अब्बास को राहत, उमर अंसारी को क्यों नहीं मिली जमानत? जानें कोर्ट में क्या-क्या हुआ

माफिया मुख्तार अंसारी के छोटे बेटे उमर अंसारी की जमानत याचिका खारिज हो गई है. उमर अंसारी को अभी जेल में भी रहना होगा. उमर पर जालसाजी का आरोप है, उसने अपनी मां का फर्जी साइन कोर्ट में जमा किया था. हालांकि, बीते दिन मुख्तार के बड़े बेटे अब्बास अंसारी को बड़ी राहत मिली है.

अब्बास अंसारी और उमर अंसारी (फाइल फोटो)

पूर्व सांसद और माफिया मुख्तार अंसारी की मौत के बाद अब पूरा परिवार तितर-बितर हो चुका है. मुख्तार अंसारी की पत्नी अफसा फरार है, उसपर 50000 रुपए का इनाम है. वहीं, मुख्तार के दोनों बेटों की स्थिती भी कम खराब नहीं है. हाल में मुख्तार के बड़े बेटे अब्बास अंसारा को कोर्ट से बड़ी राहत मिली है, जिससे अब्बास को खोई हुई विधायकी वापस मिल गई. वहीं, गुरुवार को कोर्ट से जेल में बंद अब्बास के छोटे भाई उमर अंसारी को तगड़ा झटका लगा है.

गाजीपुर जिले के एडीजे प्रथम शक्ति सिंह की कोर्ट ने आज उमर अंसारी की जमानत अर्जी खारिज कर दी है. यह याचिका 10 करोड़ रुपये की जमीन को जप्त करने के आदेश के खिलाफ दायर की गई थी. उमर अंसारी और उनके वकील पर कोर्ट में फर्जी दस्तावेज पेश करने का आरोप है. इस मामले में 3 अगस्त को लखनऊ से उमर अंसारी को गाजीपुर पुलिस ने रेकी कर गिरफ्तार किया था.

उमर अंसारी के खिलाफ क्या है आ्ररोप?

माफिया मुख्तार अंसारी के छोटे बेटे उमर पर जालसाजी और धोखाधड़ी का आरोप है. गैंगस्टर एक्ट के तहत मुख्तार अंसारी की 10 करोड़ की संपत्ति डीएम के आदेश पर जप्त की गई थी. इस संपत्ति को रिलीज करने के लिए उमर अंसारी ने अपनी मां अफसा की जाली हस्ताक्षर अपने वकील के माध्यम से कोर्ट में पेश किया था. जांच में विधि विज्ञान प्रयोगशाला ने हस्ताक्षरों को फर्जी पाया.

इसके बाद मोहम्मदाबाद पुलिस ने इस मामले पर उमर अंसारी और उनके वकील लियाकत अली पर मुकदमा दर्ज किया था. जिसके बाद 3 अगस्त को उमर को लखनऊ स्थित विधायक निवास से अरेस्ट किया गया था. गाजीपुर पुलिस ने उमर को कोर्ट में पेश किया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया था. वह फिलहाल, जेल में बंद है.

कोर्ट ने उमर के जमानत पर क्या कहा?

गाजीपुर जिले के एडीजे प्रथम शक्ति सिंह की कोर्ट ने इस मामले में आज सुनवाई की. कोर्ट में दोनों पक्ष के अधिवक्ताओं के द्वारा बहस की गई. दोनों पक्ष को सुनने के बाद जस्टिस शक्ति सिंह ने उमर अंसारी की जमानत याचिका को खारिज कर दिया. शासकीय अधिवक्ता नीरज श्रीवास्तव ने बताया कि इस मामले में उमर अंसारी के वकील लियाकत अली के जमानत पर कोर्ट में कल सुनवाई होगी.

अब्बास अंसारी को कोर्ट से मिली बड़ी राहत

वहीं, उमर के बड़े भाई अब्बास अंसारी को बीते दिन कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. अब्बास अंसारी पर साल 2017 के चुनाव प्रचार में भड़काऊ भाषण देने का आरोप लगा था. इस मामले में एमपी/एमएलए कोर्ट ने 31 मई 2025 को अब्बास अंसारी को दो साल की सजा सुनाई थी. इसके अगले दिन अब्बास अंसारी को अपनी विधायकी गंवानी पड़ी थी. अब्बास ने इसे हाईकोर्ट में चुनौति दी. वहीं, 20 अगस्त को हाईकोर्ट ने एमपी/एमएलए कोर्ट के आदेश को रद्द कर दिया. अब्बास अंसारी मऊ सदर सीट से विधायक हैं.