बिना रेडियोलॉजिस्ट कैसे हुई डीएम की बेटी की जांच? बांदा के अस्पताल में हफ्तों से बंद है अल्ट्रासाउंड केंद्र
बांदा के सरकारी अस्पताल में अल्ट्रासाउंड केंद्र हफ़्तों से बंद था. डीएम की बेटी के आने पर अचानक केंद्र खुल गया और जांच हुई, फिर तुरंत बंद कर दिया गया. वहीं आम जनता को निजी केंद्रों पर महंगा इलाज कराना पड़ रहा है. इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है.

उत्तर प्रदेश के बांदा में हफ्तों से बंद पड़ा सरकारी अस्पताल का अल्ट्रासाउंड केंद्र शनिवार को खुल गया. मरीजों को लगा कि शायद उनकी फरियाद सुन ली गई, लेकिन डीएम की बेटी की जांच के बाद कक्ष में फिर से ताला लगा दिया गया. ऐसे हाल में यहां अल्ट्रासाउंड कराने आए मरीज मजबूर होकर प्राइवेट डॉयग्नोस्टिक सेंटरों पर जाकर गाढ़ी कमाई लूटा रहे हैं. इस केंद्र पर काफी समय से ताला लगा हुआ है.
जब भी कोई सामान्य मरीज यहां आता है तो उसे कह दिया जाता है कि रेडियोलॉजिस्ट नही है. संयोग से शनिवार को जिले की डीएम साहिबा की बेटी यहां अल्ट्रासाउंड कराने पहुंच गई. उनके लिए अस्पताल प्रबंधन ने बिना किसी नखरे के ना केवल अल्ट्रासाउंड केंद्र खोल दिया, बल्कि उनकी जांच भी की. वहीं, उनके केंद्र से निकलते ही दोबारा से यहां ताला लगा दिया गया.
आम आदमी के लिए केंद्र पर लगा ताला
इस अस्पताल में इलाज के लिए मरीजों ने बताया कि यहां डॉक्टर जांच के लिए प्राइवेट डायग्नोस्टिक सेंटर भेज रहे हैं. जबकि लाखों रुपये कीमत की मशीन इस अस्पताल में लगी है. इस संबंध में पूछने पर कह दिया जाता है कि रेडियोलॉजिस्ट ही नहीं है. ऐसे हालात में इस अस्पताल की स्वास्थ्य सेवा केवल जिले के अधिकारियों के लिए होकर रह गई है. वहीं, आम जनता अपने स्वास्थ्य की रक्षा के लिए प्राइवेट में जाने को मजबूर है.
वायरल हो रहा वीडियो
डीएम की बेटी के अल्ट्रासाउंड का वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है. वीडियो में साफ नजर आ रहा है कि बांदा डीएम का काफिला आता है. इसमें खुद बांदा डीएम अपनी बेटी को लेकर आती है. इसके बाद सीएमएस डॉ. के कुमार खुद आगे आकर स्वागत करते हैं और अल्ट्रासाउंड करते हैं. वहीं पर बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. आरके गुप्ता भी आ जाते हैं और जांच पड़ताल करते हैं. वहीं इनके जाने के बाद वापस केंद्र में ताला लगा दिया जाता है.



