97 हजार अपराधियों को सजा, 68 को मिली फांसी; UP में ‘ऑपरेशन कन्विक्शन’ का असर

उत्तर प्रदेश सरकार के "ऑपरेशन कन्विक्शन" की वजह से महज दो साल में 97,000 अपराधियों को सजा दिलाई जा सकी है. इनमें 68 बदमाशों को फांसी की सजा शामिल है. इसी क्रम में कुल 74 हजार से अधिक मामलों का निस्तारण भी हुआ है. यह उपलब्धि मजबूत चार्जशीट और अदालत में प्रभावी पैरवी की वजह से हासिल हो सकी है.

सांकेतिक तस्वीर

जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम करते हुए उत्तर प्रदेश सरकार को बड़ी उपलब्धि हाथ लगी है. सरकार की पहल और पुलिस की मजबूत पैरवी के चलते बीते दो वर्षों में 97 हजार अपराधियों को सजा दिलाई जा सकी है. वहीं इसी अवधि में पुलिस और प्रशासन ने 74 हजार से अधिक मुकदमों का निस्तारण कराया है. उत्तर प्रदेश सरकार ने जब इस ऑपरेशन को जुलाई 2022 में शुरू किया था, उस समय इसे बड़ी चुनौती माना जा रहा था. बावजूद इसके पुलिस ने सभी मुकदमों की कोर्ट में मजबूत पैरवी की. यहां तक कि खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हर महीने इस ऑपरेशन की समीक्षा करते रहे.

यह जानकारी उत्तर प्रदेश के एडीजी अभियोजना दीपेश जुनेजा ने दी. उन्होंने बताया कि पहले सबूतों के अभाव में आरोपियों के बरी होने की खबरें खूब आती थी, लेकिन इस ऑपरेशन के तहत पुलिस ने मजबूत चार्जशीट की दिशा में काफी काम किया. खासतौर पर मजबूत चार्जशीट और कोर्ट में विधिवत पैरवी पर जोर दिया गया. इसके लिए सभी जिलों की पुलिस के साथ कई कार्यशालाओं का भी आयोजन किया. रही सही कसर इस ऑपरेशन की मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा मॉनिटरिंग ने पूरी कर दी.

74 हजार मामले निपटे

एडीजी दीपेश जुनेजा के मुताबिक 1 जुलाई 2023 को शुरू हुए इस ऑपरेशन कन्विक्शन में 15 जून 2025 तक कुल 1,14,029 मुकदमे शामिल कि गए थे. इनमें से पुलिस ने 74,388 मुकदमों का कोर्ट में निपटारा करा दिया है. इनमें से 69,422 मुकदमों में दोष प्रमाणित होने के बाद इनमें नामजद 97,158 दोषियों को सजा दिलायी गयी है. एडीजी जुनेजा के मुताबिक इनमें 68 दोषियों को मौत की सजा तो बाकी के 8,172 दोषियों को आजीवन कारावास, 1,453 को 20 साल से अधिक की सजा और 87,465 अपराधियों को 20 वर्ष से कम की सजा सुनाई गई.

395 टॉप 10 बदमाशों को हुई सजा

एडीजी के मुताबिक इस ऑपरेशन के तहत विभिन्न जिलों में चिन्हित टॉप 10 बदमाशों के खिलाफ लंबित 272 मुकदमों का निस्तारण कराया गया है. इन मुकदमों में वांछित 395 बदमाशों को सजा हुई है. इनमें प्रदेश स्तर पर चिन्हित टॉप 69 माफियाओं में से 29 माफिया भी शामिल हैं. इसी प्रकार पॉक्सो एक्ट में नामजद 17 दोषियों को फांसी की सजा दिलाई गई है. वहीं, इसी एक्ट में आरोपी 619 अन्य आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा हुई है.