजकर भी अपराधों को अंजाम देता था. यूपी एसटीएफ के अधिकारियों के मुताबिक इस बदमाश के पैटर्न का विधिवत अध्ययन किया गया.

जिंदा पकड़ना चाहती थी पुलिस

इसी बीच जैसे ही खबर मिली कि यह बदमाश आजमगढ़ के जहानागंज में किसी वारदात की फिराक में है तो आनन फानन में टीम बनाकर दबिश दी गई. इस टीम में इस बदमाश के पैटर्न का अध्ययन करने वाले पुलिसकर्मियों को लगाया गया. इस टीम ने सटीक लोकेशन के आधार पर दबिश दी और इसे जिंदा पकड़ने का प्रयास किया, लेकिन बार भी इस बदमाश ने पुलिस पर फायरिंग करते हुए भागने की कोशिश की, लेकिन पहले से अलर्ट पुलिस ने बिना रिस्क लिए जवाबी कार्रवाई किया. इसके चलते यह बदमाश मौके पर मारा गया.