अखिलेश यादव से अकेले मिलकर आजम खान ने किसको दिया संदेश?

23 महीने जेल काटने के बाद लौटे आजम खान ने अखिलेश यादव से मिलकर अपना पुराना बेबाक तेवर दिखाया है. यह उनके तेवर का ही प्रभाव था कि अखिलेश को सांसद नदवी को बरेली में ही छोड़ना पड़ा. इस मुलाकात के जरिए आजम खान ने नदवी को भी बड़ा संदेश दे दिया है. रही सही कसर आजम खान के तीन दिन पहले वाले बयान से पूरी हो जाती है, जिसमें उन्होंने कहा कि आजम खान बदले नहीं हैं.

आजम खान से मिले अखिलेश यादव Image Credit:

23 महीने जेल काटकर घर लौटे सपा के दिग्गज नेता आजमखान की सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव से मुलाकात हुई है. यह आजम खान के तेवर और अंदाज का ही प्रभाव था कि रामपुर के सांसद मोहिब्बुल्ला नदवी लखनऊ से भले ही अखिलेश यादव के साथ बरेली तक आए, लेकिन यहां से आगे अखिलेश यादव को अकेले ही रामपुर जाना पड़ा. अखिलेश यादव पर इस तरह से दबाव बनाकर आजम खान ने ना केवल अपना तेवर दिखाया है, बल्कि रामपुर सांसद मोहिब्बुला नदवी को भी बड़ा संदेश दिया है. अभी तीन दिन पहले ही आजम खान ने सांसद के एक बयान को कोट करते हुए कहा था कि सुधार गृह से लौटा तो हूं, लेकिन सुधरा नहीं हूं.

बता दें कि आजम खान के तेवर और अंदाज ही उनकी पहचान है. अभी हाल ही में इसी तेवर और अंदाज की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा था कि वह जहां चाहते थे, मुलायम सिंह यादव बिना वजह पूछे हस्ताक्षर करते थे. उनके यही तेवर बुधवार को सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव से मुलाकात के वक्त भी देखने को मिले. इस मुलाकात को लेकर एक दिन पहले तक आजम खान खूब तंज कसते रहे हैं. इस दौरान उन्होंने कई बार कहा था कि अखिलेश बड़े आदमी हैं और छोटे आदमी के घर आ सकते हैं. इसी के साथ उन्होंने कहा था कि अखिलेश यादव अकेले ही उनके घर आएंगे और वह भी अकेले ही उनसे मिलेंगे.

बरेली एयरपोर्ट पर रूक गए नदवी

आजम खान से मिलने के लिए अखिलेश यादव के साथ सांसद नदवी लखनऊ से चले तो थे, लेकिन अखिलेश यादव ने उन्हें बरेली एयरपोर्ट पर ही रोक दिया. वहीं आजम खान से मिलने के बाद अखिलेश यादव वापस बरेली पहुंचे तो नदवी उनके साथ ही लखनऊ वापस लौटे. चूंकि अखिलेश यादव नदवी के लोकसभा क्षेत्र में जा रहे थे, ऐसे में यह सवाल उठना लाजमी है कि नदवी को अखिलेश यादव ने बरेली में ही क्यों छोड़ दिया. जानकारों के मुताबिक इसकी वजह आजम खान से चल रही उनकी सियासी अदावत है.

आजम ने किया था नदवी के टिकट का विरोध

पिछले लोकसभा चुनाव के दौरान आजम खान नहीं चाहते थे कि नदवी को टिकट मिले. बावजूद इसके अखिलेश यादव ने उन्हें रामपुर से ना केवल उम्मीदवार बनाया, बल्कि उन्हें जिता कर संसद भी पहुंचा दिया. उसी समय से आजम खान और नदवी के बीच की सियासत अदावत खुलकर सामने आ गई थी. यहां तक कि जीतने के बाद नदवी ने आजम के लिए यहां तक कह दिया था कि अभी वह सुधारगृह गए हैं. उम्मीद है कि सुधर कर लौटेंगे. हालांकि उस बयान का जवाब आजम ने तीन दिन पहले दिया. कहा था कि उस जीत को जीत ना समझी जाए, अन्यथा बात खराब हो जाएगी.

मुलाकात से पहले बोले खरी बात

आजम खान को पहले से अंदाजा था कि अखिलेश यादव के साथ उनके घर रामपुर सांसद नदवी भी आ सकते हैं. इसलिए उन्होंने नदवी के उसी सुधारगृह वाले बयान को कोट करते हुए कहा था कि अब वह सुधार गृह से लौट तो आए हैं, लेकिन सुधरे नहीं है. आजम खान आज भी वही हैं, जो पहले थे. इसी के साथ उन्होंने कहा था कि उन्हें खबर मिली है कि ‘अखिलेश मिलने के लिए आ रहे हैं. अब वह मुझसे मिलने आ रहे हैं तो मुझसे ही मिलेंगे. वह भी अकेले आएंगे और मैं भी उनसे अकेला ही मिलूंगा’. उनकी इस बात का संदेश साफ था कि सांसद नदवी उनके पास नहीं आएंगे.