तुम्हारे खिलाफ FIR दर्ज कराऊं क्या… करछना बवाल पर पत्रकारों ने पूछा सवाल, फिर क्यों भड़के चंद्रशेखर आजाद?
करछना हिंसा पर पत्रकारों द्वारा पूछे गए सवालों सांसद चंद्रशेखर आजाद भड़क गए. उन्होंने सीधे मुकदमा दर्ज कराने की धमकी दे दी. यहां तक कि उन्होंने पत्रकारों पर गलत सवाल पूछने का आरोप लगाते हुए अपनी कार्यकर्ताओं के लिए खून तक देने की बात कही. आजाद ने इस मामले में सीबीआई जांच की मांग करते हुए कहा कि कमजोर वर्ग के लोगों पर हिंसा का आरोप लगाना आसान है.

करछना बवाल पर पूछे गए सवाल को सुनकर नगीना सांसद चंद्रशेखर आजाद इस कदर भड़क गए कि उन्होंने सीधे-सीधे पत्रकारों पर मुकदमा दर्ज कराने की धमकी दे दी. बौखलाते हुए उन्होंने पत्रकारों पर उल्टे सीधे सवाल पूछने का आरोप लगाया. आजाद समाज पार्टी काशीराम के राष्ट्रीय अध्यक्ष और सांसद चंद्रशेखर प्रयागराज से लौटने के बाद मुजफ्फरनगर में पत्रकारों से बात कर रहे थे. उन्होंने कहा कि कि इससे बड़े-बड़े आरोप उनके ऊपर लग चुके हैं. जब हाथरस की घटना हुई थी, 100 करोड़ की फंडिंग का मामला याद है कि नहीं?
उन्होंने कहा कि जब वह सहारनपुर जेल गए तो वहां 16 महीने तक नक्सली होने आरोप भी झेला. दरअसल, पत्रकारों ने पूछा था कि करछना में बवाल के दौरान हुए नुकसान की भरपायी किसके खाते से होगी. सवाल सुनकर बिफरे चंद्रशेखर ने कहा कि मेरे खाते से करवा लो, मैं तो तैयार बैठा हूं. उन्होंने कहा कि उनके अपने लोगों के लिए उनके खून का कतरा कतरा भी हाजिर है. इसी के साथ उन्होंने इस मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग की. कहा कि सीबीआई से जांच होते ही पता चल जाएगा कि यह हिंसा किसने कराई है और किसका नुकसान हुआ.
लखनऊ में आंदोलन की चेतावनी
इस सवाल पर चंद्रशेखर ने पत्रकारों को एफआईआर की धमकी देते हुए पूछा कि क्या मुख्यमंत्री ने उनका नाम लिया? चेतावनी दी कि उनके कार्यकर्ताओं का शोषण किया गया तो इस बार आंदोलन कौशांबी-प्रयागराज में नहीं, बल्कि राजधानी लखनऊ में होगा. वह अपने एक-एक कार्यकर्ता को संरक्षण देंगे. अगर किसी कार्यकर्ता पर जुल्म ढाया गया तो उत्तर प्रदेश का बहुजन समाज चुप नहीं बैठेगा. वह सड़कों पर उतरकर आंदोलन करेंगे और मुख्यमंत्री आवास के अलावा विधानसभा का भी घेराव करेंगे.
कहा- कमजोर लोग हिंसा नहीं करते
प्रयागराज हिंसा पर बोलते हुए चंद्रशेखर आजाद ने कहा कि बाबा साहब अंबेडकर को मानने वाले कभी हिंसा नहीं करते. कमजोर वर्ग के लोगों पर हिंसा का आरोप लगाना सबसे आसान है. उन्होंने कहा कि बहुत सारी वीडियो वायरल हो रही हैं. इनमें पुलिस के साथ मिलकर पत्थराव करते लोग नजर आरहे हैं. बहुत सारी गाड़ियों को फूंक दिया गया. मामले की सीबीआई से निष्पक्ष जांच होनी चाहिए. इसी क्रम में उन्होंने कांवड़ मार्ग पर नेम प्लेट विवाद और कपड़े उतरवाने के मामले में उत्तर प्रदेश सरकार को घेरने की कोशिश की.



