तबीयत खराब या प्रसाद में था जहर… अयोध्या महंत की संदिग्ध मौत पर भूमि विवाद का साया?

अयोध्या के रावत मंदिर के महंत राम मिलन दास की संदिग्ध परिस्थितियों में मृत्यु हो गई. भोजन ग्रहण करने के बाद उनकी तबियत बिगड़ी और उन्हें अस्पताल में मृत घोषित किया गया. मंदिर की अकूत संपत्ति और भूमि विवाद के चलते भू-माफियाओं पर जहर देने का संदेह गहराया है.

अयोध्या महंत की संदिग्ध मौत पर उठे सवाल

अयोध्या धाम के श्री राम जन्मभूमि कार्यशाला के सामने रामघाट संगम स्थित रावत मंदिर के महंत राम मिलन दास की उम्र 48 वर्ष की थी. वो शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ थे. वो हर शाम को अपने आश्रम से चौराहे के समीप जूस पीने के लिए जाते थे. 11 अक्टूबर को भी वह प्रतिदिन की भांति चौराहे पर जूस पीने गए थे.

महंत राम मिलन दास वहां से लौटने के बाद अपने आश्रम में भोजन प्रसाद भी ग्रहण किया था. जिसके बाद अचानक उनकी तबियत बिगड़ी और उन्हें श्री राम हॉस्पिटल इमरजेंसी में एडमिट कराया गया. जहां पर डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया था. लेकिन अब मंदिर की अकूत संपत्ति और भूमि विवाद के चलते जहर देने का संदेह गहराया है.

अयोध्या के किसी भी संत महंत का कोई बयान नहीं

संत की मौत के बाद श्री राम हॉस्पिटल में अयोध्या धाम के कई प्रतिष्ठित संतों का जमावड़ा भी हुआ था. यही नहीं जिला अधिकारी और एसएसपी अयोध्या भी हॉस्पिटल के प्रशासनिक भवन में संतो और महंतों के साथ बंद कमरे में घंटों तक बातचीत की थी. संत महंत और जिले के अधिकारियों ने बैठक के बाद मिडिया में कुछ भी बोलने से भागते नजर आए.

यहीं नहीं श्री राम हॉस्पिटल के इमरजेंसी में तैनात डाक्टर भी मिडिया के कैमरे पर इस संबद्ध में कोई भी बयान न देने की बात कही और सीनियर इस संबंध में बयान जारी करेंगे ये कह कर अपना पाड़ला झड़ते नजर आए. संत की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत के बाद अयोध्या धाम के किसी भी संत महंत का इस मामले पर कोई भी बयान सामने नहीं आया.

प्रसाद ग्रहण करने के बाद मुंह से झाग आने लगा था

मंदिर के महंत राम मिलन दास शनिवार को शाम 7:30 बजे मंदिर की नित्य आरती के बाद भोजन प्रसाद ग्रहण किए थे. भोजन प्रसाद ग्रहण करने के बाद अचानक उनकी हालत खराब होने लगी और उनके मुंह से झाग आने लगा. जिसके बाद मंदिर में मौजूद सेवादारों ने आनन-फानन में उन्हें श्री राम हॉस्पिटल ले गया, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया.

जानकारी के अनुसार महंत राम मिलन दास बड़हरा गांव के रहने वाले थे., वह बाल्यकाल में ही अयोध्या आ गए थे. साल 2013 में उनके गुरु रामा दास कोकिला निधन के बाद उन्हें रावत मंदिर का महंत बनाया गया था. मंदिर में उनके साथ उनके कई सेवक और उनके भाई कपिल यादव, उनके तीन भतीजे पवन यादव, अमन यादव और सुनील यादव भी रहते थे.

मंदिर की अकूत संपत्ति और भूमि विवाद का साया

मंदिर में भोजन प्रसाद बनाने के लिए उन्होंने एक सेविका को भी रखा था, जिसकी पहचान शकुंतला के रुप में हुई है. वह पिछले 12 सालों से रावत मंदिर में भोजन प्रसाद बनाने का कार्य करती थी. पुलिस ने उसे हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है. महिला ने बताया कि प्रसाद खाने के बाद महंत की तबीयत अचानक बिगड़ गई थी.

रामघाट स्थित रावत मंदिर के पास 10 बीघा से अधिक भूमि बताई जा रही है. मंदिर के नाम पर कई दुकानों और भवनों की संपत्ति भी है. सूत्रों के मुताबिक, मंदिर की संपत्ति को लेकर कई बार विवाद की स्थिति भी बनी थी. पुलिस को इस मामले में पर कई बिंदुओं पर जांच कर रही है. वहीं, बालक दास का दावा है कि 2023 में महाराज जी ने उन्हें उत्तराधिकारी बनाया था.

अफवाह फैला कर बनाया गया साजिश का शिकार

बालक दास ने कहा कि आश्रम पर कई वर्षों से भू माफियाओं की नजर है, पहले इस मंदिर में महंती को लेकर एक मुकदमा चलता था. जो पूर्व के महंत थे उनके एक तथाकथित शिष्य महंती के लिए लड़ता था. समझौता वगैरह करके मामला शांत हो गया था. अभी भी कुछ मुकदमा चल रहा है. इस तरह के तमाम भू-माफिया इस मंदिर के पीछे पड़े हुए हैं.

एक खबर चल रही है की ₹8 करोड़ में 2 महीना पहले महंत जी ने जमीन बेचा था. उनके खाते में 9.30 करोड़ रुपया है. लेकिन यह गलत अफवाह है, महाराज जी ने 2 महीने पहले कोई भी जमीन नहीं बेची है. ना उनके खाते में 8 करोड़ रुपया आया है. इस तरह की अफवाह फैला कर एक तरह का साजिश का शिकार बनाया जा रहा है.

‘महाराज जी कहीं ना कहीं जहर के शिकार हुए’

बालक दास का कहना है कि ऐसा कोई जमीन वह नहीं बेचे थे. ना उनके खाते में 8 करोड रुपए आया है. ये बात गलत है. गोरखपुर में एक मंदिर है जहां का मैं महंत हूं. मैं वहां का कार्य देखता हूं जब मुझे सूचना मिली तो मैं महाराज जी के शिष्य से पूरी घटना की जानकारी ली. जिससे संदेह होता है कि महाराज जी कहीं ना कहीं जहर के शिकार हुए हैं.

उनका कहना है कि कही भू माफिया जैसे लोग जो ज़मीन की आड़ में बहुत सारी धमकियां. बहुत सारे मुकदमे इस आश्रम को लेने के लिए करते आ रहे हैं. उनका कहीं न कहीं संलिप्तता है. इस तरह का घिनौना काम वो लोग किए है हमको ऐसा लग रहा है. उनका कहना है कि महाराज जी के खाते में एक करोड़ के पास पैसा होगा.