कानपुर का ये अनोखा ‘टाइम बैंक’, जहां रुपयों-पैसों से नहीं समय से होगा लेन-देन; ऐसे खुलवा सकते हैं खाता

कानपुर में एक अनोखा "टाइम बैंक" शुरू हुआ है जहां लेनदेन समय में होता है, न कि पैसे में. यह सामाजिक पहल जरूरतमंदों की सेवा के लिए समय जमा करने और आवश्यकतानुसार उपयोग करने की सुविधा देती है. अब तक 25 से अधिक सदस्य, जिनमें डॉक्टर और रिटायर्ड बैंक कर्मचारी भी शामिल हैं, इससे जुड़ चुके हैं. यह मॉडल जापान से प्रेरित है और भारत में सात हजार से अधिक लोग इससे जुड़े हैं.

सांकेतिक तस्वीर

जब भी बैंक का नाम जेहन में आता है, एक तस्वीर हमारे दिमाग में आती है, जिसमें रुपयों का लेन-देन होता है. हालांकि उत्तर प्रदेश की औद्योगिक नगरी कानपुर में एक अनोखा बैंक शुरू हुआ है. इस बैंक को ‘टाइम बैंक’ नाम दिया गया है. इस बैंक में रुपयों पैसों से नहीं, बल्कि सभी तरह के लेनदेन के लिए समय का ही इस्तेमाल होगा. अब आप सोच रहे होंगे कि समय का कैसे लेनदेन होगा तो यही सवाल तो इस बैंक की खासियत है. एक सामाजिक पहल के तहत शुरू हुए इस बैंक में अब तक 25 से अधिक लोग जुड़ चुके हैं. इनमें कई डॉक्टर और रिटायर्ड बैंककर्मी भी शामिल हैं.

कानपुर में पहली बार ऐस तरह के बैंक के शुरूआत हुई है. इस बैंक का हरेक ग्राहक यहां अपना समय जमा कर सकता है और आवश्यकता पड़ने पर यहां से अपना समय निकाल भी सकता है. यहां तक कि इस बैंक से कर्ज के रूप में भी लोग समय ले सकते हैं. दरअसल, यह बैंक एक सामाजिक पहल है. इसकी खासियत है कि इस बैंक में एकाउंट खुलवाकर लोग अपना खाली समय दीन दुखियों या जरूरतमंदों की सेवा करने में बीता सकेंगे. इस प्रकार जितने भी घंटे वह सेवा में बीताएंगे, वह घंटे उनके खाते में दर्ज हो जाएंगे.

सबसे पहले जापान में शुरू हुआ टाइम बैंक

वहीं जब कभी भी उन्हें जरूरत होगी तो बैंक में जमा अपने घंटे निकाल भी सकेंगे. उदाहरण के तौर पर अगर कोई सदस्य किसी बुजुर्ग की सेवा में दो घंटे लगाता है, तो उसके खाते में 2 घंटे जमा हो जाएंगी. बाद में यदि वह खुद बीमार पड़ जाता है तो अपने सार संभाल के लिए बैंक से अपने घंटे निकाल सकेंगे. ऐसा करने पर उतने घंटे तक काम करने के लिए बैंक से जुड़ा कोई व्यक्ति वहां पहुंच जाएगा. बताया जा रहा है कि इस तरह के बैंक की शुरूआत सबसे पहले जापान में हुई थी.

सेविंग अकाउंट की तरह जमा होता है समय

बताया जा रहा है कि जापान में अक्सर लोग बुजुर्गों की देखभाल के लिए समय नहीं निकाल पाते थे. ऐसे में समाज के लोगों ने यह व्यवस्था बनाई थी. धीरे-धीरे यह मॉडल कई देशों में फैला. भारत में भी इस समय सात हजार से अधिक लोग टाइम बैंक से जुड़े हुए हैं और अब कानपुर भी इस पहल का हिस्सा बन गया है. इस बैंक के सक्रिय सदस्य महेश कुमार कहते हैं कि यह बिल्कुल सेविंग अकाउंट की तरह है. फर्क सिर्फ इतना है कि इसमें रुपये की जगह घंटे जमा होते हैं.

ऐसे खुलवा सकते हैं खाता

महेश कुमार कहते हैं कि इस सेवा की पूरी प्रक्रिया वेबसाइट और ऐप के जरिए होती है. इसमें पहले अपने रजिस्ट्रेशन कराना होता है और ई केवाईसी होती है. इसके बाद आप एक दूसरे की सेवा या समय ले सकते है. उदाहरण के तौर पर अगर कोई अस्पताल में भर्ती है और उसको दो घंटे या इससे ज्यादा भी सेवा करने के लिए किसी की आवश्यकता है तो वह अपनी डिमांड भेज सकता है. इसी प्रकार जो भी व्यक्ति सेवा के लिए जाएगा और जितनी देर सेवा करेगा, यह पूरा समय उसके खाते में जमा हो जाएगा. यह सुविधा पूरी तरह निःशुल्क है. उन्होंने बताया कि इस बैंक से अब तक कई रिटायर्ड बैंककर्मी और डॉक्टर भी जुड़े हैं.