असली मां-बाप ने ठुकराया, विदेशी मम्मी-पापा ने गोद लिया, तीन नन्ही जानों को मिला नया परिवार

गाजियाबाद में समाज द्वारा ठुकराए गए बच्चों को अब नया परिवार मिल रहा है. घरौंदा अनाथालय की मदद से, अमेरिका और मॉरीशस के दंपतियों ने तीन बच्चियों को गोद लिया है. इनमें वो बहनें भी शामिल हैं जिन्हें गाजियाबाद स्टेशन पर छोड़ा गया था. ये प्रक्रिया कानूनी नियमों के तहत पूरी की गई है, जिससे इन बच्चों को विदेश में एक सुरक्षित और प्यार भरा भविष्य मिल सके.

बच्चों को मिला नया घर

कई बच्चे ऐसे बच्चे होते हैं जिन्हें माता-पिता किसी न किसी वजह से ठुकरा देते हैं. कुछ मां-बाप तो ऐसे होते हैं जो अपने ही बच्चों को सड़क पर छोड़ देते हैं. ऐसे बच्चों को सोशल वर्कर्स या कुछ अनाथालय अपनाते हैं. गाजियाबाद से ऐसी ही खबर सामने आई है, जहां तीन बच्चों को अपनाया गया है, जिन्हें समाज ने ठुकरा दिया था. इन तीन बच्चों को दो दंपतियों ने गोद लिया है. एक दंपति अमेरिका के रहने वाले हैं जिन्होंने दो बच्चियों को अपनाया, वहीं दूसरे दंपति मॉरीशस के हैं जिन्होंने एक बच्ची को अपनाया.

मिली जानकारी के अनुसार, जिन दो बहनों को अमेरिकी दंपति ने अपनाया है, उन्हें उनके माता-पिता गाजियाबाद स्टेशन पर छोड़ गए थे. लाइलाज बीमारी का खर्च वहन न कर पाने के कारण उनके माता-पिता ने ये कदम उठाया.

घरौंदा की अधीक्षक कनिका के अनुसार, घरौंदा को सरकार की तरफ से कोई मदद नहीं मिलती है. बावजूद इसके, घरौंदा में 29 बच्चे हैं, जिन्हें उनके परिजन किसी न किसी वजह से छोड़ गए थे. इन सभी बच्चों को हर संभव मदद दी जाती है और उन्हें दंपतियों को गोद देने की प्रक्रिया भी नियमों और कानूनी प्रक्रिया के तहत की जाती है.

गोद लेने की प्रक्रिया

इन बच्चों को अपनाने के लिए सीमित समय के लिए वेबसाइट खोली जाती है. अगर इस तय समय में कोई उन्हें नहीं अपनाता, तो वेबसाइट को विदेशों में भी दिखाया जाता है. इसके बाद लोग आवेदन कर सकते हैं और बच्चों को अपना बना सकते हैं.

इस प्रक्रिया के तहत अमेरिका के न्यू जर्सी के दंपति इन दो बच्चियों के सहारा बने हैं. वहीं, तीसरी बच्ची एक अस्पताल के बाहर मिली थी. इस बच्ची को मॉरीशस के एक दंपति ने गोद लिया है. सारी कानूनी प्रक्रिया पूरी होने के बाद इन दो बहनों को अमेरिका और तीसरी बच्ची को मॉरीशस में उनके नए परिवार के पास सौंप दिया जाएगा.

इस पहल से न सिर्फ बच्चों को नया परिवार मिलेगा, बल्कि उन्हें एक बेहतर भविष्य भी मिलेगी. इस तरह की गोद लेने की प्रक्रिया से बच्चों को प्यार, सुरक्षा और अच्छे वातावरण में बड़े होने का अवसर मिलता है. इससे समाज में ऐसे मासूमों के प्रति जागरूकता बढ़ती है और अन्य लोग भी गोद लेने के लिए प्रेरित होते हैं.