अटल जी की सहमति से मुलायम ने तोड़ी BSP! शिवपाल यादव का बड़ा खुलासा, बताया- कैसे बनी UP में सपा की सरकार

शिवपाल सिंह यादव ने एक पॉडकास्ट में साल 2003 में उत्तर प्रदेश के सत्ता परिवर्तन को लेकर बड़ा खुलासा किया है. उन्होंने दावा किया है कि तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की सहमति से बसपा के विधायकों को तोड़कर समाजवादी पार्टी की सरकार बनाई गई थी. इस खुलासे से उत्तर प्रदेश की राजनीति में हलचल मच गई है और विभिन्न दलों की प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं.

सपा के राष्ट्रीय महासचिव शिवपाल सिंह यादव (फाइल फोटो)

समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता शिवपाल सिंह यादव ने एक पॉडकास्ट में बड़ा खुलासा किया है. यह खुलासा मायावती के नेतृत्व वाली बसपा के विघटन और मुलायम सिंह के नेतृत्व में सरकार के गठन को लेकर है. शिवपाल सिंह ने दावा किया है कि यह पूरा खेल तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की सहमति से हुआ था. शिवपाल सिंह यादव के इस खुलासे ने ना केवल उत्तर प्रदेश की राजनीति में 21 साल पुरानी उन दिनों की यादें ताजा कर दी है, बल्कि मौजूदा दौर को सत्ता के खेल में रणनीति का महत्व भी बता दिया है.

एक निजी चैनल के पॉडकास्ट में शिवपाल यादव ने साल 2003 में हुए उत्तर प्रदेश की राजनीति के सबसे बड़े उथल-पुथल को बयां किया. कहा कि BSP-BJP की गठबंधन में दरार पड़ रही थी. BJP के कई विधायक उनके संपर्क में थे और पार्टी टूटने की कगार पर थी. ऐसे हालात में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई के सामने दो ही विकल्प थे. पहला तो ये कि वह BJP को टूटने देते, और दूसरा यह कि BSP के विधायकों को तोड़कर समाजवादी पार्टी की सरकार बनने देते. हालात को देखते हुए अटल जी ने दूसरा रास्ता अख्तियार किया और अपनी पार्टी को बचाने के लिए उन्होंने मुलायम सिंह यादव को बसपा में तोड़फोड़ कर अपनी सरकार बनाने की हरी झंडी दे दी.

शिवपाल-अमर सिंह-अरविंद गोप ने अंजाम दिया खेल

केंद्र की हरी झंड़ी मिलने के बाद मुलायम सिंह यादव ने इस ऑपरेशन की कमान तीन लोगों को सौंपी थी. इसमें एक वह खुद थे, और बाकी दो लोगों में अमर सिंह और अरविंद गोप थे. बताया कि तीनों लोगों ने मिलकर BSP के 37 विधायकों को रातों-रात तोड़ कर अपने पाले में मिला लिया. इसके बाद आनन फानन में स्पीकर से मुलाकात की. चूंकि राजभवन भी हालात पर नजर रखे हुए थे, इसलिए वहां पहले से तैयार थी. परिणाम यह हुआ कि अगले ही दिन मुलायम सिंह यादव ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली. उधर, बीएसपी सुप्रीमो मायावती हैरान रह गई.

‘वादा निभाया, सबको मंत्री बनाया’

शिवपाल ने कहा कि BSP छोड़कर आए विधायकों और निर्दलीयों को वादे के मुताबिक इनाम भी दिया गया. उन सभी को मंत्रीमंडल में जगह दी गई. शिवपाल के मुताबिक इस रणनीति से न केवल मुलायम सिंह की सरकार बनी, बल्कि समाजवादी पार्टी की सत्ता में वापसी को भी मजबूत किया. शिवपाल यादव के इस खुलासे पर उत्तर प्रदेश की सियासत में एक बार फिर हलचल तेज हो गई है. विपक्षी दलों ने इस पर सवाल उठाए हैं कि क्या उस समय की यह रणनीति नैतिक थी? BSP के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, “यह खुलासा दिखाता है कि सत्ता के लिए कैसे सिद्धांतों को ताक पर रखा गया.” वहीं, समाजवादी पार्टी के समर्थकों का कहना है कि यह उस दौर की सियासी मजबूरी थी, जिसमें हर दल अपने हितों को साधने में जुटा था.

खुलासे के साथ शिवपाल का संदेश

साल 2003 का यह सियासी ड्रामा उत्तर प्रदेश की राजनीति के इतिहास में एक महत्वपूर्ण अध्याय है. शिवपाल यादव के इस खुलासे ने न केवल उस दौर की घटनाओं को फिर से चर्चा में ला दिया है, बल्कि यह भी दिखाया है कि सत्ता के खेल में रणनीति, समय और साहस का कितना महत्व होता है. चूंकि सामने 2027 का चुनाव है, ऐसे में शिवपाल यादव का यह खुलासा अखिलेश यादव के लिए भी एक संदेश हो सकता है कि पुराने समाजवादी अब भी सियासत के माहिर खिलाड़ी हैं.