हकीम या कोई और… कौन है लखनऊ में अवैध ऑर्डिनेंस फैक्ट्री का किंगपिन? सलाउद्दीन की हर साल PAK यात्रा पर उठे सवाल

लखनऊ में अवैध हथियार फैक्ट्री के खुलासे के बाद हकीम सलाउद्दीन के पाकिस्तान कनेक्शन की जांच तेज हो गई है. पुलिस को उसके लैपटॉप में पाकिस्तान यात्राओं और पहलगाम हमले से ठीक पहले विशेष मेहमानों के आने के सबूत मिले हैं. आशंका है कि सलाउद्दीन किसी आतंकी संगठनों से जुड़ा है और उसी संगठन के जरिए इसने हथियार बनाने की ट्रेनिंग भी ली है.

हकीम के घर दबिश देने पहुंची लखनऊ पुलिस

राजधानी लखनऊ में अवैध ऑर्डिनेंस फैक्ट्री के खुलासे के बाद उत्तर प्रदेश पुलिस के हाथ पांव फुले हुए हैं. पुलिस यह जानने की कोशिश कर रही है कि पेशे से हकीम सलाउद्दीन ने हथियारों का इतना बड़ा जखीरा क्यों जमा किया? पुलिस यह भी जानने की कोशिश में है कि उसे हथियार बनाने की ट्रेनिंग कहां से ली और वह कब से इस धंधे में है? यही नहीं, उसके पाकिस्तान कनेक्शन की भी जांच गंभीरता से हो रही है. दरअसल उसके लैपटॉप की जांच में पता चला है कि वह हर साल ना केवल पाकिस्तान जाता था, बल्कि पहलगाम अटैक से ठीक पहले उसके पास पाकिस्तान से कुछ विशेष मेहमान आए थे.

पुलिस को मिले इनपुट के मुताबिक पाकिस्तान से आए ये विशेष मेहमान हकीम सलाउद्दीन के घर में ही ठहरे थे. अब पुलिस यह पड़ताल करने की कोशिश कर रही है कि यह लोग कौन थे और इनका संबंध सलाउद्दीन से कैसे है. वैसे तो सलाउद्दीन ने पूछताछ में स्वीकार किया है कि पाकिस्तान में उसके कई रिश्तेदार हैं, जो बंटवारे के समय भारत से चले गए थे. उन लोगों से उसके संबंध आज भी कायम है और हर साल उन्हीं से मिलने के लिए पाकिस्तान जाता था. हालांकि पुलिस को सलाउद्दीन का यह बयान गले से नहीं उतर रहा.

आतंकी कनेक्शन की आशंका

लखनऊ पुलिस को आशंका है कि सलाउद्दीन का कनेक्शन पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में किसी आतंकी संगठन से है. पाकिस्तान यात्रा के दौरान इसने हर बार पीओके की यात्रा भी की है. बताया जा रहा है कि हथियार बनाने की ट्रेनिंग इसने पीओके में ही ली थी. इनपुट इस तरह के भी मिले हैं कि पीओके में बैठे अपने आका के निर्देश पर इसने अवैध रूप से ऑडिनेंस फैक्ट्री शुरू की थी. इसे फिलहाल लंबी दूरी तक मार करने वाले हथियार बनाने का टारगेट दिया गया था. हालांकि इसे अभी तक किसी मिशन में शामिल नहीं किया गया था.

20 बोरों में जब्त हुए थे हथियार

बता दें कि छह साल पहले तक दवाई की पुड़िया बेचने वाला हकीम सलाउद्दीन करीब एक महीने से पुलिस की रडार पर था. दो दिन पहले पुख्ता इनपुट मिलने पर लखनऊ पुलिस ने इसके घर में दबिश दी. इस दौरान घर में अवैध हथियारों का एक गोडाउन मिला. इसमें बने और अधबने 300 से अधिक हथियार बरामद हुए हैं. यहां से बड़ी संख्या में कारतूस भी मिले. पुलिस इन सब चीजों को 20 से अधिक बोरों में भरकर सीज कर दिया है. इस मामले में पुलिस सलाउद्दीन को जेल भेज चुकी है, लेकिन इस मामले की तमाम कड़ियां अभी तक नहीं जुड़ पायी हैं. ऐसे में पुलिस ने उसे कस्टडी रिमांड पर लेकर पूछताछ करने की योजना बनाई है.

फोरेंसिक रिपोर्ट का भी है इंतजार

पुलिस को हकीम सलाउद्दीन और उसकी दोनों बेटियों के मोबाइल फोन और लैपटॉप की फोरेंसिक रिपोर्ट का भी इंतजार है. पुलिस को आशंका है कि सलाउद्दीन के लैपटॉप में हथियारों और उसके पाक कनेक्शन संबंधी कई अहम जानकारियां मिल सकती हैं. वहीं मोबाइल की कॉल डिटेल और वाट्सऐप समेत अन्य माध्यमों से भेजी गई तस्वीरों की भी डिटेल मिल सकती है. ऐसे में पुलिस रिमांड अर्जी डालने से पहले फोरेंसिक रिपोर्ट देख लेना चाहती है. यही नहीं, सलाउद्दीन के उन रिश्तेदारों को भी ट्रैक करने का प्रयास किया जा रहा है, जो उसके घर पर अक्सर आते जाते थे.

पोलैंड और चीन भी जा चुका है सलाउद्दीन

पुलिस को मिले इनपुट के मुताबिक हकीम सलाउद्दीन का नेटवर्क पोलैंड से लेकर चीन तक फैला हुआ था. वह खुद कई बार इन देशों की यात्रा कर चुका है. आशंका है कि वह किसी अंतरराष्ट्रीय अपराधी नेटवर्क में शामिल है. इसी के साथ एक और खुलासा हुआ है कि सलाउद्दीन तो इस नेटवर्क में एक मोहरा भर था. जबकि कहानी का मुख्य किरदार और मलिहाबाद तिहरे हत्याकांड का आरोपी लल्लन खां का भतीजा ख्वाजा मोहम्मद गौस पुलिस को चकमा देकर फरार होने में सफल हो गया है. पुलिस अब उसकी तलाश में जुटी है. मामले की जांच से जुड़े पुलिस अधिकारियों के मुताबिक शुरू में तो लगा कि इस रैकेट का सरगना हकीम है, लेकिन अब इस खेल के असली खिलाड़ी का चेहरा सामने आ चुका है.