आतंकी कनेक्शन नहीं बल्कि पुलिसिया सेटिंग, कानपुर ब्लास्ट के बाद खाकी ही शर्मसार
कानपुर के मिश्री बाजार में हुए धमाके में आतंकी एंगल न होने की पुष्टि हुई है. लेकिन अवैध विस्फोटक भंडारण को लेकर पुलिस की भूमिका पर सवाल उठे हैं. एक ACP सहित 6 पुलिसकर्मी सस्पेंड किए गए हैं. वहीं, अब स्थानीय पुलिस की लापरवाही या मिलीभगत की जांच हो रही है.
कानपुर के मिश्री बाजार इलाके में हुए ब्लास्ट के बाद पुलिस की जांच में एक बात तो बिल्कुल साफ हो गई कि इस घटना का कोई आतंकी कनेक्शन नहीं था. इसके बावजूद अब एक नया सवाल खड़ा हो रहा है. पुलिस के मुताबिक पटाखे बनाने के लिए कई कुंतल विस्फोटक अवैध रूप से भंडारण किया हुआ मिला है.
ऐसे में स्थानीय पुलिस की भूमिका पर सवाल खड़ा होना लाजिमी है. क्या इसके भंडारण में कुछ पुलिसकर्मियों की मिलीभगत थी या फिर पुलिस और खुफिया को इसकी जानकारी ही नहीं हो पाई. ऐसा है तो क्या सुरक्षा एजेंसी आंखें मूंद कर बैठी थी. अगर जानकारी थी तो इस अवैध भंडारण को चलने क्यों दिया गया?
कई दुकानों और गोदाम में अवैध रूप से भंडारण
कानपुर के मेस्टन रोड स्थित मिश्री बाजार गलियों में बसा हुआ एक घनी आबादी वाला इलाका है. यहां पर गलियों में सैकड़ों दुकान है और कई जगह ऊपर की तरफ रिहायशी भी है. इस जगह पर बुधवार रात को हुए भीषण धमाके में आठ लोग घायल हो गए थे. धमाका इतना तेज था कि घायल उछल कर दूर जा गिरे, चार लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं.
सभी घायलों को इलाज के लिए लखनऊ भेजा गया है. जब पुलिस ने जांच शुरू की तो कई दुकानों और गोदाम में पुलिस को कई कुंतल विस्फोटक मिला जिसको अवैध रूप से भंडारण करके रखा गया था. पुलिस आयुक्त ने आतंकी कनेक्शन को खारिज किया है, लेकिन अब जांच में पुलिस वालों की लापरवाही से खाकी ही शर्मसार होने लगी है.
लापरवाही थी या फिर पुलिस की मिलीभगत?
पुलिस आयुक्त रघुवीर लाल ने यह बात साफ किया कि यह भंडारण पटाखे बनाने के लिए था. इस घटना का कोई आतंकी कनेक्शन नहीं है. इसके बाद अब बड़ा सवाल खड़ा हुआ है कि इतनी बड़ी संख्या में विस्फोटक का भंडारण हुआ तो स्थानीय पुलिस और खुफिया को इसकी जानकारी क्यों नहीं हुई. अब तो पुलिस के आलाधिकारी भी इसमें स्थानीय पुलिस की कमी मानते है.
शायद इसीलिए पुलिस आयुक्त रघुवीर लाल ने 12 घंटे में क्षेत्र के एसीपी को हटा दिया और इंस्पेक्टर समेत 6 पुलिसकर्मी सस्पेंड कर दिए. पुलिस आयुक्त का यह भी कहना था कि इस बात की भी जांच हो रही है कि यह लापरवाही थी या फिर पुलिस की मिलीभगत. उनका कहना है कि दोनों ही स्थितियों में दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाएगी.