‘UP 77’ फिल्म पर नहीं लगेगी रोक लेकिन विकास दुबे को लेकर HC ने दिया अहम फैसला
दिल्ली हाईकोर्ट ने गैंगेस्टर विकास दुबे पर बनी वेब सीरीज के रिलीज पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है. हालांकि, कोर्ट ने प्रोड्यूसर से सीरीज के शुरुआत में ही इसके काल्पनिक होने का डिस्कलेमर देने का निर्देश दिया है. साथ ही इससे संबंधित एक एफिडेविट भी जमा करने को कहा है.
गैंगस्टर विकास दुबे की पत्नी ऋचा दुबे की तरफ से ‘UP 77’ की रिलीज के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी. उनका कहना था कि इस सीरीज में उनके पति को गलत तरीके से चित्रित किया गया है. साथ ही इसमें उनके और उनके पति के जीवन की व्यक्तिगत घटनाएं भी दिखाए जाने की आशंका है. इससे परिवार की छवि को नुकसान पहुंचेगा. वहीं, वेब सीरीज के प्रोड्यूसर के वकील ने कोर्ट से कहा कि यह याचिका सुनवाई योग्य ही योग्य नहीं है.
वेब सीरीज़ के प्रोड्यूसर के वकील ने कोर्ट को काल्पनिक कहानी का डिस्क्लेमर दिखाते हुए कहा कि इसे किसी सर्टिफिकेशन की जरूरत नहीं है. नाम भी अलग है. वहीं, विकास दुबे की पत्नी के वकील ने कहा कि इस फिल्म के रिलीज होने से उनकी क्लाइंट के परिवार की बदनामी होगी. वेब सीरीज के प्रोड्यूसर की तरफ से कहा गया है कि यह भारत का सबसे ज़्यादा चर्चित एनकाउंटर है.
इसके बाद कोर्ट ने ऋचा दुबे के वकील को उस प्रमोशनल मैटेरियल दिखाने को कहा जिसमें पता चल पाए कि यह सीरीज विकास दुबे के बारे में है. क्या इसमें ऐसा कोई इशारा है जिससे यह साबित हो कि यह सीरीज विकास दुबे को केंद्र में रखकर बनाई गई है.
‘सीरीज में किरदार का नाम विकास दुबे की जगह विशाल दुबे’
कोर्ट के इस सवाल के जवाब पर विकास दुबे की पत्नी की ओर से पेश वकील अजरा रहमान ने कहा कि प्रोड्यूसर की तरफ से विकास दुबे के किरदार का नाम सीरीज में विशाल दुबे रखा है गया है. इससे साफ-साफ इस फिल्म को लोग परिवार से जोड़ेंगे. वहीं, इसपर अपना पक्ष रखते हुए प्रोड्यूसर के वकील ने कहा कि यह मटेरियल पब्लिक डोमेन से लिया गया है. हम इसे डिस्क्लेमर में जोड़ देंगे.
कोर्ट ने डिस्कलेमर के लिए एफिडेविट फाइल करने का दिया निर्देश
कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद कहा कि वेब सीरीज याचिकाकर्ता के पति की ज़िंदगी पर आधारित बताई जा रही है. कहा जा रहा है कि इसमें उनकी शादीशुदा और पर्सनल जिंदगी को उनकी मर्ज़ी के बिना दिखाया गया है. इस पर दूसरे पक्ष के वकील ने इसे काल्पनिक बताया है. वे डिस्क्लेमर के जरिए याचिकाकर्ता की आशंका को दूर करने को तैयार हैं. ऐसे में इस संबंध में एक एफिडेविट फाइल किया जाए.
फिलहाल वेब सीरीज पर नहीं लगा सकते हैं रोक
कोर्ट ने वेब सीरीज पर रोक लगाने को लेकर कहा कि वे ऐसा नहीं कर सकते. लेकिन वे यह पक्का करेंगे कि प्रमोशनल मटेरियल में उनका नाम न हो. कोर्ट ने कहा कि फिलहाल वह वेबसीरीज़ के प्रसारण में दखल देने के मूड में नहीं है. कोर्ट मामले में अगली सुनवाई 7 जनवरी को करेगी. बता दें कि इस मामले पर कोर्ट ने मंगलवार यानी 22 दिसंबर को याचिका पर सुनवाई कर वेबसीरीज़ के प्रोड्यूसर्स और केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया था.
