‘अतीक का नाम लेते ही बिदक गए… अखिलेश यादव पर पूजा पाल का पलटवार, बताया- क्यों लग रहा डर?
सपा विधायक पूजा पाल ने अखिलेश यादव पर एक बार फिर पलटवार किया है. उन्होंने माफिया अतीक अहमद को संरक्षण देने का आरोप लगाते हुए अपने डर की वजह भी बताया है. उधर, अखिलेश यादव ने पूजा पाल पर भाजपा का मोहरा होने का आरोप लगाया है और उनकी सुरक्षा की चिंता की है. साथ ही उन्होंने इस पूरे घटनाक्रम को वोटर लिस्ट विवाद से जोड़ने की कोशिश की.
सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव की प्रेस कांफ्रेंस के बाद उत्तर प्रदेश की चायल विधानसभा सीट से विधायक पूजा पाल ने पलटवार किया है. उन्होंने अखिलेश यादव पर कुख्यात माफिया अतीक अहमद को संरक्षण देने का आरोप लगाया. कहा कि विधानसभा में उन्होंने जैसे ही अतीक का नाम लिया, वो बिदक गए. तत्काल उन्हें पार्टी से बाहर कर दिया गया. पूजा पाल ने सपा से डर की वजह बताते हुए केंद्रीय गृह मंत्री को पत्र लिखकर सुरक्षा कड़ी करने की मांग की है.
पूजा पाल ने सपा सुप्रीमो द्वारा लगाए गए सभी आरोपों का खंडन किया. कहा कि उन्हें बीजेपी से ना तो पहले कभी डर लगा और ना ही अब डर लग रहा है. बल्कि उन्हें डर सपा और सपा के लोगों से है. पूजा पाल ने पूछा कि उन्हें पहले क्यों नहीं निकाला गया? फिर पूछा कि उन्हें इसी समय क्यों बाहर किया गया ? इसका जवाब भी उन्होंने खुद ही दिया. कहा कि विधानसभा में उन्होंने माफिया अतीक की बुराई की तो सपा के लोग नाराज हो गए. सोशल मीडिया पर ही पूजा पाल ने अखिलेश यादव द्वारा लगाए गए आरोपों का जवाब दिया है.
अखिलेश यादव ने रविवार को की थी पीसी
उन्होंने कहा कि ‘आप भूल गए है कि आपने बीते तीन चुनावों में उनके और उनके पति के खिलाफ अतीक अहमद के भाई अशरफ को प्रत्याशी बनाया था. उन्होंने अखिलेश यादव को याद दिलाया कि उन्होंने उस समय भी उनका विरोध किया था, जब अतीक ने बड़ी निर्ममता के साथ उनके पति की हत्या कर दी थी.
उन्होंने कहा कि सपा के लोग जितना खर्च उन्हें अपमानित करने के लिए कर रहे हैं, उसका एक हिस्सा भी अपने कार्यकर्ताओं के लिए महिला सम्मान की पाठशाला आयोजित करने में करते तो उनके अंदर भी संस्कार आ जाता. इससे पहले पूजा पाल प्रकरण पर अखिलेश यादव ने रविवार को बड़ी प्रेस कांफ्रेंस की थी. इसमें आरोप लगाया था कि सपा के खिलाफ दुष्प्रचार के लिए बीजेपी पूजा पाल को मोहरा बना रही है.
अखिलेश यादव ने भी की जांच की मांग
अखिलेश यादव ने आशंका जताई थी कि कहीं बीजेपी पूजा पाल की हत्या ना करा दे और सपा के लोगों पर आरोप लगाकर जेल ना भेज दे. उन्होंने इस तरह का डर जाहिर करते हुए पूजा पाल को आगाह किया था. उन्होंने कहा था कि पूजा पाल जब तक सपा में रहीं, उन्हें कोई खतरा नहीं था, लेकिन सपा से बाहर होते ही उन्हें जान का डर सताने लगा है. खुद सपा प्रमुख ने भी केंद्रीय गृह मंत्री से उनकी डर की वजह की जांच कराने की मांग की थी. इसी क्रम में अखिलेश यादव ने पूरे मामले को वोटर लिस्ट की लड़ाई से जोड़ने की कोशिश की. कहा कि अब चुनाव आयोग, जिलाधिकारियों के पीछे छिप रहा है. डीएम सीओ के पीछे और सीओ पुलिस के पीछे छिपने की कोशिश कर रहे हैं. प्रदेश भर में लेखपालों को खुलकर खेलने की छूट दी गई है.