कौन थे बीजेपी कार्यकर्ता सियाराम, जिसकी पुलिस पिटाई में हुई मौत… साथियों ने जिलाध्यक्ष को घेरा

मृतक सियाराम उपाध्याय दिव्यांग थे और लंबे समय से भाजपा कार्यकर्ता थे. गाजीपुर में धरना के दौरान उनकी पुलिस लाठीचार्ज में मौत हो गई. इसके बाद से बवाल मचा है. वहीं बीजेपी जिलाध्यक्ष के 'भाजपा का धरना नहीं था' वाले बयान से आक्रोश और बढ़ गया है. एएसपी को जांच सोंपा गया है.

पुलिस लाठीचार्ज में भाजपा कार्यकर्ता सियाराम उपाध्याय की मौत

गाजीपुर में भाजपा कार्यकर्ता सियाराम उपाध्याय की पुलिस लाठीचार्ज के बाद मौत हो गई है. आरोप है कि पुलिस ने थाने की लाइट बंद करवाकर बीजेपी कार्यकर्ताओं को जमकर पीटा. ये लोग थाने में धरना दे रहे थे. इस दौरान अचानक लाइट चली गई और पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया, इससे सियाराम बुरी तरह घायल हुए और उनकी मौत हो गई. मामले में एसपी ने थाना अध्यक्ष समेत 6 को सस्पेंड किया है, जबकी 6 पुलिसकर्मी लाइन हाजिर हुए हैं.

मामला गाजीपुर के नोनहरा थाना क्षेत्र के रुकूनुद्दीनपुर ग्राम सभा का है. जहां पर 9 सितंबर की रात में भाजपा कार्यकर्ता बिजली की पोल हटाने की मांग को लेकर थाने पर धरना दे रहे थे. अचानक अंधेरे में लाठीचार्ज में कई लोग घायल हो गए. आरोप है कि सभी को दौड़ा-दौड़ा कर मारा गया. चूकी सियाराम उपाध्याय एक पैर से दिव्यांग थे, वो भाग नहीं पाए और पुलिस वालों ने उन्हें बेरहमी से पीटा.

BJP जिलाध्यक्ष के खिलाफ लगे मुर्दाबाद के नारे

पिटाई में घायल बीजेपी कार्यकर्ता सियाराम उपाध्याय की गुरुवार को मौत हो गई. परिजनों का आरोप है पुलिस ने उन्हें बेरहमी से पीटा था, पूरा शरीर काला पड़ गया था. इसको लेकर बवाल मचा ही था कि बीच में बीजेपी जिलाध्यक्ष ओम प्रकाश राय ने इसे और भड़का दिया. उन्होंने सियाराम उपाध्याय से किनारा करते कह दिया कि ये भाजपा का धरना नहीं था.

ओम प्रकाश राय ने प्रदर्शन स्थल पर भी इस बात को दोहराया, जिससे बीजेपी कार्यकर्ताओं में आक्रोश और बढ़ गया. इसके बाद वहां पर एकत्रित ग्रामीण और सियाराम उपाध्याय के साथी जिला अध्यक्ष मुर्दाबाद के नारे लगाने लगे और हंगामा की स्थिति मच गई. पुलिस ने चोट लगने से मौत की बात कही, और पुलिस अधीक्षक ने एएसपी को जांच के आदेश दिए गए हैं.

BJP के सक्रिय कार्यकर्ता थे सियाराम

सियाराम उपाध्याय पिछले 15-20 सालों से भाजपा के सक्रिय कार्यकर्ता थे. वह अपने परिवार में दो भाइयों में दूसरे नंबर का थे. उनके पिता गिरजा उपाध्याय जो बुजुर्ग हैं और घर पर ही रहते हैं. इनकी मां भागीरथी देवी भी परिवार के साथ रहती हैं. आर्थिक स्रोत की बात करें तो खेती किसानी के नाम पर करीब दो बीघा जमीन था, जिससे परिवार का खर्च चलाता था.

वहीं उनके राजनीतिक कैरियर की बात करें तो, सियाराम उपाध्याय आरएसएस में ब्लॉक कार्यकर्ता के रूप में पिछले दिनों रहे हैं. साथ ही भाजपा के बूथ अध्यक्ष भी रहे हैं. परिवार वालों और उनके मित्रों की बात करें तो एक पैर से दिव्यांग होने के साथ ही साथ सियाराम उपाध्याय बाल ब्रह्मचारी रहने की सोच रखते थे और इसी कारण अभी तक शादी नहीं किए थे.

पूरे मामले का मजिस्ट्रेटियल जांच होगा-एसपी

पुलिस अधीक्षक डॉक्टर ईरज राजा ने बताया कि दो पक्षों के बीच बिजली के खंभे को लेकर विवाद था. लेकिन वह लोग थाने पर 25-30 की संख्या में आकर बैठ गए थे जिसे पुलिस ने हटाने का भी आग्रह किया था. रात में एकाएक बिजली जाने के कारण कुछ अफरा तफरी मची और उसके बाद सभी लोग चले गए थे. आज सूचना मिली कि एक व्यक्ति की मौत हो गई.

उन्होंने बताया कि सियाराम उपाध्याय की चोट लगने के कारण मौत हुई है, जिसकी हमारे द्वारा जांच कराई जाएगी. जांच के आदेश एएसपी को दिए हैं. पूरे मामले का मजिस्ट्रेटियल जांच होगा. फिलहाल, मामले में थाना अध्यक्ष समेत 6 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड किया गया है, जबकी 6 पुलिसकर्मी लाइन हाजिर हुए हैं. घटना की जांच जारी है.