CM-PM को पद से हटाने वाला विधेयक ‘डेथ वारंट’, सांसद चंद्रशेखर आजाद बोले- विरोध करूंगा

नगीना सांसद चंद्रशेखर आजाद ने प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्रियों और मंत्रियों को पद से हटाने वाले विधेयक का विरोध किया है. उन्होंने इस बिल को 'मौत का वारंट' बताया है. साथ ही कहा कि ये बिल सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों के लिए घातक है. हालांकि, इस दौरान उन्होंने जेपीसी में भाग लेने का ऐलान भी किया.

नगीना सांसद चंद्रशोखर आजाद (फाइल फोटो) Image Credit:

आजाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और सांसद चंद्रशेखर आजाद ने प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को हटाने वाले विधेयक का कड़ा विरोध किया है. उन्होंने इस विधेयक को ‘मौत का वारंट’ करार दिया है. चंद्रशेखर आजाद ने रविवार को मिर्जापुर में आयोजित प्रबुद्ध सम्मेलन में हिस्सा लिया. इसके बाद पत्रकारों से बातचीत में सांसद ने इस विधेयक पर असहमति जताई है.

नगीना सांसद चंद्रशेखर आजाद ने विधेयक का विरोध किया है. उन्होंने कहा. ‘पीएम और सीएम को पद से हटाना वाला ये बिल डेथ वारंट है. जो सत्ता के पक्ष में लोग हैं उनके लिए और जो किन्हीं कारण सत्ता से दूर हैं उनके लिए भी. इसलिए हम इस संवैधानिक बिल का हम पूर्ण रूप से विरोध करता हूं.’ हालांकि, सांसद ने कहा कि वह इसपर चर्चा के लिए संयुक्त संसदीय समिति (JPC) में भाग लेंगे.

मैं CM-PM नहीं जो मुझे भय हो- आजाद

नगीना सांसद चंद्रशेखर आजाद ने कहा, ‘मैं जेपीसी में हिस्सा लूंगा. जेपीसी में चर्चा होती है, यह एक कानूनी प्रक्रिया है. लेकिन मैं उस बिल से असहमत हूं. हालांकि प्रधानमंत्री मुख्यमंत्री मैं नहीं हूं जिसको लेकर मुझे भय हो. बिल डेथ वारंट है, इसलिए हम इस संवैधानिक बिल का हम पूर्ण रूप से विरोध करता हूं.’ जेपीसी से सपा, टीएमसी और आम आदमी पार्टी ने किनारा कर लिया है.

बिल में CM-PM को पद से हटाने का प्रावधान

सरकार ने बुधवार को लोकसभा में केंद्र शासित प्रदेश सरकार (संशोधन) विधेयक 2025, संविधान (एक सौ तीसवां संशोधन) विधेयक 2025 और जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक 2025 पेश किए. इसमें प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्रियों और मंत्रियों के 30 दिन तक हिरासत में रहने के बाद उन्हें पद से हटाने का प्रावधान है. तीनों विधेयकों को चर्चा के लिए युक्त संसदीय समिति (जेपीसी) को भेजा गया.

AAP, सपा और TMC ने जेपीसी से किया किनारा

अब जेपीसी में भेजने के बाद इसपर व्यापक चर्चाएं होंगी. हालांकि, कई विपक्षी पार्टियों ने इसका विरोध किया है. विपक्ष के नेताओं ने इस बिल को तमाशा बताया है. उनका कहना है कि इस बिल का उदेश्य विपक्षी सरकारों को गिराना और डराना है. वहीं, समाजवादी पार्टी, टीएमसी और आम आदमी पार्टी ने जेपीसी में किसी भी सदस्य को नामित नहीं करने का फैसला किया है.अ